जागरण संवाददाता, आरा। भोजपुर जिले के आरा नवादा थाना के कतीरा मोहल्ला निवासी सेवानिवृत्त प्रोफेसर दंपती डा. महेन्द्र प्रसाद सिंह और उनकी पत्नी पुष्पा सिंह की हत्या के मामले में पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस टीम ने सीसीटीवी फुटेज में कैद संदिग्ध को करीब दस दिन बाद असम के धेमाजी जिले से गिरफ्तार कर लिया है।
गुप्तचर और तकनीकी सूत्र के आधार पर पुलिस की टीम को यह सफलता हाथ लगी है। इसके लिए पुलिस की विशेष टीम को असम भेजा गया था। पकड़े गए संदिग्ध से पूछताछ में हत्या के कारणों का भी खुलासा हुआ है। सूत्रों के अनुसार, पकड़े गए संदिग्ध का असली नाम तपन डे बताया जा रहा है, जो असम के धेमाजी जिले के जोनाई थाना के जोनाई गांव का मूल निवासी है।
आरोपी तपन को दीपक के नाम से भी पुकारा जाता है। वह दस साल पहले पटना के होटल में काम करता था। बाद में उसने काम छोड़ दिया था। लेकिन वह आने-जाने के कारण प्रोफेसर के संपर्क में था। गुरुवार को आयोजित प्रेस वार्ता में भोजपुर एसपी प्रमोद कुमार ने इसका खुलासा किया है।
उन्होंने बताया कि पकड़े गए आरोपित के पास से लूट के सामान में से आठ हजार एक सौ रुपये नकद, सोने जेवर, चोरी किए गए दोनों मोबाइल सेट बरामद कर लिए गए हैं। एएसपी हिमांशु के नेतृत्व में गठित टीम ने आरोपी को पकड़ा है। इस दौरान करीब 500 से अधिक सीसीटीवी फुटेज और 6000 से अधिक मोबाइल नंबरों का विश्लेषण किया गया। पटना में फोटो सत्यापन के आधार पर टीम ने सफलता हासिल की है।
10 साल पहले प्रोफेसर को दिए थे चार लाख रुपये, लौटाने में कर रहे थे टालमटोल
इधर, पकड़ा गया तपन डे प्रोफेसर दंपती से करीब एक दशक पहले से संपर्क में था। पूछताछ में उसने बताया कि कालेज में काम के लिए प्रोफेसर को चार लाख रुपये दिए थे। काम नहीं होने पर पैसा वापस मांगने पर प्रोफेसर दंपती की ओर से टालमटोल की जा रही थी। इसी वजह से 29 जनवरी को हुई बहस के क्रम में घर में रखे चाकू से हत्या कर दी थी।
आरोपी ने बताया कि पहले पुष्पा सिंह और फिर महेन्द्र सिंह की हत्या की और फिर अलमारी से 50 हजार रुपये नकद और आभूषण लेकर फरार हो गया। आरोपी ने भागने के क्रम में दोनों मोबाइल फोन ओवरब्रिज के पास छिपा दिए थे, जिन्हें बरामद कर लिया गया है। घटना के समय पहने हुए जूते और खून लगे कपड़े भी पुलिस ने बरामद कर लिए हैं।
हत्या के बाद पुलिस को मिली थी फुटेज
विगत 29 जनवरी 2023 रविवार के दिन प्रोफेसर दंपती डा. महेन्द्र प्रसाद सिंह और उनकी पत्नी पुष्पा सिंह की हत्या हुई थी। उस दिन का सीसीटीवी फुटेज पुलिस को मिला था। यह फुटेज प्रवेश द्वार पर लगे एक निजी अस्पताल से लिया गया था, जो तीन मंजिला मकान के निचले तल पर संचालित होता है।
हैरानी की बात यह भी है कि कतीरा स्थित जिस मकान में प्रोफेसर दंपती की हत्या हुई है, उसमें खनन विभाग के इंस्पेक्टर व जिले के एक ओपी के प्रभारी अभयशंकर समेत चार लोग बतौर किराएदार रहते हैं। इसके बावजूद दिन के उजाले में हुई इस घटना की भनक किसी को नहीं लगी। किसी भी किराएदार ने चिल्लाने की आवाज तक नहीं सुनी थी।
