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दूसरी बार मंत्री बनी मधुबनी की शीला कुमारी, झूम उठे कार्यकर्ताओं

Madhubani news विधानसभा चुनाव 2020 के बाद बने भाजपा-जदयू गठबंधन की सरकार में भी रह चुकी हैं परिवहन मंत्री। तब बतौर प्रत्याशी सबसे अधिक मत प्राप्त करने का रिकॉर्ड रहा है। फुलपरास विधायक शीला कुमारी को मंत्री पद मिलने से जदयू कार्यकर्ता फूले नहीं समा रहे।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Tue, 16 Aug 2022 01:44 PM (IST)Updated: Tue, 16 Aug 2022 01:44 PM (IST)
शीला कुमारी 2020 में अपने पहले ही चुनाव में विधायक निर्वाचित होकर मंत्री पद भी प्राप्त किया। फाइल फोटो

मधुबनी, जासं। बिहार में सत्ता परिवर्तन के बाद गठित मंत्रिमंडल में एक बार फिर फुलपरास विधायक शीला कुमारी को जदयू कोटे से शामिल किया गया है। 2020 के विधानसभा चुनाव के बाद बने भाजपा-जदयू गठबंधन की सरकार में भी शीला कुमारी परिवहन मंत्री रह चुकी हैं। बता दें कि फुलपरास से निर्वाचित विधायक को 42 वर्षों के बाद सूबे के मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था। इनसे पूर्व धानुक जाति से आने वाली विधायक शीला कुमारी को कैबिनेट में दूसरी बार मंत्री बनाए जाने पर जदयू कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर है।

पहले चुनाव में ही विधायक निर्वाचित हुई व मंत्री बनी

15 दिसंबर 1970 को मध्यम वर्गीय परिवार में जन्मी विधायक शीला कुमारी गृह विज्ञान से एमए है। इनकी शादी 1991 में ई. शैलेन्द्र मंडल से हुई। इन्हें एक पुत्र और एक पुत्री है। शीला कुमारी वर्ष 2020 में अपने पहले ही चुनाव में विधायक निर्वाचित हुई और मंत्री पद भी प्राप्त किया।

बिहार विधानसभा चुनाव 1952 से लेकर विधानसभा चुनाव 2020 तक में किसी प्रत्याशी के तौर पर सबसे अधिक मत प्राप्त करने का रिकॉर्ड शीला कुमारी के नाम रहा है। विधानसभा चुनाव के दौरान दिए गए शपथ पत्र के अनुसार इनके पास दो लाख 20 हजार 809 रुपये की चल संपत्ति एवं दो करोड़ 20 लाख की अचल संपत्ति है।

धानुक जाति के वोट बैंक को साधने का प्रयास

विधायक शीला कुमारी 2017 में अंबेडकर दलित साहित्य अकादमी, नई दिल्ली के द्वारा सावित्री बाई फूले राष्ट्रीय पुरस्कार एवं वर्ष 2018 में धनिकलाल मंडल फाउंडेशन की ओर से सशक्त नारी अवार्ड से सम्मानित हैं। मुख्यमंत्री बनने के बाद जननायक कर्पूरी ठाकुर 1978 में फुलपरास से उपचुनाव में विजय हुए थे। 42 वर्षों के बाद यहां से निर्वाचित विधायक को 2020 में मंत्रिमंडल में जगह मिली थी, एक बार फिर इन्हें मंत्रिमंडल में शामिल कर जदयू ने धानुक जाति के वोट बैंक को साधने का प्रयास किया है।

बता दें कि 2020 के चुनाव के दौरान इनके विरूद्ध आचार संहिता उल्लंघन का एक मामला दर्ज हुआ जो कोर्ट में प्रक्रियाधीन है। शीला कुमारी से पूर्व 1967 में इनके चचेरे ससुर एवं लौकहा से राजद विधायक भारत भूषण मंडल के पिता पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री एवं हरियाणा के पूर्व राज्यपाल धनिकलाल मंडल विधानसभा अध्यक्ष बने थे।


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