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अधिकारी पर भारी पड़ते रहे हैं अवैध बालू कारोबारी

बांका। अवैध बालू कारोबारी का मनोबल जिले में सातवें आसमान पर रहना कोई नई बात नहीं है। अधिकारी पर हमला भी कोई नई बात नहीं है। पहले के हमले के बाद पुलिस के दुबक जाने जैसी स्थिति बनी है। पिछले महीने बालू कारोबारी के खिलाफ डोसियर खोलने सीसीए प्रस्ताव देने और जुर्माना 25 गुना बढ़ा देने के बाद भी कारोबारी बालू ढुलाई की हिम्मत कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 02 Sep 2021 09:51 PM (IST)Updated: Thu, 02 Sep 2021 09:51 PM (IST)
अधिकारी पर भारी पड़ते रहे हैं अवैध बालू कारोबारी

बांका। अवैध बालू कारोबारी का मनोबल जिले में सातवें आसमान पर रहना कोई नई बात नहीं है। अधिकारी पर हमला भी कोई नई बात नहीं है। पहले के हमले के बाद पुलिस के दुबक जाने जैसी स्थिति बनी है। पिछले महीने बालू कारोबारी के खिलाफ डोसियर खोलने, सीसीए प्रस्ताव देने और जुर्माना 25 गुना बढ़ा देने के बाद भी कारोबारी बालू ढुलाई की हिम्मत कर रहे हैं। इसके पीछे भी पुलिस का लापरवाह रवैया ही है।

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पिछले साल तत्कालीन खनन निरीक्षक महेश्वर पासवान पर बांका थाना क्षेत्र में बलारपुर में बालू ट्रैक्टर पकड़ने पर हमला हो गया था। चोट खाकर और वाहन क्षतिग्रस्त करा लौटे अधिकारी के एक केस दर्ज होने के बाद मामला ठंडा हो गया। पुलिस-प्रशासन ने इसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। इसके पहले इसी से सटे मजलिशपुर में मौजूदा एसडीपीओ डीसी श्रीवास्तव और एसडीओ मनोज चौधरी पर कारोबारी ने हमला बोल दिया था। एक केस दर्ज पुलिस ने मामला शांत करा दिया। इसी टीम पर पिछले साल छापेमारी के वक्त रजौन में अजीतनगर के पास हमला हो गया। रजौन में ही कुछ साल पूर्व अवैध बालू ट्रैक्टर को रोकने पर एक जवान को ही कुचल कर मौत के घाट उतार दिया गया। इसी इलाके में पिछले साल डेढ़ दर्जन ट्रैक्टर जबरन पुलिस से छुड़ाकर माफिया निकल गए। खैरा मोड़ के पास भी जांच टीम पर हमला हुआ। अमरपुर थाना क्षेत्र में महगामा मोड़ पर भी साल भर पहले एसडीपीओ पर जानलेवा हमला हुआ था। हर बार पुलिस-प्रशासन बैकफुट रही। कभी इसका जवाब देने को तैयार नहीं हुई।

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सभी थाना पर बालू कारोबारी की चौकड़ी

जिले के सभी थाने अब भी बालू के अवैध कारोबारियों के लिए आरामगाह बना हुआ है। बकायदा थानेदारों से उनके मधुर संबंध को देख लोग दंग रह जाते हैं। अब यह संबंध मधुर कैसे बनता है, हर पब्लिक आपको बता देगी। पिछले महीने बालू कारोबारी के खिलाफ डोसियर खुलने के बाद भी संबंध की मधुरता पर कोई खास असर नहीं पड़ा है। आखिर पुलिस प्रशासन पर जानलेवा करने वाले कारोबारी को किसी थाने में कैसे जगह मिल जाती है, यह बड़ा सवाल है। हर बार हमला जिला टीम पर ही होता है। किसी थानेदार पर कभी हमला नहीं हुआ। इसके पीछे का रहस्य खोल कारोबारी को कड़ी सबक खिलाना होगा। ताकि आगे कोई कारोबारी दुस्साहस नहीं हो सके।

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कोट

बाराहाट की घटना के बाद पुलिस सुबह से ही एक्शन में है। 10 ट्रैक्टर जब्त किए जा चुके हैं। बालू कारोबार वाले हर गांव में लगातार छापेमारी होगी। जिलाधिकारी खुद इस मामले पर सख्त हैं। अवैध बालू कारोबार से जुड़े लोगों को किसी कीमत पर बख्सा नहीं जाएगा।

संजय प्रसाद, खनन निरीक्षक


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