Lok Sabha Election: नवादा में क्या है सबसे बड़ा मुद्दा? RJD-BJP के सामने ये है चुनौती, गुंजन सिंह भी लगा रहे जोर
बिहार की नवादा लोकसभा सीट इस समय काफी चर्चा में है। यहां सबसे बड़ा सवाल ये है कि राजद अपनों से कैसे पार पाएगी? इसके अलावा भाजपा के सामने भी कुछ बड़ी चुनौतियां हैं। वहीं भोजपुरी गायक गुंजन सिंह भी जोरों से अपना जनसंपर्क अभियान चला रहे हैं। जनता का मन-मिजाज बता रहा कि उनपर चुनाव का रंग चढ़ने लगा है।
कंचन किशोर, जागरण नवादा। लोकसभा चुनाव का रंग अब चढ़ने लगा है। झारखंड से सटे बिहार का दक्षिणी क्षेत्र नवादा। यहां अब चुनाव की गर्मी महसूस की जा सकती है। यहां मतदान पहले चरण में 19 अप्रैल को है।
बिहारशरीफ-मोकामा रोड से उतरकर कवटी चेकपोस्ट के रास्ते बरबीघा में प्रवेश करते ही लगने लगता है कि चुनाव है। चुनाव आयोग के अनुशासन के डंडे का भय भी दिख रहा, क्योंकि कहीं झंडा-बैनर नहीं दिख रहा। पर, जनता का मन-मिजाज बता रहा कि उनपर यह रंग चढ़ने लगा है।
बरबीघा शेखपुरा जिले में पड़ता है, लेकिन नवादा लोकसभा के चुनाव परिणाम में अहम भूमिका निभाता है। यहां बाजार में प्लस टू हाईस्कूल के पास फर्नीचर बनाने का धंधा करने वाले रामनाथ प्रसाद कहते हैं कि अभी मुद्दा तो जाति और जमात ही है, लेकिन मोदी और विकास भी बड़ा फैक्टर है, जो अंतिम समय में जाति और जमात पर भारी पड़ सकता है।
राजद में अपने भी नहीं नहीं दे रहे साथ
यहां ऊपर से सीधी लड़ाई दिख रही है, लेकिन राजग और आइएनडीआइए दोनों में 'अपनों' से पार पाने की बड़ी चुनौती है। भाजपा के प्रत्याशी विवेक ठाकुर और राजद से श्रवण कुशवाहा हैं। नवादा के केंदुआ में राजद के समर्पित कार्यकर्ता संटू सिंह की बातों से इसे बल मिलता है कि खेमे में अपनों की भी चुनौती है।
वे कहते हैं, पूर्व विधायक राजबल्लभ यादव के नाम पर हमलोग 'टेंपू' चला रहे हैं। यही बात सिरदला में मिले किशोर यादव और लोहानी बिगहा के रामा सिंह यादव ने कही। 'टेंपू' निर्दलीय प्रत्याशी और नवादा शहर की राजद विधायक विभा देवी के देवर विनोद यादव का चुनाव चिह्न है।
दोनों खेमे में अपनों से ही चुनौती मिल रही
राजबल्लभ की विधायक पत्नी विभा देवी खुद पार्टी लाइन से अलग हटकर अपने देवर के साथ सभा में दिख रहीं हैं। इधर, बरबीघा-वारसलीगंज रोड पर मिले पैन गांव के किसान सुरेश प्रसाद सिंह अपने अनुभव के आधार पर बताते हैं कि यहां चुनाव में जाति का बोलवाला रहा है, उम्मीदवार भी मुद्दों से ज्यादा इसी पर भरोसा करते हैं, लेकिन इस बार दोनों खेमे में अपनों से ही चुनौती मिल रही है।
उन्होंने कहा कि भोजपुरी गायक गुंजन सिंह उनके यहां से हैं और युवाओं की बड़ी टोली उनके साथ भी घूम रही है। राजग से यहां भाजपा के प्रत्याशी विवेक ठाकुर हैं, जो भूमिहार जाति से आते हैं। इसी जाति से आने वाले गुंजन सिंह ने भाजपा के टिकट का प्रयास किया था, अब अब निर्दलीय मैदान में हैं।
उन्होंने बाहरी प्रत्याशी का मुद्दा बनाने की कोशिश की है। हालांकि, कोसरा गांव में अपने प्रत्याशी के प्रचार में जुटे भाजपा के सहकारिता जिला संयोजक वरुण कुमार कहते हैं कि शुरू में कुछ कार्यकर्ता दिग्भ्रमित थे, लेकिन अब सब साथ हैं और भीतरघात की कोई आशंका नहीं है।
