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Bihar News: भागलपुर में सड़क किनारे तड़पती मिली नवजात बच्ची, खानापूर्ति करते रहे जिम्मेदार, लोगों ने दिया जीवनदान

बिहार के भागलपुर में शनिवार को ग्रामीणों की नजर सड़क किनारे पड़ी एक नवजात बच्ची पर पड़ी। लोगों ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर की मदद से उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया। बच्ची के मिलने की सूचना रामानंदी देवी हिंदू अनाथालय स्थित चाइल्ड लाइन के कर्मियों को भी दी गई लेकिन वे लोग समय पर नहीं आए।

By Mihir Kumar Edited By: Mohit Tripathi Published: Sun, 25 Feb 2024 04:38 PM (IST)Updated: Sun, 25 Feb 2024 04:38 PM (IST)
लोगों ने दिया सड़क किनारे मिली बच्ची को जीवनदान। (जागरण)

जागरण संवाददाता, भागलपुर। भागलपुर के सबौर प्रखंड में सरधो गांव के वार्ड संख्या पांच स्थित ट्यूब वेल के समीप शनिवार को ग्रामीणों की नजर सड़क किनारे पड़ी एक नवजात बच्ची पर पड़ी। मुखिया विपीन कुमार ने सबौर अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉ. जय कुमार की मदद से उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया।

बच्ची के मिलने की सूचना रामानंदी देवी हिंदू अनाथालय स्थित चाइल्ड लाइन के कर्मियों को भी दी गई, लेकिन वे लोग समय पर नहीं आए। इससे सरधो की एक महिला अस्पताल से भेजी गई एंबुलेंस से बच्ची को लेकर सदर अस्पताल पहुंची। वहां उसकी तबीयत बिगड़ने पर चाइल्ड लाइन के कर्मियों को पुन: फोन किया गया, लेकिन कर्मी ने काम छोड़ देने की बात कही।

आखिरकार महिला के साथ बच्ची को जेएलएनएमसीएच में भर्ती कराया गया। वहां के शिशु रोग विभाग में उसका इलाज चल रहा है। वहां की नर्स ने बताया कि बच्ची की देखभाल के लिए चाइल्ड लाइन का कोई कार्यकर्ता मौजूद नहीं है।

डीएम ने चाइल्ड लाइन को सौंपी थी जिम्मेदारी

विदित हो कि पूर्व डीएम ने लावारिस बच्चे की प्रारंभिक देखभाल, इलाज व शिशु संरक्षण गृह पहुंचाने की जिम्मेदारी चाइल्ड लाइन को सौंपी थी।

इस संबंध में सबौर सीएचसी मैनेजर जावेद मंजूर ने बताया कि डॉ. जय कुमार से बच्ची की जानकारी मिलने के बाद उन्होंने उपलब्ध दो फोन नंबर पर चाइल्ड लाइन के कार्यकर्ताओं को बच्ची को अपने संरक्षण में लेकर इलाज के लिए उसे अस्पताल लाने का अनुरोध किया। हालांकि उसने वहां काम छोड़ देने की बात कहकर आने में असमर्थता जताई।

जिम्मेदारी तय फिर भी बच्ची को देख लौटी टीम

वहीं बच्ची को सदर अस्पताल भेजने के बाद चाइल्ड लाइन की टीम वहां पहुंची और कुछ देर रुककर वापस हो गई। शाम को वहां बच्ची की स्थिति बिगड़ने पर उसे रेफर करने की जरूरत महसूस हुई।

उस दौरान उनके संरक्षण में बच्ची को जेएलएनएमसीएच भेजने के लिए एक बार फिर चाइल्ड लाइन के कर्मियों की जरूरत पड़ी।

इसके लिए स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा पुन: उन्हें कॉल किया गया। लेकिन कोई सदस्य मौके पर नहीं पहुंचा। अंत में बच्ची को एक महिला के साथ वहां भेजना पड़ा।

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