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भौगाछी गांव में बाढ़ से ध्वस्त हुए आधा दर्जन घर, सड़क पर अब भी बह रहा पानी

मधवापुर प्रखंड क्षेत्र में बाढ़ का पानी उतरने लगा है। कई गांव जो बाढ़ के पानी से घिर कर टापू बन गए थे वहां से अब पानी निकल चुका है। हालांकि बाढ़ पीड़ितों की समस्या अब भी बरकरार है। बाढ़ का पानी तो उतर गया लेकिन वह अपने पीछे केवल बर्बादी व तबाही का मंजर छोड़ गया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 16 Jul 2021 11:12 PM (IST)Updated: Fri, 16 Jul 2021 11:12 PM (IST)
भौगाछी गांव में बाढ़ से ध्वस्त हुए आधा दर्जन घर, सड़क पर अब भी बह रहा पानी

मधुबनी । मधवापुर प्रखंड क्षेत्र में बाढ़ का पानी उतरने लगा है। कई गांव जो बाढ़ के पानी से घिर कर टापू बन गए थे, वहां से अब पानी निकल चुका है। हालांकि, बाढ़ पीड़ितों की समस्या अब भी बरकरार है। बाढ़ का पानी तो उतर गया, लेकिन वह अपने पीछे केवल बर्बादी व तबाही का मंजर छोड़ गया है। प्रखंड के भौगाछी गांव में भी लोगों के सामने बाढ़ से हुई तबाही नजर आ रही है। यह गांव हर साल बाढ़ की त्रासदी को झेलता है। गांव के लोगों के लिए बाढ़ की तबाही उनकी नियति बन चुकी है। हर साल मानसून की बारिश के बाद यह गांव बाढ़ की चपेट में आ जाता है। ग्रामीणों की मानें तो उनके लिए बाढ़ हर साल मनाए जाने वाले पर्व-त्योहार के समान हो चुका है, जिसका आना तय होता है। हालांकि, बाढ़ से गांव को केवल तबाही ही मिलती रही है। इस साल भी बाढ़ ने काफी तबाही मचाई है। करीब आधा दर्जन लोगों के कच्चे घर बाढ़ के पानी में ध्वस्त हो गए। किसानों की फसलें बाढ़ के पानी में डूब कर बर्बाद हो गई हैं। ----------------- तटबंध टूटते ही गांव पर आई आफत : बसवरिया गांव के समीप धौंस नदी का सुरक्षा तटबंध टूटते ही इस साल भी यह गांव बाढ़ के पानी से घिर गया। गांव के चारों तरफ जलमग्न नजारा हो गया। गांव के लोग कमर भर पानी हेलकर आवश्यक वस्तुओ की खरीदारी करने को आवागमन करने को विवश हो गए। बता दें कि कुल 1800 आबादी वाले इस गांव के लोग बरसात शुरू होते ही रोजमर्रा की आवश्यक सामग्री खरीद कर रख लेते हैं। गांव को जाने वाली एक मात्र सड़क पर दो से तीन फीट पानी का बहाव होने लगा। सड़क पर अब भी पानी बह रहा है। ------------------ फसलों की बर्बादी से किसानों में हताशा : किसानों की कड़ी मेहनत से सैकड़ों एकड़ में लगाई गई धान की फसल व साग-सब्जी पूरी तरह बाढ़ के पानी से डूब कर बर्बाद हो गए। किसान इस स्थिति से हताश हैं। लोगों का जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया। बाढ़ पीड़ित परिवारो के समक्ष भोजन के साथ-साथ पशुचारे की विकट समस्या उत्पन्न हो गई। विपदा की इस घड़ी में ग्रामीणों की टकटकी प्रशासन पर रही कि उन्हें कुछ सरकारी राहत मिल जाए, हालांकि यह अब तक लोगों को मिल नहीं पाया है। ------------------ पीड़ितों को मदद का इंतजार : भौगाछी के नरेश महतो, सेवक महतो, मनोज कुमार सहित कई लोगों ने बताया कि वे लोग हर साल बाढ़ की विभीषिका झेल रहे हैं। इस साल भी बाढ़ ने गांव को घेर लिया। अब तक कोई सरकारी सहायता नहीं मिल सकी। गांव की गरीब बुजुर्ग महिला ललिता देवी ने बताया कि उनके घर में अन्न का एक दाना नहीं है। दूसरे से मांग कर किसी तरह गुजारा हो रहा है। सर्वाधिक परेशानी उन लोगों को हो रही है जिनके स्वजन बीमार हैं। उन्हें अभी भी सड़क पर बह रहे पानी को हेलकर अस्पताल पहुंचाना पड़ता है। पंचायत की मुखिया अहिल्या देवी ने बताया कि गांव चारों तरफ से बाढ़ के पानी से घिर गया था। इस दौरान अपने स्तर से लोगों की सहायता पहुंचाने का प्रयास किया गया। हालांकि, अब पानी नीचे उतरा है, लेकिन लोगों की समस्याएं अब भी बरकरार है। -----------------


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