अब और भी स्वादिष्ट होगा ट्रेन की पैंट्रीकार में बना भोजन, दूध भी होगा उपलब्ध, जानें Patna News
रेलवे ने पैंट्रीकार को पूरी तरह ‘फ्लेमलेस’ बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। अब इंडक्शन चूल्हे से बना हुआ स्वादिष्ट भोजन यात्रियों को मुहैया कराया जाएगा।
पटना, जेएनएन। ट्रेनों में गैस स्टोव के उपयोग से आए दिन आग लगने की छोटी-बड़ी घटनाएं होती हैं। ट्रेनों के पैंट्रीकार में भोजन बनाने अथवा चाय बनाने के लिए गैस स्टोव जलाए जाते हैं। रेलवे ने ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए ट्रेनों के पैंट्रीकार को पूरी तरह ‘फ्लेमलेस’ बनाने की तैयारी शुरू कर दी है।
पैंट्रीकार को बेस किचेन से ही बना हुआ भोजन लेना होगा। ट्रेन में गैस स्टोव जलाकर भोजन बनाने पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। ट्रेनों में हीटर के प्रयोग को भी पूरी तरह वर्जित कर दिया गया है। इसके लिए पैंट्रीकार में बदलाव किया जा रहा है।
रेलवे बोर्ड की ओर से कोच निर्माण फैक्ट्री को बदलाव करने का प्रस्ताव भेजा जा चुका है। रेल अधिकारियों की मानें तो बेस किचेन के बावजूद भोजन अथवा स्नैक्स बनाने की आवश्यकता पड़ती है तो इसके लिए ‘फ्लेमलेस’ स्टोव रखने की छूट दी गई है। इसके तहत अब पैंट्रीकार में इंडक्शन चूल्हा रखा जा सकता है। रोटी बनाने के लिए रोटी मेकर मशीन रखनी होगी। इंडक्शन चूल्हे पर भी रोटी बना सकते हैं।
इतना ही नहीं यात्रियों की मांग पर दूध गरम करने अथवा विशेष भोजन बनाने के लिए पैंट्रीकार प्रबंधन की ओर से इंडक्शन चूल्हे व इंडक्शन बर्तन का ही प्रयोग किया जा सकता है। पैंट्रीकार कोच में बदलाव कर इंडक्शन चूल्हे के उपयोग करने की व्यवस्था की जाएगी। अधिकांश भोजन सामग्री आइआरसीटीसी के बेस किचेन से ही लेनी होगी।