Tata Nano को बड़ी कारों के शौक ने किया खत्म: पवन गोयनका
महिंद्रा एंड महिंद्रा के चेयरमैन पवन गोयनका ने कहा कि भारत में लोग अकेले चलने के लिए जरूरत से बड़ी कार प्रयोग करते हैं और इसी वजह से नैनो खत्म हुई है
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। भारत में लोग अकेले चलने के लिए जरूरत से बड़ी कार प्रयोग करते हैं। भारतीयों के इसी शौक के चलते टाटा की नैनो कार बाजार में अपनी जगह बनाने में विफल रही है। आइआइटी कानपुर द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में महिंद्रा एंड महिंद्रा के चेयरमैन पवन गोयनका ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री प्रदूषण में इजाफा करती है। इसे प्रदूषण घटाने के प्रयास करने चाहिए। उल्लेखनीय है कि टाटा मोटर्स ने एक लाख रुपये की कीमत वाली 600 CC नैनो कार उतारी थी। ग्राहकों से अच्छी प्रतिक्रिया नहीं मिलने के बाद इसका उत्पादन रोक दिया गया।
गोयनका ने संसाधनों की बर्बादी की ओर इशारा करते हुए कहा कि 65-70 किलोग्राम वजन का एक भारतीय व्यक्ति 1,500 किलोग्राम वजन की कार में अकेले यात्र करता है। हमें व्यक्तिगत यातायात के लिए हल्के वाहनों की जरूरत है। इसको ध्यान में रखते हुए हमारी कंपनी ने एक छोटी कार पेश की है, जो जल्दी ही बाजार में उतारी जाएगी। प्रदूषण का जिक्र करते हुए गोयनका ने कहा कि कुल कार्बन में सात परसेंट और PM-2.5 में पांचवें हिस्से के बराबर उत्सर्जन ऑटोमोबाइल्स द्वारा किया जाता है। उन्होंने कहा कि ऑटो सेक्टर को इसे घटाने का पूरा प्रयास करना चाहिए। आधुनिकता के मामले में घरेलू बाजार संभावनाओं से भरा हुआ है। आइटी पावर होने के कारण यहां तकनीकी विकास की अपार संभावनाएं हैं।
गोयनका ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों के मामले में हम अभी चीन से पांच साल पीछे हैं। इलेक्ट्रिक कारों के मामले में भारतीय बाजार फिलहाल पिछड़ा हुआ है। पिछले वर्ष यहां सिर्फ 1,400 ई-कारें बिकीं। लेकिन घरेलू स्तर पर बैट्री, चार्जिग और दोपहिया, तिपहिया वाहनों के विकास पर काफी काम हो रहा है। गोयनका ने कहा कि देश के आर्थिक विकास में ऑटो इंडस्ट्री महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
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