जनरल के यात्रियों को जबरन ठूंसा जा रहा स्लीपर में
जंक्शन से खुलने वाली विक्रमशिला एक्सप्रेस, सूरत एक्सप्रेस, अंग एक्सप्रेस और एलटीटी एक्सप्रेस में स्लीपर क्लास में सफर करने वाले यात्री इन दिनों रेलवे की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे हैं।
भागलपुर। जंक्शन से खुलने वाली विक्रमशिला एक्सप्रेस, सूरत एक्सप्रेस, अंग एक्सप्रेस और एलटीटी एक्सप्रेस में स्लीपर क्लास में सफर करने वाले यात्री इन दिनों रेलवे की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे हैं। रविवार को कई यात्रियों ने अपना दर्द बया किया है। टिकट चेकिंग स्टाफ (स्कॉवड टीटीई) कोटा पूरा करने के लिए स्टेशन पर ही जनरल के यात्रियों की एक्स्ट्रा फेयर टिकट (ईएफटी) बनाकर उन्हें स्लीपर बोगियों में बिठा रहे हैं, जिससे स्लीपर की हालत तो बदतर होती ही जा रही है साथ ही यात्रियों की जेबें भी ढीली हो रही हैं। स्लीपर कोच में यात्रियों की सीटों के अनुपात में ही पानी स्टोर किया जाता है। लेकिन भीड़ के कारण गंतव्य तक ट्रेन के पहुंचने से पहले ही पानी समाप्त हो जा रहा है। यात्रियों की उमड़ती है भीड़ :
दरअसल, जंक्शन से रोज खुलने वाली विक्रमशिला सुपरफास्ट एक्सप्रेस, बी-विकली सूरत और साप्ताहिक अंग एक्सप्रेस की जनरल बोगी से सफर करने वालों का हुजूम उमड़ता है। लंबी कतारें लगती हैं और ट्रेन प्लेटफॉर्म नंबर एक पर लगती है तो बोगी में बैठने के लिए भीड़ टूट पड़ती है। जिसे नियंत्रित करने के लिए जीआरपी और आरपीएफ कर्मियों की ड्यूटी लगानी पड़ती है। बावजूद इसके जनरल बोगी में मारामारी की स्थिति बनी रहती है। रेलकर्मियों से मिलकर बनवा लेते हैं ईएफटी :
स्टेशन पर एक नया ट्रेंड जोर पकड़ रहा है। जनरल का टिकट लेने वाले यात्री रेलकर्मियों से मिलकर ईएफटी बनवा लेते हैं, जिसमें जनरल और स्लीपर का डिफरेंस एमाउंट जमा करना पड़ता है। इसके बाद पैसेंजरों को स्लीपर में बैठने की अनुमति मिल जाती है। क्या कहते हैं रेलयात्री :
विक्रमशिला एक्सप्रेस से आनंद विहार जाने वाले यात्री संजय ने जनरल टिकट लिया और टीटीई ने जब उसे पकड़ा तो यात्री ने टिकट दिखाया तो टीटीई ने ईएफटी बनाकर उसे स्लीपर में बैठने को कहा। वहीं, रविवार को मुंबई में मजदूरी के लिए जा रहे मिथलेश प्रसाद भी जनरल के टिकट पर ईएफटी बनवाकर स्लीपर में बैठ गए।
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स्लीपर क्लास में आरक्षित यात्रियों को हिलना-डुलना मुश्किल :
ऐसे ही स्लीपर की बोगियों में जनरल के करीब डेढ़ सौ यात्री बैठ गए, जिससे स्लीपर के यात्रियों का हिलना-डुलना तक मुश्किल हो गया। पैसेंजरों ने मामले की शिकायत ट्रेन में चलने वाले टीटीई से की। लेकिन कुछ फर्क नहीं पड़ा। पैसेंजरों का कहना है कि ट्रेन में चेकिंग के दौरान और स्टेशन पर ईएफटी बनाई जानी चाहिए। न कि जनरल के पैसेंजरों को स्टेशन पर ढूंढकर उनकी ईएफटी बनाकर स्लीपर में बैठने की अनुमति देनी चाहिए। इससे अन्य यात्रियों को असुविधा होती है। पर, चेकिंग स्टाफ अपना कोटा पूरा करने के लिए स्टेशन पर ही ईएफटी बना रहे हैं।
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कोट
ईएफटी बनाने का अधिकार चेकिंग स्टाफ के पास है। जनरल के यात्री स्लीपर में बैठे मिलेंगे तो उन पर जुर्माना लगाना उचित है। लेकिन स्टेशन पर पैसेंजरों को ढूंढ़कर जबरन ईएफटी बनाकर स्लीपर में यात्रा की अनुमति देना गलत है। इसकी जाच करवाई जाएगी।
-रवि महापात्रा, सीपीआरओ, पूर्व रेलवे।