ललन सिंह बोले- देश में अघोषित आपातकाल, मोदी सरकार कर रही एजेंसियों का दुरुपयोग, 2024 में होगा सफाया
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं लोकसभा में पार्टी संसदीय दल के नेता राजीव रंजन सिंह ऊर्फ ललन सिंह ने कहा कि वह अपने राजनीतिक विरोधियों को परेशान करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है लेकिन यह दौर लंबा नहीं चलेगा। देश की जनता सब देख रही है।
राज्य ब्यूरो, पटना: जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं लोकसभा में पार्टी संसदीय दल के नेता राजीव रंजन सिंह ऊर्फ ललन सिंह ने कहा कि देश में अभी अघोषित आपातकाल है। सभी संवैधानिक संस्थाओं पर केंद्र सरकार का नियंत्रण है। भाजपा की नेतृत्व वाली केंद्र सरकार यानी कि मोदी सरकार कुछ भी कर सकती है।
उन्होंने कहा कि वह अपने राजनीतिक विरोधियों को परेशान करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है, लेकिन यह दौर लंबा नहीं चलेगा। देश की जनता सब देख रही है। साल 2024 के लोकसभा चुनाव में देश भाजपा मुक्त हो जाएगा।
ललन सिंह शनिवार को पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। इस दौरान, उन्होंने कहा कि उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव के खिलाफ सीबीआई की कार्रवाई दुर्भावना से प्रेरित है। साल 2008 के बाद सीबीआई ने दो बार जमीन के बदले नौकरी मामले की जांच की, लेकिन कुछ नहीं मिला तो जांच बंद कर दी गई। कह सकते हैं कि उस समय यूपीए की सरकार थी, इसलिए कार्रवाई नहीं हुई।
नीतीश के महागठबंधन में शामिल होते ही मिल गए सबूत
जदयू अध्यक्ष ने कहा कि साल 2014 में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी और फिर 2022 तक सीबीआई को कुछ नहीं मिला, लेकिन जैसे ही 9 अगस्त 2022 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार महागठबंधन में शामिल हुए। उसके बाद सीबीआई को दिव्य ज्ञान से तेजस्वी यादव के खिलाफ सबूत मिलने लगे।
उन्होंने कहा कि बदले की भावना से बौखलाहट में दबाव बनाने के लिए कार्रवाई की जाने लगी। जदयू समेत 14 दलों ने सुप्रीम कोर्ट में केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग को रोकने के लिए याचिका दायर की है। जिस पर 5 अप्रैल को सुनवाई है।
विपक्ष की आवाज कुचलना चाहती है केंद्र सरकार: उमेश कुशवाहा
जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने शनिवार को कहा कि देश की मौजूदा हालत बेहद चिंताजनक है। दुर्भावना से ग्रस्त केंद्र सरकार षड्यंत्र कर विपक्ष की आवाज को दबा रही है। केंद्र की निरंकुश सरकार जानबूझ कर विपक्षी नेताओं को परेशान कर रही है। आलोचना करने वालों की आवाज को दबाया जा रहा। जनता के मूल मुद्दों की बात करने वाले नेताओं को गैरकानूनी तरीके से केंद्र सरकार प्रताड़ित कर रही है। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के मामले में केंद्र सरकार के इशारे पर लोकसभा के अध्यक्ष ने जिस तत्परता से अपना फैसला सुनाया वह नि:संदेह सवालों के घेरे में है।