32 ट्रेनों की रैक बदलेगा एनएफ रेलवे
किशनगंज । अब प्रीमियम ट्रेनों के अलावा अन्य ट्रेनों में भी आधुनिक कोचें लगेंगी। इसके लिए नॉथ
किशनगंज । अब प्रीमियम ट्रेनों के अलावा अन्य ट्रेनों में भी आधुनिक कोचें लगेंगी। इसके लिए नॉर्थ फ्रंटियर रेलवे ने प्रोजेक्ट उत्कर्ष के तहत 32 ट्रेनों की रैक बदलने का फैसला किया है। बायो टॉयलेट, एलईडी लाइट, डस्टबिन, शौचालय में बड़े दर्पण, बोतल होल्डर समेत तमाम बेहरत सुविधाओं से लैस कुल 621 कोचों की मांग की गई है। प्रथम चरण में 140 कोच मिलने की संभावना जताई जा रही है। उम्मीद है कि दिसंबर के अंत तक यह प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
दरअसल एनएफ रेलवे ने प्रोजेक्ट उत्कर्ष के तहत 32 ट्रेनों के रैक को नवीनतम आधुनिक सुविधाओं वाले रैक में परिवर्तित करने का निर्णय लिया है। यह परिवर्तन मेल तथा एक्सप्रेस ट्रेनों के अलावा इंटरसिटी ट्रेनों में किया जाएगा। प्रोजेक्ट उत्कर्ष के तहत रेलवे ने पुराने नीले रंग के डिब्बों वाले आइसीएफ का रंग बदल कर सुविधाओं को बेहतर बनाया जाएगा। एनएफ रेलवे जिन 32 ट्रेनों को प्रोजेक्ट उत्कृष्ट में शामिल किया गया है। उनमें डिब्रूगढ़-कन्याकुमारी एक्सप्रेस, डिब्रूगढ़-कोलकाता एक्स, डिब्रूगढ़-हावड़ा कामरूप एक्सप्रेस, डिब्रूगढ़-अमृतसर, गुवाहाटी-बंगलोर, सिलचर-त्रिवेंद्रम एक्सप्रेस, कामाख्या-पूरी एक्सप्रेस आदि ट्रेनें शामिल है। वहीं कटिहार-सिलीगुड़ी इंटरसिटी एक्सप्रेस को भी प्रोजेक्ट उत्कर्ष में शामिल किया गया है। ये सभी ट्रेनें मार्च 2019 तक उत्कृष्ट कोचों के साथ चलने लगेंगी। मार्च के बाद अन्य ट्रेनों को भी प्रोजेक्ट उत्कर्ष में शामिल किया जाएगा।
एनएफ रेलवे के सीपीआरओ प्रणव ज्योति शर्मा ने बताया कि प्रत्येक ट्रेन में 60 लाख रुपये की लागत से ट्रेन को ग्लासी और कलरफुल विनाइल रै¨पग से सजाया जाएगा। हर डिब्बे में एलईडी लगाए जाएंगे। स्टेनलेस स्टील की पैन¨लग और एंटी स्किड फ्लो¨रग के साथ स्टेनलेस स्टील का डस्टबिन भी रखा जाएगा। शौचालय में बड़े शीशे लगाए जाएंगे। कोचों में नए प्रकार के बोतल होल्डर, ब्रेल साइनेज, नई तकनीक के अग्निशामक यंत्र व नाइट ग्लो स्टीकर आदि भी लगाए जाएंगे। पेंट्रीकार में सभी बर्तन स्टेनलेस स्टील के होंगे व पेंट्री कोच आधुनिक सुविधाओं वाला होगा। इसके साथ ही ट्रेनों में हाइब्रिड डिजाइन के बायो टायलेट लगाए जाएंगे। नई तकनीक के इस्तेमाल के कारण इसमें दुर्गंध कम से कम होगी। नए फ्लश सिस्टम से पानी की खपत भी कम होगी। शौचालयों में एक्सहोस्ट पंखे तथा हेल्थ नल भी लगाए जाएंगे।