बिहार में वज्रपात से हुई 57 की मौत, सरकार देगी चार लाख का मुआवजा
बिहार में मानसून के आगमन के पहले दिन ही राज्य के विभिन्न हिस्सों में वज्रपात से 57 लोगों की मौत हो गई और आठ लोग घायल हो गए हैं, जिसमें दो की स्थिति गंभीर बनी हुई है।
पटना [जेएनएन]। मानसून ने मंगलवार को बिहार में दस्तक दे दी। इससे आमतौर पर खुशी दिखी, लेकिन कई इलाकों में आसमानी बिजली कहर बनकर गिरी। पहली बारिश में हुए वज्रपात से राज्य में 57 लोगों की मौत हो गई है। कई लोग गंभीर रूप से घायल भी बताए जा रहे हैं। मरने वालों की संख्या बढ़ भी सकती है।
हालांकि, राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग के मुख्य सचिव व्यास जी ने बताया कि कल वज्रपात से राज्य में 46 लोगों की मौत हुई है, जबकि आठ लोग घायल हुए हैं। इनमें दो की स्थिति गंभीर बनी हुई है। इसके साथ ही राज्य सरकार ने वज्रपात से हुई मौत में मृतक के परिजनों को चार-चार लाख की मुआवजा राशि देने का एलान किया है।
अभी तक मिली जानकारी के अनुसार बारिश के साथ वज्रपात से सासाराम में सात, पटना व भभुआ में पांच-पांच, औरंगाबाद व बक्सर में चार-चार, छपरा-कटिहार व सहरसा में तीन-तीन, पूर्णिया व मुंगेर में दो-दो तथा गया, किशनगंज, आरा, पश्चिम चंपारण व बिहारशरीफ में एक-एक की मौत हुई है। यह संख्या बढ सकती है ।
कटिहार में बिहार-बंगाल संपर्क पथ पर जल-भराव
पहली बारिश में ही कटिहार में लाभा पुल के संपर्क पथ पर जलजमाव हो गया। इस कारण बिहार-बंगाल का सड़क संपर्क भंग हो गया है। कटिहार में वज्रपात के कारण छह महिलाएं जख्मी भी हुई हैं।
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पूरे राज्य में झमाझम बारिश
राज्य के कई इलाकों में रविवार और कुछ जिलों में सोमवार को मानसून पहुंचा था, लेकिन मौसम की पहली व्यापक बारिश मंगलवार को ही हुई। राजधानी पटना सहित पूरे राज्य में कहीं भारी तो कहीं सामान्य बारिश ने भीषण गर्मी और उमस से राहत दी है। बारिश का दौर जारी है। इस बीच मॉसम विभाग ने अगले तीन दिनों तक भारी बारिश का पूर्वानुमान किया है।
जलजमाव से बेहाल रहे लोग
पटना सहित कई शहरों में मानसून की पहली बारिश में ही जलजमाव का नजारा बन गया है। इससे लोगों को परेशानी हो रही है। खासकर घनी बस्तियों में बुरा हाल है। अधिकतर जगह बाजारों में भी जलजमाव का नजारा है। पढ़ेंः पत्नी ने कहा-प्रेमी से करूंगी शादी, पति ने कहा-जा... जी ले अपनी जिंदगी...जानिए
पहले से था भारी बारिश का अनुमान
मानसून के रविवार को ही पश्चिम बंगाल, ओडिशा और झारखंड होते हुए बिहार पहुंचने का अनुमान लगाया गया था। मौसम विभाग के मुताबिक बंगाल की खाड़ी और उत्तर पूरब से आ रही नमी के कारण प्रदेश के कुछ हिस्सों में मंगलवार से भारी बारिश होने की संभावना जताई गई थी। विभाग ने बताया था कि इसका असर राजधानी सहित बिहार के ज्यादातर हिस्सों पर पड़ेगा। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की मानें तो अरब सागर से चली मानसूनी हवाएं बिहार पहुंचते-पहुंचते कमजोर हो जा रही हैं। इसकी वजह से मध्य और दक्षिण बिहार में अच्छी बारिश नहीं हो रही है। वहीं बंगाल और नेपाल से आ रही नमी के कारण बिहार के उत्तर और पूर्वी हिस्सों में अच्छी बारिश हो रही है। पूर्वानुमान के मुताबिक देश में इस साल अच्छी बारिश का योग है, लेकिन बिहार में यह बारिश अपने औसत के आस-पास ही रहेगी। पटना, गया जैसे जिलों में बारिश को लेकर अभी भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है कि यहां कितनी बारिश होगी।
हिमालय से सटे इलाकों में बारिश अधिक
मॉनसून को लेकर यह भविष्यवाणी की गयी थी कि 2016 का मॉनसून बहुत अय्छा रहेगा, लेकिन बिहार में 11 जून तक पहुंचने वाला मॉनसून 17 जून की शाम में पहुंचा। जिस रास्ते मॉनसून बिहार में आया है, वहां से सटा हिमालय का इलाका है, जहां का मौसम वैसे भी खुशनुमा रहता है। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक मानसून के हिमालय में टकराने के बाद भी अब तक उसकी नमी दूर तक नहीं फैल पाई है।