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आरसीपी के नाम पर जदयू के लिए भाजपा छोड़ सकती है दूसरी सीट, इसके बदले BJP की है एक लालसा

भाजपा और जदयू के राज्यसभा प्रत्याशियों के नाम तय नहीं हो पा रहे हैं। राजद के हिस्से की दोनों सीट पर नामांकन होने के बाद राजग पर दबाव बढ़ गया है। राज्यसभा की पांच में से तीन सीटें राजग के हिस्से आ रही हैं।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Sat, 28 May 2022 07:47 PM (IST)Updated: Sat, 28 May 2022 07:47 PM (IST)
आरसीपी के नाम पर जदयू के लिए भाजपा छोड़ सकती है दूसरी सीट, इसके बदले BJP की है एक लालसा
केंद्रीय इस्पात मंत्री आरसीपी सिंह। जागरण आर्काइव।

राज्य ब्यूरो, पटना : बिहार में राज्यसभा की पांच और विधान परिषद की सात सीटों पर चुनाव होने जा रहे हैं। राजग के मामले में दोनों चुनाव की कड़ी आपस में जुड़ रही है। इसी कारण भाजपा और जदयू के राज्यसभा प्रत्याशियों के नाम तय नहीं हो पा रहे हैं। इसी पेंच में केंद्रीय इस्पात मंत्री आरसीपी सिंह की सदस्यता फंसी हुई है। उधर, राजद के हिस्से की दोनों सीट पर नामांकन होने के बाद राजग पर दबाव बढ़ गया है। राज्यसभा की पांच में से तीन सीटें राजग के हिस्से आ रही हैं। विधायकों की संख्या के हिसाब से भाजपा को दो और जदयू को एक सीट मिलेगी। किंतु भाजपा को राज्यसभा की दो सीटों के लिए जदयू से अतिरिक्त पांच वोटों की जरूरत होगी तो विधान परिषद में तीन सीटों के लिए अतिरिक्त 16 वोट चाहिए। सौदेबाजी यहीं पर है। 

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भाजपा का प्रयास विधान परिषद में अधिक सीटें प्राप्त करने का है, जो जदयू के सहयोग के बगैर संभव नहीं है। राजनीति में कोई भी सहयोग लाभ के उद्देश्य से होता है। स्पष्ट है कि जदयू को भी इसका उचित मूल्य चाहिए। इसी बिंदू पर दोनों दलों में जिच है। ऐसे में चर्चा है कि जदयू की हैसियत छोटी होने के बावजूद भाजपा उसे राज्यसभा की दो सीटें दे सकती है बशर्ते कि एक सीट पर केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह को जदयू प्रत्याशी बनाए। भाजपा को भी इस अहसान का मूल्य चाहिए। उसने विधान परिषद में दो के बजाए तीन सीट लेने का फार्मूला जदयू के सामने पेश किया है। 

एनडीए में इकलौता मजबूत साझेदार है जदयू 

राजग में दिल्ली से पटना तक भाजपा का जदयू अब इकलौता मजबूत साझेदार है। यही वजह है कि भाजपा हर हाल में जदयू के साथ गठबंधन बरकरार रखना चाहती है। राष्ट्रीय स्तर इसका बड़ा महत्व भाजपा देख रही है। वहीं, जदयू भी इस बात को अच्छे से समझ रहा है। इस वजह से पूरी तरह तोल-मोल कर भाजपा बिहार में राजग को बरकरार रखना चाहती है। इसमें जदयू के हिस्से से राजग में शामिल पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हम की भूमिका भी खास रहने की चर्चा है। इस बीच राजग के वरिष्ठ नेताओं का दावा है कि सोमवार तक हर हाल में राजग प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर दी जाएगी। 

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