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East champaran: नेपाल में भारतीय वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध हटाने की मांग, म‍िला आश्वासन

East Champaran नेपाल के उप प्रधानमंत्री ईश्वर पोखरेल ने दो दिनों के अंदर भारतीय वाहनों को नेपाल में प्रवेश की अनुमति का दिया आश्वासन नेपाल होटल तथा पर्यटन व्यवसायी संघ ने उप प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौंपा वाहनों के प्रवेश पर प्रत‍िबंध दोनों देशों के लोग परेशान हैं।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Fri, 19 Mar 2021 03:11 PM (IST)Updated: Fri, 19 Mar 2021 03:11 PM (IST)
रक्सौल भारत-नेपाल सीमा का मुख्य प्रवेश द्वार ( फाइल फोटो)

पूर्वी चंपारण ( रक्सौल), जासं।  नेपाल के उप प्रधानमंत्री ईश्वर पोखरेल ने दो दिनों के अंदर भारतीय वाहनों को नेपाल में प्रवेश की अनुमति का आश्वासन दिया है। इस सबंध में नेपाल होटल तथा पर्यटन व्यवसायी संघ और पर्यटन संघ ने हरी पंत के नेतृत्व में ज्ञापन सौंपा है। जिसमें बताया है कि नेपाल की अर्थ व्यवस्था पर्यटन पर आधारित है। नेपाल के विभिन्न प्रदेशों में छह अरब से अधिक की लागत से होटल तैयार किया गया है। जिसमें 2500 घरानों की लगानी है। नेपाल में 70प्रतिशत भारतीय मूल के पर्यटक आते हैं। जिससे उक्त व्यापार चलता है। कोरोना संक्रमण काल मे बार्डर सील होने से देशी-विदेशी पर्यटकों का आगमन बंद हो गया। भारतीय वाहनों पर प्रतिबंध लगाने और स्थानीय प्रशासन द्वारा सख्ती से व्यापार ठप हो गया। जिसे उप प्रधानमंत्री श्री पोखरेल ने गंभीरता से लिया है। बता दें कि नेपाल में मंत्रिमंडल के निर्णय के बाद स्थानीय नेपाल प्रशासन ने भारतीय वाहनों के प्रवेश की अनुमति अबतक नहीं दी है। 

 इससे  देशी-विदेशी पर्यटकों की संख्या काठमांडू, पोखरा, चितवन आदि क्षेत्रों में नगण्य हो गई है। इस कारण राजस्व की क्षति हो रही है। वाहनों के प्रवेश नहीं होने से पहाड़ी व्यापारियों की स्थिति आर्थिक रूप से कमजोर हो रही है। इसके अलावा दोनों देशों के लोगों के बीच दूरी बढ़ रही है। बता दें कि करीब एक वर्ष से रोक जारी होने से भारतीय पर्यटक और स्थानीय लोग भारतीय वाहनों को लेकर नेपाल नहीं जा पा रहे है। भारत-नेपाल सीमा कोरोना संक्रमण को लेकर 12 माह से सील है। तीन माह पूर्व नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के नेतृत्व वाली मंत्रिमंडल ने बॉर्डर खोलने का निर्णय लिया। इसके बावजूद भारतीय वाहनों का नेपाल में प्रवेश नहीं हो रहा है। जबकि नेपाली वाहन निर्बाध गति  से आ रहे हैं। नेपाल के सीमावर्ती पर्सा औऱ बारा जिला के प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि बार्डर खोलने का निर्णय हुआ है। इसके लिए अधिकृत रूप से कोई पत्र और मेल नहीं मिला है। जबकि भारत या तीसरे देशों से आयात-निर्यात पर प्रतिबंध नहीं रहा है। भारतीय वाहनों का प्रवेश नहीं होने से देशी-विदेशी पर्यटकों के नेपाल यात्रा को लेकर संशय है।

पर्यटकों के लिए नेपाली  टैक्सी काफी महंगा है। जबकि भारत सरकार ने दोनों देशों के सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों की समस्याओं को देखते हुए पांच माह पूर्व ही इंडो-नेपाल बॉर्डर को खोल दिया है। हालांकि सीमावर्ती क्षेत्र के लोग चोरी छिपे ग्रामीण रास्तों से नेपाली नंबर की बाइक और टेम्पो से आवागमन कर रहे है। जबकि भारत-नेपाल पारगमन संधि के मुताबिक दोनों देशों के बार्डर सबंधित एयरपोर्ट,अस्पताल, रेलवे स्टेशन और बस पड़ाव तक निर्वाध रूप से वाहनों को आवागमन की छूट है।


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