Move to Jagran APP

Mahashivratri 2024: शिवरात्रि पर इस मंदिर में सवा प्रहर के लिए विराजते हैं बाबा बैद्यनाथ, जानिए यहां की रोचक मान्यताएं

बिहार के मधुबनी स्थित भुवनेश्वर नाथ महादेव मंदिर में बाबा बैद्यनाथ हर शिवरात्रि को सवा प्रहर के लिए विराजते हैं। यहां के प्रसिद्ध विद्वान पंडित भवनाथ मिश्र की भक्ति-भावना व हठ योग देख भगवान शिव ने उन्हें स्वप्न में कहा कि घर जाओ मैं स्वंय आपका पुत्र बनकर जन्म लूंगा। लेकिन याद रहे भविष्य में आपके वंश का कोई भी व्यक्ति यहां पूजा अर्चना करने नहीं आएगा।

By Pradeep Mandal Edited By: Mohit Tripathi Published: Thu, 07 Mar 2024 05:41 PM (IST)Updated: Thu, 07 Mar 2024 05:41 PM (IST)
भगवतीपुर स्थित भुवनेश्वर नाथ महादेव मंदिर। (जागरण फोटो)

संवाद सूत्र, पंडौल (मधुबनी)। महाशिवरात्रि के अवसर पर गुरुवार को सवा प्रहर के लिए बाबा बैद्यनाथ मधुबनी में पंडौल प्रखंड के भगवतीपुर स्थित भुवनेश्वरनाथ महादेव स्थान आएंगे। बाबा बैद्यनाथ के दर्शन और पूजन के लिए अहले सुबह से ही लोगों की भीड़ हर साल उमड़ पड़ती है।

loksabha election banner

क्या है मान्यता?

मान्यता के अनुसार, सरिसब पाही के प्रसिद्ध विद्वान पंडित भवनाथ मिश्र प्रसिद्ध अयाची मिश्र को कोई संतान की प्राप्ति नहीं हो रही थी। पं. अयाची मिश्र संतान प्राप्ति की कामना लेकर देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ के दरबार पहुंच गए।

उनकी भक्ति-भावना व हठ योग देख भगवान शिव ने उन्हें स्वप्न में कहा कि घर जाओ मैं स्वंय आपका पुत्र बनकर जन्म लूंगा। लेकिन याद रहे भविष्य में आपके वंश का कोई भी व्यक्ति यहां पूजा अर्चना करने नहीं आएगा।

इसी बात पर पं. अयाची मिश्र ने कहा की फिर उनकी पूजा-अर्चना उनके वंशज कैसे करेंगे। जिसपर भगवान शिव ने कहा था, कि प्रति वर्ष महाशिवरात्रि के दिन सवा पहर के लिए वे पंडौल के भगवतीपुर स्थित भुवनेश्वर नाथ महादेव स्थान आएंगे।

इसके बाद से प्रतिवर्ष पं. अयाची मिश्र के वंशज भगवतीपुर बहुंच बाबा बैद्यनाथ के दर्शन व पूजन करते हैं। इस दिन यहां विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है।

स्थानीय पूजा समिति के द्वारा सात दिवसीय श्रीमदभागवत कथा का आयोजन किया जाता है, इसके साथ ही मेला लगाया जाता है। महाशिवरात्रि के अवसर पर शिव बारात झांकी निकाली जाती है तथा रात में शिव पार्वती विवाह का आयोजन किया जाता है।

यह भी पढ़ें: PM Suryodaya Yojana : सोलर पैनल पर भारी-भरकम सब्सिडी दे रही मोदी सरकार, इस वेबसाइट पर आज ही करें ऑनलाइन आवेदन

क्या कहते हैं लोग

भुवनेश्वर नाथ महादेव मंदिर के पुजारी पंडित पिताम्बर ठाकुर कहते हैं कि भुवनेश्वर नाथ महादेव मंदिर का इतिहास पंडित अयाची मिश्र से जुड़ा है। कहा जाता है कि जब उन्हें संतान नहीं हो रही थी तब वह देवघर गए थे। वहां उन्होंने बाबा बैद्यनाथ से पुत्र की कामना की थी।

उसी रात उन्हें स्वप्न आया था कि आपके यहां पुत्र का जन्म होगा। लेकिन आपका कोई भी वंशज आज के बाद बैद्यनाथ धाम पूजा करने नहीं आए। उनके लिए महाशिवरात्रि के अवसर पर सवा पहर के लिए भुवनेश्वर नाथ शिवालय में विराजमान रहेंगे। तब से पंडित अयाची मिश्र के वंशज देवघर जाने के बजाय यहां पूजा अर्चना करने आते हैं।

Mahashivratri 2024: 8 मार्च को महाशिवरात्रि पर बन रहा दुर्लभ सिद्धयोग, पूजा करने की सही विधि से मिलेगा पूर्ण फल

इन शिवालयों पर भी होती विशेष पूजा अर्चना

महाशिवरात्री के अवसर पर सरिसब पाही स्थित पं. अयाची मिश्र के डीह पर अवस्थित शंकर अयाची मंदिर तथा कुछ दुरी पर स्थित भगवान कृष्ण के बड़े भाई शेषनाग अवतार बलराम द्वारा स्थापित सिद्धेश्वरनाथ महादेव मंदिर पर भी सैकड़ों श्रद्धालू महाशिवरात्री के दिन जलाभिषेक कर पूजा अर्चना करते हैं।

इस अवसर पर मंदिरों को विशेषरूप से सजाया गया है। महाशिवरात्री की रात में शिव विवाह का भव्य आयोजन किया जाता है। प्रखंड के नवटोल स्थित कल्याणेश्वरनाथ महादेव, विक्रमपुर बलिया स्थित भैरव बाबा, नवहथ स्थित जटेश्वरनाथ महादेव, नरपतिनगर स्थित कर्णकेश्वर नाथ महादेव समेत प्रखंड के सभी छोटे-बड़े शिवालयों को विशेष रूप से सजाया गया है।

'कौन है 'मोदी का परिवार' ? सम्राट चौधरी ने लालू यादव को PM के सामने दिया क्लीयरकट जवाब, भाई-भतीजावाद पर भी बोले

DJ का शोरगुल... थिरकते बराती... घात लगाए बदमाशों ने युवती पर कर दी फायरिंग, मातम में बदली शादी की खुशियां


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.