DON बन गया जमुई के बालू तस्करों का गिरोह? दस थानों की पुलिस को दिया चकमा
जमुई के बालू तस्करों के गिरोह को पकड़ना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन सा दिख रहा है। ऐसा हम नहीं कह रहे। शुक्रवार को हुई छापेमारी इस बात की तस्दीक कर रही है जब दस थानों की पुलिस को गिरोह चकमा देकर फरार हो निकला और पुलिस के हाथ लगा सिर्फ...
संवाद सहयोगी, जमुई। जिले में शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई के लिए छापेमारी करने निकली दस थानों की पुलिस को बालू तस्कर गिरोह फिर चकमा दे गया। छापेमारी का नेतृत्व प्रभारी एसपी सह सदर एसडीपीओ डाक्टर राकेश कुमार खुद कर रहे थे। छापेमारी अभियान में खनन पदाधिकारी, एएसडीएम, सहित जमुई, सिकंदरा, मलयपुर के अलावा विभिन्न थाना के थानेदार सहित कई पुलिस पदाधिकारी मौजूद थे। दौलतपुर घाट की पुलिस पदाधिकारियों द्वारा घेराबंदी तो की गई लेकिन बालू तस्कर गिरोह पुलिस से दो कदम आगे निकल गया। पुलिस की कार्रवाई में एक भी तस्कर और चालक पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ सका। आलम यह था कि सिर्फ चार ट्रैक्टर जब्त कर पुलिस को संतोष करना पड़ा।
जब तक पुलिस पहुंची तब तक बालू तस्कर फरार हो चुके थे। किसी तरह खदेड़ कर चार बालू लदे ट्रैक्टर को जब्त करने में कामयाबी तो मिली लेकिन बालू के अवैध कारोबारी या किसी चालक की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। नतीजतन लाव-लश्कर के साथ पहुंची पुलिस को सिर्फ चार ट्रैक्टर हाथ आने पर कई तरह की चर्चाएं होने लगी है। चारों ट्रैक्टर को जब्त कर थाना लाया गया है। ट्रैक्टर की पहचान की जा रही है। ट्रैक्टर मालिक के साथ बालू कारोबारियों का भी पता लगाने में पुलिस जुटी हुई है।
भले ही बालू कारोबारी पुलिस की पकड़ से दूर रहे लेकिन कारोबारियों के बीच हड़कंप मचा रहा। हालांकि, लोग उक्त कार्रवाई को दिखावे की कार्रवाई बता रहे हैं। रात के अंधेरे में शहर की सड़कों पर बालू ट्रैक्टर की आवाज से लोगों की नींद भले उड़ी है लेकिन पुलिस सुकून की नींद सो रही है। लोगों का कहना है कि आलम ये है कि आवागमन के लिए मार्ग पर बालू का ढेर जमा है। आए दिन इसके चलते हादसे भी होते रहते हैं।