अनोखा साबित हो रहा मधुबनी स्टेशन
विश्वप्रसिद्ध मधुबनी पें¨टग्स से पूरी तरह सुसज्जित होकर निखरने वाला है मधुबनी रेलवे स्टेशन पर आज शनिवार को पें¨टग्स से जुड़े कलाकारों को प्रशस्ति पत्र का वितरण किया जाएगा।
मधुबनी । विश्वप्रसिद्ध मधुबनी पें¨टग्स से पूरी तरह सुसज्जित होकर निखरने वाला है मधुबनी रेलवे स्टेशन पर आज शनिवार को पें¨टग्स से जुड़े कलाकारों को प्रशस्ति पत्र का वितरण किया जाएगा। इस मौके पर पूर्व मध्य रेलवे समस्तीपुर मंडल रेल प्रबंधक आरके जैन तथा सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक विन्देश्वर पाठक का यहां आगमन होगा। मालूम हो कि श्री पाठक भारतीय रेल के स्वच्छ मिशन के ब्रांड एमबेस्डर भी है। दो चरणों में रेलवे स्टेशन को मधुबनी पें¨टग्स से संवारने का कार्य पूरा किया गया है। दूसरे चरण में पें¨टग्स कार्य से जुड़े करीब डेढ़ सौ कलाकारों को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाएगा।
प्लेटफार्म सहित स्टेशन परिसर के लगभग आधा किलोमीटर के रेडियस में कालाकारों की अलग-अलग टीम द्वारा सीता जन्म, राम-सीता वाटिका मिलन, धनुष भंग, जयमाल, कृष्ण लीला, माखन चोरी, कलिया मर्दन, कृष्ण रास, राधा-कृष्ण प्रेमालाप, विद्यापति, ग्रामीण जीवन, मिथिला के लोक नृत्य व त्योहार सहित तकरीबन चार दर्जन विषयों पर अपनी कलाकृतियां उकेरी गई हैं।
मधुबनी पें¨टग्स का इतिहास काफी पुराना रहा है। मिथिलांचल में मांगलिक कार्यों के मौकों पर घर-आंगन को पें¨टग्स के माध्यम से सजाने की प्राचीन परम्परा रही है। यह पें¨टग्स दुनिया भर में प्रसिद्ध होती चली गई। इसके कद्रदानों की संख्या दिनानुदिन देश ही नहीं विश्व स्तर पर बढ़ती चली गई। मधुबनी पें¨टग्स की बढ़ती ख्याति के बीच करीब छह दशक में इस पें¨टग्स के यहां के पांच कलाकार पद्मश्री पुरस्कार हासिल करने में कामयाब रही हैं। इसी क्रम में जिले में मिथिला पें¨टग्स के कलाकारों की संख्या बढ़ती चली गई। जिले के 10 हजार से अधिक इसके कलाकार पें¨टग्स के माध्यम से रोजगार प्राप्त कर रहे हैं।