तोड़ी परंपरा : बेटियों ने पहले शव को दिया कंधा, फिर दी पिता को मुखाग्नि
गोपालगंज में बेटियों ने सदियों पुरानी परंपरा तोड़ते हुए अपने पिता के शव को कंधा दिया और उन्हें बड़ी बेटी ने मुखाग्नि देकर एक नई शुरुआत की।
पटना [वेब डेस्क]। हिंदू परंपरा के अनुसार बेटा ही पिता को कंधा देता है और बेटे ही परिवार के सदस्यों को मुखाग्नि दे सकते हैं, लेकिन गोपालगंज में इस परंपरा को तोड़ते हुए बेटियों ने पिता के शव को कंधा देकर श्मसान घाट पहुंचाया और और फिर उन्हें मुखाग्नि भी दी।
मृतक किशोर कुमार गुप्ता का कोई बेटा नहीं था, सिर्फ तीन बेटियां ही हैं, पिता की मृत्यु के बाद घर में बात हुई कि पिता के शव को कंधा कौन देगा? मुखाग्नि कौन देगा? उनकी तीनों बेटियाों ने कहा कि अपने पिता के शव को कंधा भी हम देंगे और मुखाग्नि भी हम ही देंगे
किशोर कुमार गुप्ता की बेटियां उनके शव को कंधा देकर शमशान घाट ले गई। फिर परंपरा को तोड़ते हुए उन्हें मुखाग्नि भी दी।
किशोर कुमार गुप्ता का निधन शुक्रवार को शाम लंबी बीमारी के कारण हो गया था। पिता के दाह संस्कार के लिए तीनों बेटियों ने कंधा दी और बड़ी बेटी रूपा ने मुखाग्नि दी। इस को लेकर शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है। गुप्ता की लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था।
परंपरा के अनुसार बेटा ही देता है मुखाग्नि
परंपरा के अनुसार एक पिता की मौत के बाद उसका बेटा अंतिम संस्कार करता है, लेकिन जिनका बेटा न हो उनके नाते रिश्तेदार इस संस्कार को पूरा करते हैं। बेटियों द्वारा पिता का अंतिम संस्कार नहीं किया जाता है लेकिन इन बेटियों ने परंपरा को तोड़ते हुए एक नई शुरुआत की।