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    Bihar Politics: किस बात का दुख? चुनाव से पहले मंच पर अचानक फफक कर रो पड़े BJP सांसद, जनता से कर दी भावुक अपील

    Updated: Thu, 14 Mar 2024 12:21 PM (IST)

    Bihar Political News लोकसभा चुनाव को लेकर तैयारी जोरों पर है। भाजपा बिहार में अपने पत्ते बिछाना अभी से ही शुरू कर चुकी है। वहीं भजपा सांसद राधामोहन सिंह बुधवार को मोतीहारी पहुंचे थे। इस दौरान वह जनता को संबोधित करते हुए भावुक हो गए। अपने संबोधन के दौरान उन्होंने अपने कई काम गिनाए। अंत में उन्होंने कहा कि काम सर्वोपरी है। इसपर ध्यान देना होगा।

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    संबोधन के अंत में भावुक हो गए सांसद राधामोहन सिंह

    जागरण संवाददाता, मोतिहारी। Bihar Political News चरखा पार्क के उद्घाटन सत्र को संबोधित करने के दौरान जब अंत में चरखा पार्क को सांसद राधामोहन सिंह (Radha Mohan Sinngh) ने जनता को समर्पित करने की घोषणा की तो उनकी आंखें भर आईं।

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    पिछले कई महीनों से लगातार चरखा पार्क के कार्यों को संपादित कराने की बात को कहते हुए जब सांसद की आंखें भर आई तब उपस्थित जनसमूह ने खड़ा होकर उनका अभिवादन किया। सांसद ने कहा- जिस तरह से लोगों ने हमारा साथ दिया है, ठीक उसी तरह से काम किए गए हैं।

    उन्होंने कहा कि अब पूरे जिले में लोगों के लिए बेहतर सड़क, उन्नत किसानी के साधन हैं और शिक्षा के बड़े केंद्र हैं। काम की बदौलत ही महात्मा गांधी मोहन से महात्मा बने यह ऐसे ही नहीं होता। काम सर्वोपरी है। इसपर ध्यान देना होगा।

    चंपारण में महात्मा गांधी का आगमन आधुनिक युग की युगांतकारी घटना : राधामोहन

    पूर्व केंद्रीय कृषि व किसान कल्याण मंत्री सह सांसद राधामोहन सिंह ने कहा है कि चंपारण में महात्मा गांधी का आगमन आधुनिक युग की एक युगांतकारी घटना है। आज गांधी की स्मृतियों के इतिहास का विलक्षण दिन है। जब उनके जीवन के हर पहलू को चंपारण में देखा व जाना समझा जा सकेगा।

    वो बुधवार को शहर के स्टेशन में रोड में स्थित चरखा पार्क परिसर में गांधी व भारत के संसदीय इतिहास को जानने समझने के लिए बने भव्य दिव्य परिसर के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे।

    उन्होंने कहा कि चंपारण जिले (अविभाजित चंपारण) में ब्रिटिश शासन में नील कोठी के गोरे मालिकों के द्वारा किसानों पर अत्याचार किया जाता था। किसानों ने आवाज उठाई तो 1917 में महात्मा चंपारण आए। सवा से डेढ़ साल तक यहां रहे।

    किस दिन क्या हुआ, इसका विवरण नहीं मिलता- राधामोहन

    चंपारण में किस दिन क्या हुआ इसका संपूर्ण विवरण इस परिसर में नई पीढ़ी को मिलेगा। दिल्ली गांधी दर्शन समिति की ओर से विकसित परिसर में गांधी जीवन का संपूर्ण विवरण तो मिलता है, लेकिन वहां सत्याग्रह के दौरान किस दिन क्या हुआ, इसका विवरण नहीं मिलता।

    इस परिसर में दोनों को जानने व देखने का अवसर मिलेगा। साथ ही स्वतंत्र भारत के सभी राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री को भी जानने व पहचानने का अवसर मिलेगा। परिसर में निर्मित तीन तल वाले गांधी दर्शन प्रेरणा भवन में भूतल पर सत्याग्रह की सभी घटनाओं का चित्रण दिखेगा।

