सेफ ड्राइविंग में मिलेगा मजा, रफ्तार तेज हुई तो पाओगे सजा; ये एडवांस ट्रैफिक सिग्नल कैसे करता है काम
दिलचस्प बात यह है कि यह पहली बार नहीं है जब इस तरह की तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस प्रकार की ट्रैफिक लाइट प्रणाली का व्यापक रूप से यूरोपीय देशों में उपयोग किया जाता है। (फाइल फोटो)।
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। देश-दुनिया में सुरक्षित ड्राइविंग के लिए विभिन्न अभियान चलते रहते हैं। इसी कड़ी में एक कनाडाई शहर ने नया ट्रैफिक लाइट सिस्टम ईजाद किया है जो सुरक्षित ड्राइविंग को पुरस्कृत करेगा और तेज वाहन चलाने वाले लोगों के लिए मुश्किलें खड़ी करेगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह ट्रैफिक लाइट सिस्टम उन ड्राइवरों के लिए सिग्नल लाइट को लाल रखता है, जो ओवरस्पीडिंग के लिए जाने जाते हैं। मॉन्ट्रियल के पास स्थित ब्रोसार्ड शहर ने ड्राइवरों को नई तकनीक का उपयोग करके अपनी गति कम करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए एक सिग्नल प्रणाली तैयार की है।
स्कूल जोन में किया गया है प्रयोग
एक स्कूल जोन में इस एडवांस और यूनिक ट्रैफिक सिग्नलिंग सिस्टम को स्थापित किया गया है। यहां पर ड्राइवरों को धीमी गति से वाहन चलाने के लिए इसे लगाया गया है। इसे FRED (feu de ralentissement éducatif) के रूप में जाना जाता है।
दावा किया गया है कि सिग्नल की बत्ती लाल रहती है और जब इसको पता लगता है कि आने वाले वाहन की गति सीमा से कम है, तो खुद-ब-खुद हरी हो जाती है। यदि कोई वाहन गति सीमा से ऊपर चल रहा है, तो बत्ती लाल रहेगी। ये सिस्टम चालक को अपना वाहन की गति धीमी करने और यहां तक कि रुकने के लिए मजबूर करेगा।
यूरोपीय देशों में खूब होता है इसका प्रयोग
दिलचस्प बात यह है कि यह पहली बार नहीं है, जब इस तरह की तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस प्रकार की ट्रैफिक लाइट प्रणाली का व्यापक रूप से यूरोपीय देशों में उपयोग किया जाता है। हालांकि, यह पहली बार है जब उत्तरी अमेरिका में इस तरह का ट्रैफिक सिग्नलिंग सिस्टम लगाया गया है।
इस प्रणाली की स्थापना से पहले गति सीमा 40 किमी प्रति घंटा थी और अब इसे घटाकर 29 किमी प्रति घंटा कर दिया गया है। एक अन्य कनाडाई शहर, क्यूबेक में भी स्वचालित रिफ्लेक्टिंग कैमरे लगाए गए हैं, जो गति सीमा से तेज गाड़ी चलाने वालों का पता लगाएंगे और सिग्नल जंप करने पर चालान काटेंगे।