Move to Jagran APP

AES Muzaffarpur News:एसकेएमसीएच में एईएस के चार संदिग्ध मरीज भर्ती

AES Muzaffarpur News दो बच्चे केजरीवाल अस्पताल से रेफर होकर पहुंचे एसकेएमसीएच। पीकू वार्ड में चमकी बुखार के लक्षण से पीडि़त चार बच्चों को भर्ती किया गया। पैथोलॉजी जांच रिपोर्ट आने पर सभी को एईएस संदिग्ध मानकर प्रोटोकॉल के तहत इलाज किया जा रहा है।

By Ajit KumarEdited By: Published: Thu, 29 Apr 2021 10:22 AM (IST)Updated: Thu, 29 Apr 2021 10:22 AM (IST)
छह बच्चों को क्योर होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।

मुजफ्फरपुर, जासं। गर्मी की धमक के साथ एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम के मरीज पहुंचने लगे हैं। एसकेएमसीएच में बुधवार को चार संदिग्ध एईएस के मरीजों को भर्ती किया गया। इनमें एक की हालत चिंताजनक बनी है। सबका इलाज चल रहा है। साथ ही इस वार्ड में इलाजरत मरीजों की संख्या पांच पर पहुंच गई है। 

loksabha election banner

इन बच्चों का चल रहा इलाज

एसकेएमसीएच के पीकू वार्ड में चमकी बुखार के लक्षण से पीडि़त चार बच्चों को भर्ती किया गया। सभी में ब्लड शुगर कम थी। पैथोलॉजी जांच रिपोर्ट आने पर सभी को एईएस संदिग्ध मानकर प्रोटोकॉल के तहत इलाज किया जा रहा है। इनमें अहियापुर के तीन माह के सन्नी कुमार, औराई के अजीत कुमार, सीतामढ़ी नागपुर के तीन वर्षीय यश कुमार व मोरसंड की रचना कुमारी हैं। अजीत व रचना केजरीवाल अस्पताल से रेफर होकर आई हैैं। दोनों का ब्लड शुगर कम था। एईएस पीडि़त वैशाली की सोनाक्षी की हालत में सुधार हुआ है। सब ठीक रहा तो दो से तीन दिनों में अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी। शिशु रोग विभागाध्यक्ष सह उपाधीक्षक डॉ. गोपाल शंकर सहनी ने बताया कि भर्ती बच्चों का प्रोटोकॉल के तहत इलाज किया जा रहा है। एसकेएमसीएच में इस साल एईएस पीडि़त दो की मौत हो गई। वहीं, छह बच्चों को क्योर होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।  

बस व ऑटो पर बिना मास्क सफर कर रहे यात्री

गायघाट थाना क्षेत्र के विभिन्न चौक चौराहों पर प्रशासन द्वारा कोरोना गाइड लाइन का अनुपालन नहीं किया जा रहा है। लगभग 50 फीसद यात्री बगैर मास्क के बस एवं ऑटो से सफर कर रहे हैं। शहरी क्षेत्र के बाद अब ग्रामीण इलाकों में भी कोरोना का प्रकोप तेज हो गया है। जानकारी के मुताबिक प्रखंड क्षेत्र में पिछले एक सप्ताह से अबतक दो महिला समेत तीन पुरुष की कोरोना संक्रमण से मौत हो चुकी है। वहीं, दर्जनों मरीज का इलाज एसकेएमसीएच एवं निजी अस्पताल में चल रहा है। बावजूद स्थानीय प्रशासन मूकदर्शक बना है। शुरू में बस ऑपरेटरों द्वारा संक्रमण से बचाव के लिए सोशल डिस्टेंस, सैनिटाइजर का उपयोग व मास्क लगाकर आने वाले यात्रियों को बस में प्रवेश दिया जा रहा था। लेकिन, अब शासन की गाइडलाइन का पालन नहीं हो रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे ज्यादा मरीज मिल रहे हैं। बावजूद इसके लोग लापरवाही बरत रहे हैं। यात्री बसों में बिना मास्क के ही लोग सफर कर रहे हैं जो सभी के लिए घातक हो सकता है। एक बस चालक ने बताया कि बस मालिक ने ही सैनिटाइजर उपलब्ध नहीं कराया तो हम यात्रियों के हाथ कैसे साफ कराकर प्रवेश दें।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.