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    पटना सेक्स स्कैंडल में नया मोड़, पुलिस ने ही उठाए जांच पर सवाल, रडार पर CBSE

    By Amit AlokEdited By:
    Updated: Sun, 16 Apr 2017 10:58 PM (IST)

    पटना के हाई प्रोफाइल सेक्‍स स्‍कैंडल मामले में पीडि़ता की उम्र के सबूत नहीं देने के कारण सीबीएसई भी जांच के दायरे में आ गया है। उधर, सीआइडी के एडीजी ने जांच पर सवाल उठा दिए हैं।

    पटना सेक्स स्कैंडल में नया मोड़, पुलिस ने ही उठाए जांच पर सवाल, रडार पर CBSE

    पटना [राज्य ब्यूरो]। बिहार के एक पूर्व मंत्री की नाबालिग बेटी से दुष्कर्म मामले में नया मोड़ आया है। सीआइडी के एडीजी ने ही सीआइडी जांच को कटघेर में खड़ा कर दिया है। उधर, घटना की जांच कर रही सीआइडी की एसआइटी के रडार पर केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) भी आ चुका है। घटना का मुख्य आरोपी ऑटी कारोबारी निखिल प्रियदर्शी फिलहाल बेउर जेल में है।

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    विदित हो कि सीबीएसई की वेबसाइट पर पीडि़ता की दो-दो जन्मतिथियां हैं। अब यह सीबीएसई को ही स्पष्ट करना है कि वेबसाइट पर उपलब्ध दोनों जन्मतिथियों में सही क्या है। सीबीएसई पर आरोप है कि सीआइडी द्वारा बार-बार पीडि़ता की उम्र के संबंध में पत्राचार किए जाने के बावजूद उसने वास्तविक उम्र से संबंधित दस्तावेज पुलिस को उपलब्ध नहीं कराए हैं, जिससे जांच प्रभावित हो रही है।

    सीआइडी के एडीजी विनय कुमार ने एसआइटी की अबतक की जांच पर भी कई गंभीर सवाल उठाए हैं। केस डायरी के अनुसार बोरिंग रोड स्थित एक फ्लैट में सेक्स रैकेट के संचालन का आरोप पीडि़ता ने लगाया है। इस फ्लैट में रहने वाले एक शख्स को एसआइटी ने मामले में गवाह बना दिया है, जबकि एडीजी विनय कुमार का कहना है सेक्स रैकेट संचालन मामले में वह व्यक्ति गवाह नहीं, आरोपी होना चाहिए।

    इसी तरह, कमजोर वर्ग के आइजी अनिल किशोर यादव ने एफएसएल जांच के लिए एक ऑडियो क्लिप भी उपलब्ध कराया है, जो पीडि़ता के साथ दुष्कर्म मामले में साक्ष्य हो सकता है। लेकिन, एडीजी का कहना है कि एफएसएल के प्रावधानों के अनुसार किसी भी ऑडियो क्लिप के साथ वह मूल उपकरण ही एफएसएल जांच के लिए भेजा जाएगा, जिसमें किसी की मूल आवाज रिकॉर्ड है। लेकिन, इस ऑडियो टेप मामले में भी एफएसएल जांच के प्रावधानों का पालन नहीं किया गया।