घटना के दिन सुबह ही आया था घर पर, छह घंटे रहा था
सीसीटीवी फुटेज खंगालने पर पुलिस ने पाया था कि वारदात के दिन संदिग्ध युवक सुबह 9.15 बजे के आसपास हाफ टी-शर्ट में आवास पर आया था। घर के बाहर ही परिचित अंदाज में डा महेन्द्र सिंह से उसकी बात भी हुई थी। इसके बाद अपराह्न सवा तीने बजे यानी छह घंटे बाद उक्त संदिग्ध ब्लू रंग की फुल टी शर्ट में जाते हुए देखा गया।
दो लाख रुपये नकद और जेवरात लूटकर ले जाने का आरोप
इधर, मृतक के भाई डा. हीरा प्रसाद सिंह ने नवादा थाने में अज्ञात के विरुद्ध प्राथमिकी कराई है, जिसमें उन्होंने घर से दो लाख रुपये नकद, गोदरेज से सोने के गहने, दंपती के मोबाइल चुराकर ले जाने का आरोप लगाया है। मृतक के भाई के अनुसार, उनकी भाभी पुष्पा सिंह ने गले में सोने की चेन और कान में बाली भी पहनी थी, जिसे कातिल हत्या करने के बाद लेकर फरार हो गया। चोरी और लूट की नीयत से हत्या किए जाने का आरोप लगाया गया है।
संदिग्ध ने दंपती के घर पर बनाया था खाना
सीसीटीवी के फुटेज में एक संदिग्ध हाथ में बैग लेकर भी जाता दिख रहा है। इस दौरान उसने दंपती के घर में खाना भी बनाया है। सीसीटीवी में वह पॉलिथीन में रसोई का कचरा फेंकते भी दिख रहा है। शुरुआती जांच में युवक का नाम दीपक बताया जा रहा है।
पहले पटना के होटल में काम करता था संदिग्ध
बताया जा रहा है कि पकड़ा गया दीपक पहले पटना के डाकबंगला चौराहे के पास एक होटल में काम करता था। इस दौरान वह प्रोफेसर महेंद्र के संपर्क में आ गया था। बताया जा रहा है कि प्रोफेसर घर में अक्सर नकदी रखते थे। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि घर पर आने-जाने के क्रम में रेकी करने के बाद घटना को अंजाम दिया है।
पटना से पुलिस ने पहले दूसरे दीपक को पकड़ा था, जांच में हुआ था सत्यापन
पुलिस ने जांच के क्रम में 31 जनवरी को पटना से दीपक नामक के दूसरे युवक को उठाया था, लेकिन फुटेज से मिलान पर वह कोई और निकला था। इधर, प्रतिदिन सफाई करने वाली नौकरानी ललीता देवी से जब पुलिस ने पूछताछ की तो उसने बताया कि 29 जनवरी को वह साढ़े दस बजे आई थी। इसके बाद दोपहर में चली गई थी। हालांकि, वह संदिग्ध उन्हें घर में नहीं दिखा, फिर शाम को आई तो गेट बंद था। इसके बाद वह लौट गई।
कालेज के कर्मी ने पहली बार संदिग्ध को देखा था
जांच के दौरान यह बात सामने आई है कि डा. महेन्द्र सिंह के साथ नोखा, रोहतास कालेज में कार्यरत एक कर्मी तेज नारायण भी कभी-कभी आकर रहता था और सेवा-टहल करता था। जब पुलिस ने तेज नारायण राम को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने बताया कि बीच-बीच में तबीयत खराब होने पर वह कतीरा आवास रहकर खाना वगैरह बना दिया करता था।
हालांकि, 25 जनवरी को वह अपने घर चला गया था। इस दौरान उसने 22 जनवरी को पहली बार उस संदिग्ध को देखा था। वह छत पर डा. महेन्द्र सिंह के बाल डाई कर रहा था। इसके पहले उसने संदिग्ध को कभी नहीं देखा था।
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