शरतचंद्र चट्टोपाध्याय की कहानियों पर रेलवे ने लगाई मुहर, दैनिक जागरण ने दिया था आइडिया
Devadas अब भागलपुर जंक्शन पर पहुंचेंगे तो नये अंदाज में दिखेंगे नजारे। कहीं देवदास की कहानी दिखेगी तो कहीं श्रीकांत के पात्र दिखेंगे। शरतचंद्र की कहानियों से रूबरू होंगे यात्री।
भागलपुर, जेएनएन। अब बिहार के भागलपुर रेलवे जंक्शन पर पहुंचेंगे तो नये अंदाज में दिखेंगे नजारे। कहीं देवदास (Devdas) की कहानी दिखेगी, तो कहीं श्रीकांत (Shree Kant) के पात्र दिखेंगे। पाथेर ढाबी, स्वामी (Swami) जैसी कहानियों के भी पात्र भागलपुर जंक्शन (Bhagalpur Junction) की दिवालों पर नजर आएंगे। जी हां, दैनिक जागरण (Dainik Jagran) के आइडिया (idea) पर रेलवे ने अपनी मुहर लगा दी है। जंक्शन की दिवालों पर कथाकार शरतचंद्र चट्टोपाध्याय (Sharat Chandra Chattopadhyay) की कहानियों को उकेरे जाएंगे, उनके पात्रों से रेलवे यात्री रूबरू होंगे।
जी हां, रेल से सफर करनेवाले यात्री जल्द ही शरतचंद्र चट्टोपाध्याय की कहानियां देवदास, श्रीकांत, पाथेर ढाबी, स्वामी जैसी कहानियों से रूबरू होंगे। जंक्शन की दीवारों, वेटिंग हॉल, लग्जरी वेटिंग हॉल में इनकी कहानियां और जीवनी से जुड़ी तस्वीरें लगाई जाएंगी।
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मालदा डिविजन के प्रभारी डीआरएम पीके मिश्रा ने आला अफ़सरों को इस दिशा में काम करने का निर्देश दिया है। डीआरएम ने गुरुवार को जंक्शन पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि दैनिक जागरण ने शरतचंद्र की यादों से जुड़ी तस्वीर लगाने के लिए ध्यान आकृष्ट कराया था। इसके लिए दैनिक जागरण बधाई के पात्र हैं।
डीआरएम ने कहा कि इतना ही नहीं, सर्कुलेटिंग एरिया में उनके ननिहाल का पता और उनकी जीवनी के बारे में बड़ा बोर्ड लगेगा, ताकि बाहर से आने वाले लोग को पता चल सके कि यह शरतचंद्र चटोपाध्याय की धरती है। बता दें कि 15 सितंबर को कथाकार शरतचंद्र का भागलपुर से गहरा रिश्ता था। ऐतिहासिक दृष्टिकोण से उनकी जीवनी और यादें को तस्वीर के माध्यम से यात्रियों को जानकारी देगा। उन्होंने कहा कि भागलपुर के इतिहास से जुड़ी सभी धरोहरों की तस्वीरें लगाई जाएंगी। स्टेशन का लुक पूरी तरह बदल दिया जाएगा।
गौरतलब है कि भागलपुर में शरतचंद का ननिहाल है। सवा सौ साल पहले जिस कुर्सी पर बैठकर शब्दों के उस चितेरे ने मोहब्बत के नायक को यह देवदास नाम दिया था, उसे रिश्तेदारों ने आज भी संभालकर रखा है। वह डेस्क भी है। गंगा की लहरें जिसके संग खेलते-खेलते किशोरावस्था ने कितने ही पात्रों को अपनी कहानियों में जन्म दिया- कुछ किस्से, कुछ हकीकत। भागलपुर की गलियों का एक नाम-शरतचंद्र चट्टोपाध्याय है।
मौके पर वरीय वाणिज्य प्रबंधक एसके पाल, सीनियर डीइएन कोर्डिनेशन सुखबीर सिंह, सीनियर डीओएम एके मौर्या, डीइएन स्पेशल प्रशांत मिश्रा, डीइएन राजीव, डायरेक्टर सीपी शर्मा, मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी सत्येन्द्र कुमार, एसएस समर सिंह, चीफ यार्ड मास्टर प्रमोद कुमार, ट्रैफिक इंस्पेक्टर राजीव शंकर, बीबी तिवारी, सीआइटी आरएन पासवान, एइएन जमालपुर, पीडब्ल्यूआे आरके सिंह थे।