Move to Jagran APP

सवर्णों को दिए गए 10% आरक्षण पर बिहार में तेज ह‍ै सियासत

केंद्र सरकार ने सवर्ण गरीबों को 10 फीसद आरक्षण देकर बड़ा चुनावी मास्‍टर स्‍ट्रोक खेला है। इसे लेकर बिहार में सियासी बयानबाजी तेज हो गई है।

By Amit AlokEdited By: Published: Mon, 07 Jan 2019 02:45 PM (IST)Updated: Tue, 08 Jan 2019 09:04 AM (IST)
सवर्णों को दिए गए 10% आरक्षण पर बिहार में तेज ह‍ै सियासत

पटना [जेएनएन]। आगामी लोकसभा चुनाव के पहले केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने मास्‍टर स्‍ट्रोक खेला है। केंद्रीय कैबिनेट ने सवर्ण जातियों को नौकरियों में 10 फीसद आरक्षण देने का बड़ा फैसला किया है। इस फैसले का लाभ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को आगामी लोकसभा चुनाव में मिल सकता है। इसके बाद बिहार में सियासत गरमा गई है।
सवर्ण जातियों को दिया 10 फीसद आरक्षण
जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्‍यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में सवर्ण जातियों के अभ्‍यर्थियों को नौकरियों में 10 फीसद आरक्षण देने का फैसला लिया। इसका लाभ आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्ण गरीबों को मिलेगा। इसका लाभ वैसे लोगों को मिलेगा, जिनके परिवार की आया सालाना आठ लाख से कम है।

loksabha election banner

सवर्ण जातियों को पाले में करने की कोशिश
एसएसटी एक्‍ट पर मोदी सरकार के फैसले के बाद सवर्ण जातियों में नाराजगी और हाल के विधानसभा चुनाव में तीन राज्‍यों में मिली हार के मद्देनजर केंद्र के इस फैसले को अगड़ों को अपने पाले में करने की कोशिश माना जा रहा है। माना जा रहा है कि मंगलवार को शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन केंद्र सरकार इसके लिए संसद में संविधान संशोधन बिल पेश कर सकती है। अगर ऐसा होता है तो आरक्षण की सीमा वर्तमान 49 फीसद से बढ़कर 59 फीसद हो जाएगी।
बिहार में फैसले का दूरगामी सियासी असर तय
केंद्र सरकार के इस फैसले का बिहार में दूरगामी सियासी असर तय है। इसे भाजपा का सवर्ण तबके को जोड़ने का प्रयास माना जा रहा है। तीन राज्‍यों में हार के बाद केंद्र सरकार के इस कदम को आगामी लोकसभा व विधानसभा चुनावों से जोड़कर देखा जा रहा है।
मांझी-पासवान भी पहले कर चुके मांग
बिहार की बात करें तो हिंदुस्‍तानी अवाम मोर्चा (हम) सुप्रीमो जीतन राम मांझी तथा लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) सुप्रीमो रामविलास पासवान सवर्ण गरीबों के लिए आरक्षण की मांग पहले कर चुके हैं। पासवान राजग का हिस्‍सा हैं ताे मांझी विपक्षी महागठबंधन में हैं। हालांकि, राष्‍ट्रीय जनता दल (राजद) ने सवर्ण गरीबों के लिए आरक्षण की मांग नहीं की है।
बिहार में पक्ष-विपक्ष की राजनीति तेज
सवर्णों को आरक्षण देने पर बिहार में सियासत गरमाती दिख रही है। खास बात यह कि विपक्षी महागठबंधन इस मुद्दे पर एकमत नहीं दिख रही। कांग्रेस व हिंदुस्‍तानी अवाम मोचा (हम) सवर्णों के आरक्षण के पक्ष में हैं तो राजद विरोध में।
सरकार का फैसला छलावा, कैबिनेट से आरक्षण देना संभव नहीं: कांग्रेस
बिहार कांग्रेस के प्रवक्‍ता प्रेमचंद मिश्रा कहते हैं कि कांग्रेस सिद्धांत रूप से इस बात की पक्षधर है कि गरीब सवर्णों को आरक्षण का लाभ मिले, लेकिन कैबिनेट के फैसले से सरकार आरक्षण नहीं दे सकती। ऐसे ही एक मामले में पहले सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी। इसलिए केंद्र का यह फैसला छलावा है। यह गरीब सवर्णों का मजाक उड़ाने की कोशिश है। अगर आपकी नीयत साफ है ताे संवैधानिक प्रावधान करना चाहिए।
मांझी ने किया फैसले का स्‍वागत, बोले- 15 फीसद हो सवर्ण आरक्षण
हम' सुप्रीमो जीतन राम मांझी भी गरीब सवर्णों को आरक्षण देने के पक्षधर हैं। उन्‍होंने कहा कि देर से ही सही केंद्र ने अच्‍छा फैसला लिया है। लेकिल आरक्षण की सीमा 10 से 15 फीसद की जानी चाहिए। साथ ही सरकार एससी-एसटी का आरक्षण 25 फीसद करे। आरक्षण की सीलिंग भी 49 की जगह 85 फीसद होनी चाहिए।
तेजस्‍वी ने किया सवर्ण आरक्षण का विरोध, कही ये बात
उधर, महागठबंधन का बड़ा घटक दल राजद गरीब सवर्णों को आरक्षण देने के विरोध में है। सवर्णों को आरक्षण के मामले पर बोलते हुए राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बेटे व बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्‍वी यादव ने कहा कि आरक्षण्‍ा तो 85 फीसद वाले पिछड़ी जातियों का बढ़ना चाहिए। वर्तमान में 15 फीसद लोग 50 फीसद लाभ ले रहे हैं।
तेजस्‍वी ने सवाल किया कि केंद्र सरकार आखिर जातिगत जनगणना के आंकड़े सार्वजनिक क्‍यों नहीं कर रही है? इससे पता चल जाएगा कि कौन सी जाति कितनी गरीब है। तेजस्‍वी ने तंज कसा कि पीएम मोदी सरकार अगर गरीबों की आर्थिक स्थिति ठीक करना चाहती है तो सबों के खाते में 15-15 लाख डाले। साथ ही युवाओं को दो करोड़ रोजगार दे।
मंत्री जय कुमार सिंह बोले: केंद्र ने गरीब सवर्णों के साथ किया न्‍याय
बिहार के उद्योग मंत्री जयकुमार सिंह ने कहा कि बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने सवर्ण आयोग का गठन किया था। आज केंद्र सकार ने सवर्णों के साथ न्‍याय किया है। हम किसी के आरक्षण से छेड़छाड़ किए बिना गरीब सवर्णों को आरक्षण देने का स्‍वागत करते हैं।
बिहार में महागठबंधन को नुकसान की आशंका
लोकसभा चुनाव के दौरान बिहार में केंद्र सरकार के इस कदम का लाभ राजग को मिल सकता है। बिहार में राजग के साथ अगड़ी जातियों की गोलबंदी हो सकती है। इसका सीधा नुकसान महागठबंधन, खासकर राजद को हो सकता है।

यह भी पढ़ें-
इस्लाम छोड़ चुकी इस युवती को मारना चाहता है परिवार, घर वापसी रोकने को लगाई गुहार


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.