    दूसरे तल पर महात्मा गांधी के संपूर्ण जीवन की कहानी मिलेगी। तीसरे तल पर बने डोम में सौ लोग बैठकर एक साथ सत्याग्रह पर आधारित फिल्म देख सकेंगे। मोहन से महात्मा परिसर में बापू के जीवन से जुड़े अनछुए पहलू नजर आएंगे। मोहन से महात्मा बनना इतना आसान नहीं है।

    वो काम से मोहन से महात्मा तक बने, लेकिन उन्हें बापू चंपारण ने बनाया और वो उसके बाद राष्ट्रपिता व महात्मा बने। उनकी स्मृतियों में बना राष्ट्रपिता चबूतरा व उस पर स्थापित बापू की दिव्य व भव्य प्रतिमा में हाथ में चरखा लिए बापू स्वावलंबन की शिक्षा दे रहे हैं।

    इसके अतिरिक्त इसी परिसर में बने लोक दर्शन भवन में देश के सभी राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री के अलावा युवा पीढ़ी अपने सांसदों को देखेगी और उनके बारे में जान सकेगी। मैंने इस परिसर का निर्माण कराकर यह कोशिश की है कि हमारी नई पीढ़ी अपने इतिहास व महापुरुषों को समझे।

    संसद भवन की व्यायामशाला जैसे उपकरण गांधी व्यायामशाला में

    अपने संबोधन के दौरान सांसद ने जनता को सर्वोपरी बताया। कहा- हमारे लोग न होते तो हम सांसद नहीं होते। ऐसे में मैंने यह कोशिश की है कि मैं जिस तरह के संयंत्रों का उपयोग व्यायाम के लिए संसद भवन में करता हूं। ठीक उसी तरह के संयंत्र यहां लगे।

    मैं इसके लिए नासिक की फैक्ट्री का भ्रमण किया और रेलवे ने संयंत्र उपलब्ध कराए। मैंने इसके लिए खुले जिमखाना का निर्माण कराया है। यहां कई मशीनें विदेश से मंगाई गई हैं। उसके लिए अलग से कमरे का निर्माण कराया जाएगा।

    शिक्षा व खेती-किसानी संग रोजगार सृजन के क्षेत्र में किए काम

    सांसद ने मोदी सरकार की उपलब्धियां भी गिनाईं। कहा- मोतिहारी के विकास में मोदी सरकार का अभूतपूर्व योगदान रहा है। पीपराकोठी का वह स्थान जहां से अंग्रेज यहां के किसानों पर जुल्म करते थे, आज कृषि धाम बना हुआ है।

    यहां महात्मा गांधी समेकित कृषि अनुसंधान संस्थान, सरदार वल्लभभाई पटेल सहकारी प्रशिक्षण संस्थान, पंडित दीनदयाल उपाध्याय वानिकी एवं उद्यानिकी महाविद्यालय, पशु प्रजनन उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना से शिक्षा संग रोजगार सृजन की राह आसान हुई है।

    पीपराकोठी कृषि विज्ञान केंद्र के बाद कृषि विज्ञान केंद्र, परसौनी पहाड़पुर को भी मानकों पर लाया गया है। हरसिद्धि के पानापुर रंजीता में हिंदुस्तान पेट्रोलियम एलपीजी बाटलिंग प्लांट का भी उपहार चंपारण वासियों को मिला हुआ है। देश में पिछले दस में एक ही केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है।

    मोदी सरकार ने मोतिहारी में महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय मोतिहारी की भी स्थापना कर यहां के लोगों को सौगात दी है। सड़कों की हालत बदली है।

    शंकर सरैया से तुरकौलिया होते हुए छपवा पथ, परशुरामपुर से संग्रामपुर पथ, अरेराज से दरियापुर पथ एवं हरसिद्धि से पहाड़पुर पथ ये सभी पथ वर्षों से जर्जर स्थिति में थे। मोदी सरकार आने के बाद केंद्रीय रिजर्व फंड से इन्हें बनवाया गया।

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