यहीं भाजपा प्रत्याशी के प्रचार में मिले जदयू के प्रदेश महासचिव अंजनी कुमार ने बताया कि यहां राजग में सभी दल एकजुट होकर अपने प्रत्याशी को जिताने के लिए मेहनत कर रहे हैं, जबकि विरोधियों में बिखराव है। पार्टी के हैं, सो अपना दावा कर रहे।
नवादा में कुल आठ प्रत्याशी
नवादा में कुल आठ प्रत्याशी मैदान में हैं। बहुजन समाज पार्टी से रंजीत कुमार भी जातीय वोट में प्रवेश का प्रयास कर रहे हैं।
विकास है मुद्दा, लेकिन जाति भी अहम वारसलीगंज के मुन्ना चक के शिव जी यादव रास्ते में मिलते हैं। वे कहते हैं, विगत 10 सालों में उनके यहां काफी विकास हुआ है, खास तौर पर रेलवे और सड़क में। किऊल-गया लाइन का दोहरीकरण हुआ और बिजली अच्छी मिल रही है।
मतदान इस आधार पर होगा कि जाति पर, यह प्रश्न पूछते ही मुस्कराते हुए बात को टाल देते हैं। यहीं मिले प्रमोद यादव ने कहा कि अपने विधायक जी के भाई भी मैदान में हैं, अभी कोई उनके गांव में नहीं आया है, आएगा तो सोचेंगे क्या करना है।
वोट उसी को देंगे जो उनके वर्ग का ध्यान रखता है- वोटर
नवादा के खरांट मोड़ पर मिले राजेन्द्र मिस्त्री ने कहा कि इस मोड़ पर कभी दिन में 12 बजे लोग नहीं मिलते थे, अब देर शाम तक मोड़ गुलजार रहता है, वोट उसी को देंगे जो उनके वर्ग का ध्यान रखता है, जो उनके लिए अनाज-पानी की व्यवस्था करता है।
नवादा का जातीय गणित नवादा लोकसभा क्षेत्र का जातीय गणित उलझा हुआ है। यहां कुल वोटरों में 50 प्रतिशत भूमिहार और यादव समाज से आते हैं। पांच प्रतिशत मुस्लिम वोटर हैं।
15 प्रतिशत अनुसूचित जाति एवं जनजाति से आते हैं और 30 प्रतिशत अन्य पिछड़ा एवं अति पिछड़ा की मिश्रित आबादी है।
भाजपा से विवेक ठाकुर हैं, जिन्हें जातीय के साथ सवर्ण और गठबंधन में शामिल चिराग पासवान का भरोसा है तो राजद ने पिछड़ों की मिश्रित आबादी में शामिल स्वजातीय वोटर को साधने के लिए श्रवण कुशवाहा को मैदान में उतारा है, लेकिन राजबल्लभ यादव ने छोटे भाई को मैदान में उतार गुणा-गणित को बराबर कर दिया है।
नवादा लोकसभा क्षेत्र अंतर्गत छह विधानसभा सीटें
इधर, निर्दलीय गुंजन सिंह भी भाजपा प्रत्याशी की ही बिरादरी के हैं। सो, दोनों ओर हिसाब-किताब लगभग है। क्षेत्र के छह विधानसभा में मतदाता नवादा लोकसभा में कुल 20 लाख 6124 मतदाता हैं, जिनमें 10 लाख 45 हजार 788 पुरुष मतदाता और 962186 महिला मतदाता है 150 थर्ड जेंडर भी हैं।
नवादा लोकसभा क्षेत्र अंतर्गत छह विधानसभा सीटें आती हैं, जिनमें तीन पर राजद के विधायक हैं। एक-एक पर भाजपा, कांग्रेस और जदयू के विधायक हैं।
2019 के लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से यह सीट लोक जनशक्ति पार्टी के खाते में थी और सूरजभान के भाई चंदन सिंह ने राजद की उम्मीदवार विभा देवी को डेढ़ लाख मतों के अंतर से हराया था।
पिछले तीन बार से भाजपा या भाजपा समर्थित उम्मीदवार चुनाव जीत रहे हैं। 2009 में भोला प्रसाद चुनाव जीते थे, जबकि 2014 में गिरीराज सिंह ने यहां से बाजी मारी थी।
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