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KK Pathak: खतरे में इन शिक्षकों की नौकरी... शिक्षा विभाग ने इस लापरवाही पर मांगा स्पष्टीकरण, यहां पढ़ें पूरा मामला

Bihar Education केके पाठक के शिक्षा विभाग का नया फरमान आ गया है। शिक्षा विभाग की तरफ से इसको लेकर पत्र भी जारी किया गया है। बताया जा रहा है कि नियम के उल्लंघन पर नौकरी भी जा सकती है। शिक्षक भर्ती के पहले चरण में 3757 शिक्षकों ने काउंसलिंग कराई थी जिन्हें सैंडिस कंपाउंड में औपबंधिक नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया था।

By Mihir Kumar Edited By: Mukul KumarPublished: Sat, 03 Feb 2024 01:25 PM (IST)Updated: Sat, 03 Feb 2024 01:25 PM (IST)
KK Pathak: खतरे में इन शिक्षकों की नौकरी... शिक्षा विभाग ने इस लापरवाही पर मांगा स्पष्टीकरण, यहां पढ़ें पूरा मामला
स्कूल से गायब रहने वाले शिक्षकों को देना होगा स्पष्टीकरण

जागरण संवाददाता, भागलपुर। KK Pathak स्कूल के प्रधानाध्यापक व जिला शिक्षा पदाधिकारी को बिना सूचना दिए 15 दिन से अधिक समय से चार शिक्षक गायब हैं। उनसे जिला शिक्षा विभाग द्वारा स्पष्टीकरण पूछा गया है। इसको लेकर पत्र भी जारी किया गया है।

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इन चार शिक्षकों में उत्क्रमित हाई स्कूल मुक्तापुर की श्वेता कुमारी मिश्रा, उत्क्रमित हाई स्कूल मुरली रंगरा चौक के शिक्षक शत्रुघ्न कुमार, एमएस डोभी सन्हौला के मोहनी झा और मध्य विद्यालय बादे हसनपुर के प्रियंका कुमारी शामिल हैं।

जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा जारी पत्र में कहा गया है अगर इनका स्पष्टीकरण सही नहीं पाया जाता है तो इन पर विभागीय कार्रवाई होगी। साथ ही अगर कुछ अन्य मामला पाया जाता है तो उनकी नौकरी भी जा सकती है।

पहले चरण में 3757 को मिला था औपबंधिक नियुक्ति पत्र, 3503 ने दिया योगदान

शिक्षक भर्ती के पहले चरण में 3757 शिक्षकों ने काउंसलिंग कराई थी, जिन्हें सैंडिस कंपाउंड में औपबंधिक नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया था। उनमें से 3503 शिक्षकों ने ही योगदान दिया है। इसमें जिला शिक्षा विभाग के अनुसार 20 शिक्षकों के त्यागपत्र देने और दो शिक्षकों की मृत्यु होने की सूचना है।

शिवमणि के तीन स्कूलों को शिक्षा विभाग से मिली मान्यता

रजौन (बांका) में सामाजिक संस्था शिवमणि वेलफेयर एडुकेशनल सोसाइटी द्वारा संचालित शिवमणि चिल्ड्रेन एकेडमी रेसीडेन्सियल स्कूल, रजौन बाजार, शिवमणि चिल्ड्रेन एकेडमी नवादा बाजार, शिवमणि चिल्ड्रेन एकेडमी परघड़ी तीनों स्कूलों को शिक्षा विभाग से प्रस्वीकृति मिली है।

यह प्रस्वीकृति बच्चों की निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा अधिनियम 2009 की धारा के तहत प्रदान की गई है। इन सभी स्कूलों को पूर्व से ही सर्व शिक्षा अभियान के तहत यू डाइस कोड प्राप्त है।

जिला शिक्षा पदाधिकारी का पत्र मिलते ही स्कूल प्रबंधन व अभिभावकों में खुशी का माहौल है। स्कूल के सचिव शिवपूजन सिंह ने इसकी जानकारी दी है।

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