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भारतीय रेल : बदमाशों और नक्सलियों के आगे रेल पुलिस हमेशा रही बैकफुट पर

चार साल बाद 17 फरवरी 2021 को बुधवार की रात फिर इसी तरह की नौबत भागलपुर-किऊल रेलखंड पर दिखा। नाथनगर स्टेशन पर बम मिलने के बाद रात में यात्री दहशत में रहे। भागलपुर-किऊल रेलखंड नक्सलियों और बदमाशों के सॉफ्ट टारगेट पर है।

By Dilip Kumar shuklaEdited By: Published: Thu, 18 Feb 2021 11:14 AM (IST)Updated: Thu, 18 Feb 2021 11:14 AM (IST)
मालदा रेल मंडल : भागलपुर के नाथनगर रेलवे स्‍टेशन के पास रेलवे पटरी पर मिला बम।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। भागलपुर-किऊल रेलखंड पर रात ट्रेन परिचालन बंद होने का कोई नया मामला नहीं है। इससे पहले भी दिसंबर महीने में नक्सलियों के उत्पात के कारण पूरी तरह ट्रेनें इस रूट पर नहीं चली थीं। आधा दर्जन ट्रेनें जहां-तहां स्टेशनों पर खड़ी रही थी। ऐसे में यात्रियों को काफी फजीहत झेलनी पड़ी थी। चार साल बाद बुधवार की रात फिर इसी तरह की नौबत भागलपुर-किऊल रेलखंड पर दिखा। नाथनगर स्टेशन पर बम मिलने के बाद रात में गुजरने वाली टे्रनों के परिचालन को लेकर रात तक असमंजस की स्थिति बनी है। ट्रेनें चलेंगी या नहीं इस पर रेलवे के अधिकारी लगातार भागलपुर एसएसपी निताशा गुडिय़ा से संपर्क में है। रेल एसपी की ओर से ओके रिपोर्ट मिलने के बाद करीब साढ़े चार घंटे बाद रेल खंड पर ट्रेनों का परिचालन सामान्य हो सका। इस खंड पर नक्सली लगातार रेल पुलिस को चुनौती देते रहे हैं। रेल पुलिस नक्सलियों के आगे हमेशा बैकफुट पर रही है। रात में गुजरने वाली ट्रेनों में स्कार्ट करने वाले जवान भी सशंकित रहते हैं।

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नक्सलियों ने उस वक्त फूंका था रेलवे स्टेशन

वर्ष 2017 में नक्सलियों ने जमालपुर-किऊल के बीच स्थित मसूदन स्टेशन पर नक्सलियों ने स्टेशन मास्टर को अगवा कर स्टेशन पैनल को आग लगा दिया था। इसके बाद रात 11 से शाम पांच बजे तक ट्रेनों का परिचालन अप और डाउन में ट्रेनों का परिचालन बंद कर दिया गया था।

टारगेट पर रहा है भागलपुर-किऊल रेलखंड

भागलपुर-किऊल रेलखंड नक्सलियों और बदमाशों के सॉफ्ट टारगेट पर रहा है। यहां के रतनपुर, धरहरा, मसूदन, अभयपुर और कजरा स्टेशनों पर कई बार घटनाएं हो चुकी हैं। इस खंड पर नक्सलियों की ही चली है।

टीटागढ़ रेलवे स्टेशन के समीप एक दिन पूर्व हुआ था धमाका

नाथनगर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या दो के तीन नंबर लाइन पर बम बरामदगी के बाद सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई है। सुरक्षा एजेंसी से जुड़े अधिकारी पश्चिम बंगाल के उत्तरी परगना स्थित टीटागढ़ रेलवे स्टेशन के समीप हुए बम विस्फोट से तार जुडऩे का पता लगा रहे हैं। दरअसल टीटागढ़ रेलवे स्टेशन के समीप 16 फरवरी की सुबह देसी बम विस्फोट ट्रेन में हुआ। सियालदह-कृष्णा नगर सवारी गाड़ी में विस्फोट हुआ था। सुबह चार बजे हुए धमाका में 17 लोग जख्मी हुए थे। नाथनगर में रेलवे पटरी पर बरामद बम भी प्रथम दृष्ट्या देसी माना जा रहा है। प्रारंभिक जांच में टीटागढ़ बम धमाका वहां के दो स्थानीय गुटों में हुई हिंसक झड़प का नतीजा बताया गया है। वहीं नाथनगर नाथनगर में फरवरी माह में इलाके के आतंक रूपेश यादव और उसके गुर्गों ने रंगदारी के लिए कई जगहों पर गोलीबारी कर दहशत फैलाया था। पुलिस की दबिश बढ़ी तो रूपेश जान बचाने की गरज से खुद को पुलिस के हवाले कर दिया। तीन साथियों के साथ उसे पुलिस जेल भेज दिया। लेकिन उसके गुर्गों की सक्रियता इलाके में है। जांच में बम की पुष्टि हुई तो इस बात की संभावना ज्यादा बन रही है कि बम रूपेश यादव गिरोह के गुर्गों की ही रही होगी।


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