भगवान श्रीकृष्ण के चरण में आने से पापियों को भी मिलती है मुक्ति
थाना क्षेत्र के परियारी गांव में आयोजित सप्ताहिक ज्ञान यज्ञ के चतुर्थ दिवस पर प्रवचन करते हुए कतरासीन के मठाधीश स्वामी रामप्रपन्नाचार्य जी महाराज ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण के शरण में आने से पापियों को भी इस मृत्यु भुवन से मुक्ति मिल जाती है।
अरवल। थाना क्षेत्र के परियारी गांव में आयोजित सप्ताहिक ज्ञान यज्ञ के चतुर्थ दिवस पर प्रवचन करते हुए कतरासीन के मठाधीश स्वामी रामप्रपन्नाचार्य जी महाराज ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण के शरण में आने से पापियों को भी इस मृत्यु भुवन से मुक्ति मिल जाती है। पुतना जैसे घोर पापी को भी श्री कृष्ण के नाम और स्पर्श मात्र से मुक्ति मिल गई थी। इसलिए मानव मात्र की मुक्ति इस भुवन पर एक मात्र साधन श्रीकृष्ण भक्ति ही है। स्वामी जी ने कहा कि जिसने भी श्री कृष्ण की भक्ति में मन रमाया उसका बेड़ा पार हो गया है। उनका कहना था कि संसार स्वप्न है। झूठ मिथ्या है। भगवान के कोई एक नाम के सहारे हम अपना कल्याण कर सकते हैं। वह नाम कृष्ण है, वासुदेव है तथा द्वारिकाधीश है। इसके लिए मन को शांत कर उसे अपने बस में करना पड़ेगा। स्वामी जी ने कहा कि संत अपने मन को बस में रखते हैं इसीलिए वे सुखी माने जाते हैं। मन को बस में रखने के लिए भगवान का जाप, उन्हीं का ध्यान व दृष्टि योग्य करना चाहिए। इससे अनुपम सुख की प्राप्ति होती है। यज्ञ समिति के अध्यक्ष पप्पु शर्मा ने बताया कि प्रतिदिन श्री भागवत कथा का रसपान करने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं के लिए यहां बेहतर इंतजाम किया गया है।