DNA test से पिता की पुष्टि होने पर युवक कोर्ट में तलब, बच्ची का पिता होने से किया था इन्कार Muzaffarpur News
मामला औराई थाना क्षेत्र के एक गांव का है। दस साल पहले प्रेम विवाह में जन्मी बच्ची का पिता होने से किया था इन्कार। हाईकोर्ट के आदेश पर कराया गया डीएनए टेस्ट। जानिए पूरा मामला...
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। डीएनए टेस्ट से बच्ची के पिता होने की पुष्टि होने के बाद आरोपित युवक सोमवार को विशेष कोर्ट में पेश नहीं हुआ। विशेष कोर्ट ने उसे 10 फरवरी को पेश होने का आदेश दिया है। उसे हाईकोर्ट ने सशर्त औपबंधिक जमानत दे रखी है। डीएनए से बच्ची के पिता होने की पुष्टि के बाद उसे विशेष एससी / एसटी कोर्ट में हाजिर होकर नियमित जमानत की प्रार्थना करनी है।
हाईकोर्ट के आदेश पर कराया गया डीएनए टेस्ट
मामला औराई थाना क्षेत्र के एक गांव का है। दस साल पहले इस गांव के फणिभूषण शाही ने एक युवती से अंतरजातीय प्रेम विवाह किया। उससे एक बच्ची जन्म ली। इसके बाद उसका मन बदल गया। उसने युवती को घर से निकाल दिया और बच्ची के पिता होने से इन्कार कर दिया। युवती ने औराई थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई। फणिभूषण शाही ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की।
कोर्ट ने सशर्त दी औपबंधिक जमानत
इस पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत मंजूर नहीं की, लेकिन उसे सशर्त औपबंधिक जमानत दे दी। हाईकोर्ट की शर्त थी कि अगर डीएनए टेस्ट बच्ची से मैच नहीं करता है तो उसकी औपबंधिक जमानत अग्रिम जमानत में कंफर्म हो जाएगी। अगर यह मैच हुआ तो फणिभूषण को निचली अदालत में आत्मसमर्पण कर नियमित जमानत की प्रार्थना वाली अर्जी दाखिल करनी होगी। हाईकोर्ट के समक्ष दंपती ने बच्ची के डीएनए टेस्ट कराने पर सहमति दे दी। इसके आधार पर फॉरेंसिंक साइंस लेबोरेट्री में कराए गए डीएनए टेस्ट में फणिभूषण को उस बच्ची का जैविक पिता माना गया है।
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