Bihar Politics: टिकट बंटवारे में दोनों गठबंधनों के 'परिवारवाद' का पलड़ा बराबर, पढ़ लीजिए सभी की लिस्ट
Bihar News बिहार में लोकसभा चुनाव से पहले परिवारवाद पर खूब चर्चा हो रही है। महागठबंधन और एनडीए दोनों गठबंधन एक दूसरे पर परिवारवाद का आरोप लगा रहे हैं। लेकिन इन दोनों के दावे में अलग ही बात निकलकर सामने आई है। दोनों गठबंधन के उन उम्मीदवारों की संख्या 24 है जिनके पिता या पति पहले से राजनीति में हैं।
राज्य ब्यूरो, जागरण। Bihar Politics News Hindi: बिहार में लोकसभा चुनाव में परिवारवाद का मुद्दा सुर्खियों में है। दोनों गठबंधन एक दूसरे पर परिवारवाद का आरोप लगाकर वोट बैंक को साधने की कोशिश में लगे हैं। लेकिन जब उम्मीदवारों के सही आंकड़े निकाले गए तो इस मामले में दोने गठबंधन बराबरी पर दिख रहे हैं।
लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष मीरा कुमार के पुत्र अंशुल अविजीत की पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस की उम्मीदवारी की घोषणा के साथ ही महागठबंधन और राजद के उम्मीदवारों की सूची पूरी हो गई। दोनों गठबंधन के उन उम्मीदवारों की संख्या 24 है, जिनके पिता या पति पहले से राजनीति में हैं।
संसद या विधानसभा की शोभा बढ़ा चुके हैं या बढ़ा रहे हैं। इनमें कुछ ऐसे भी हैं, जो पहले से सांसद या विधायक हैं। दो तो इस समय भी राज्यसभा के सदस्य हैं। रोचक यह कि इस मोर्चे पर दोनों गठबंधन बराबरी (12-12) पर हैं।
वाल्मिकिनगर से जदयू के उम्मीदवार सुनील कुमार के पिता वैद्यनाथ महतो सांसद थे। सुनील को विरासत में यह सीट मिली। अब वे दूसरी बार सांसद बनने के लिए मैदान में हैं।
जदयू की सिवान से उम्मीदवार विजय लक्ष्मी के पति रमेश कुशवाहा जदयू के विधायक थे। शिवहर से जदयू उम्मीदवार लवली आनंद सांसद और विधायक रह चुकी हैं। मगर उनकी पहचान पूर्व सांसद आनंद मोहन की पत्नी के रूप में ही है।
भाजपा के पांच उम्मीदवार राजनीति में दूसरी पीढ़ी का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। पश्चिमी चंपारण के उम्मीदवार डा. संजय जायसवाल के पिता डा. मदन प्रसाद जायसवाल सांसद थे। पूर्व सांसद हुकुमदेव नारायण यादव के पुत्र अशोक कुमार यादव मधुबनी से भाजपा उम्मीदवार हैं।
औरंगाबाद से भाजपा उम्मीदवार सुशील कुमार सिंह के पिता रामनरेश सिंह भी सांसद थे। ये तीनों उम्मीदवार 2014 और 2019 के चुनाव में भी लोकसभा के लिए चुने गए थे। सासाराम से भाजपा उम्मीदवार शिवेश राम पूर्व विधायक हैं। ये पूर्व सांसद मुनिलाल के पुत्र हैं। पूर्व सांसद डा. सीपी ठाकुर के पुत्र विवेक ठाकुर नवादा से भाजपा उम्मीदवार हैं। ये राज्यसभा सदस्य भी हैं।
लोजपा (रा) के पांच में चार
लोजपा (रा) के कुल पांच में से चार उम्मीदवार परिवारवादी राजनीति की देन हैं। चिराग पासवान (हाजीपुर)लोजपा के संस्थापक रामविलास पासवान के पुत्र हैं। डा. अरुण भारती(जमुई) चिराग के बहनोई हैं। शांभवी चौधरी (समस्तीपुर) ग्रामीण कार्य मंत्री डा. अशोक चौधरी की पुत्री हैं। वीणा देवी (वैशाली) जदयू के विधान परिषद सदस्य दिनेश कुमार सिंह की पत्नी हैं। चिराग और वीणा पहले से सांसद हैं।
कांग्रेस ने बनाया रिकार्ड
परिवारवाद के मोर्चे पर कांग्रेस का रिकार्ड सबसे मजबूत है। इसके नौ में से पांच उम्मीदवार इस परंपरा के हैं। आकाश सिंह (महाराजगंज) प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डा. अखिलेश प्रसाद सिंह के पुत्र हैं। अंशुल अविजीत (पटना साहिब) की मां मीरा कुमार लोकसभा की अध्यक्ष और केंद्र में मंत्री रह चुकी हैं। मुजफ्फरपुर के उम्मीदवार अजय निषाद के पिता कैप्टन जय नारायण प्रसाद निषाद सांसद और केंद्र में मंत्री थे।
कांग्रेस का अभिनव प्रयोग समस्तीपुर में हुआ है। उसने जदयू सरकार के मंत्री महेश्वर हजारी के पुत्र सन्नी हजारी को वहां से अपना उम्मीदवार बनाया है। किशनगंज के कांग्रेस उम्मीदवार मो. जावेद के पिता मो. हुसैन आजाद मंत्री और विधायक थे।
राजद में लगभग एक तिहाई
राजद के 23 में से सात उम्मीदवारों का राजनीति में प्रवेश पारिवार पर आधारित है। पार्टी अध्यक्ष लालू प्रसाद की दो पुत्रियां डा. मीसा भारती (पाटलिपुत्र) और डा. रोहिणी आचार्य (छपरा) उम्मीदवार हैं। गया के राजद उम्मीदवार कुमार सर्वजीत के पिता राजेश कुमार सांसद थे। उजियारपुर के उम्मीदवार डा. आलोक मेहता के पिता तुलसी दास मेहता पुराने समाजवादी और राज्य सरकार में मंत्री थे।
अररिया के उम्मीदवार मो. शाहनवाज आलम के पिता मो. तस्लीमउद्दीन सांसद और राज्य सरकार में मंत्री थे। मधेपुरा के उम्मीदवार प्रो. कुमार चंद्रदीप के पिता प्रो. रमेंद्र कुमार रवि सांसद थे। बक्सर के राजद उम्मीदवार सुधाकर सिंह पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व सासंद जगदानंद के पुत्र हैं।
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