मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस: रोजी रानी सहित तीनों आरोपी भेजे गए न्यायिक हिरासत में
मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौनशोषण मामले में आज रोजी रानी सहित दो आरोपियों की कोर्ट में पेशी हुई जिसके बाद रिमांड अवधि खत्म होने के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
मुजफ्फरपुर [जेएनएन]। मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में समाज कल्याण विभाग की ततकालीन सहायक निदेशक रोजी रानी सहित तीन लोगों की आज कोर्ट में पेशी हुई जिसके बाद रिमांड अवधि खत्म होने के बाद तीनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 12 अक्टूबर को होगी। इसी मामले में ब्रजेश ठाकुर समेत 11 आरोपितों की आज वीडियो कांफ्रेंसिंग से विशेष पाॅक्सो कोर्ट में पेशी हुई।
वहीं, आज सुप्रीम कोर्ट में भी मामले की सुनवाई हुई जिसमें सीबीआइ ने मुजफ्फरपुर के श्मसान घाट की खोदाई में नरकंकाल मिलने की बात कोर्ट को बतायी है और कहा है कि इसकी जांच की जा रही है कि वह नरकंकाल शेल्टह होम की किसी बच्ची का तो नहीं। इस मामले में बाल कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव को भी समन भेजा है।
बता दें कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौनशोषण कांड मामले की जांच कर रही सीबीआई की टीम ने बुधवार को सिकंदरपुर स्थित एक श्मशान घाट से कंकाल बरामद कर उसे फोरेंसिक जांच के लिए अपने साथ ले गई है। मुजफ्फरपुर बालिका गृह में रह रही लड़कियों में से एक बच्ची ने आरोप लगाया था कि वहां के कर्मचारियों द्वारा उनके एक साथ रह रही एक लड़की की हत्या कर उसे बालिका गृह परिसर में दफना दिया गया था।
ऐसा माना जा रहा है कि इस मामले में गिरफ्तार ब्रजेश ठाकुर के ड्राइवर विजय से प्राप्त जानकारी पर सीबीआई ने महाकाल-महाशक्ति मंदिर के पीछे खुदाई करवाया, जिसमें नरकंकाल मिला है।
मुंबई स्थित टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज द्वारा राज्य सरकार को सौंपी गयी सामाजिक अंकेक्षण रिपोर्ट के आधार पर सरकार द्वारा की गयी कार्रवाई के दौरान ब्रजेश द्वारा संचालित मुजफ्फरपुर बालिका गृह में लडकियों का यौन शोषण किए जाने का मामला प्रकाश में आया था। जिसका खुलासा होने के बाद 34 बच्चियों के साथ यौनशोषण की पुष्टि हुई थी।
बाद में इन लड़कियों को अलग-अलग बालिका गृह में शिफ्ट किया गया था. इस मामले में मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर है, जो जेल में बंद है। इस मामले का खुलासा होने के बाद समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था।