Tata कर रही ग्रीन फ्यूल से चलने वाली गाड़ियों पर फोकस, क्या है 60-40 फार्मूला
कंपनी आने वाले समय 60 फीसद ग्रीन-फ्यूल और 40 परसेंट अन्य ईंधन से चलने वाली गाड़ियां बनाएगी। कंपनी साल 2030 तक 30 परसेंट सीएनजी कार और 30 परसेंट से अधिक इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने पर फोकस कर रही है। (जागरण फोटो)
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। टाटा मोटर्स का इस समय फोकस पूरी तरह से ग्रीन-फ्यूल सॉल्यूशन की तरफ है, जहां कंपनी का प्लान अपने पैसेंजर व्हीकल का प्रोडक्ट पोर्टफोलियो आगे चलकर 60 परसेंट केवल ग्रीन-फ्यूल की तरफ बढ़ाने का है। जैसा कि हम सब जानते हैं कि भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल सेगमेंट में टाटा मोटर्स सबसे बड़ी प्लेयर है। कंपनी आने वाले समय में अन्य सेगमेंट पर भी कब्जा करना चाहती है।
टाटा मोटर्स का फ्यूचर प्लान
टाटा मोटर्स 60-40 का रेशियो लेकर चल रही है। मतलब यह कि कंपनी आने वाले समय 60 फीसद ग्रीन-फ्यूल और 40 परसेंट अन्य ईंधन से चलने वाली गाड़ियां बनाएगी। कंपनी साल 2030 तक 30 परसेंट सीएनजी कार और 30 परसेंट से अधिक इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने पर फोकस कर रही है। इस समय टाटा की कई ईवी प्रोडक्ट्स इंडियन मार्केट में बिक्री पर है।
इसके अलावा बचे 40 परसेंट में कंपनी फ्लेक्स ऑयल इंजन और पेट्रोल पावरट्रेन इंजन से लैस गाड़ियों को बनाएगी। भारत में समय इलेक्ट्रिक व्हीकल बाजार का कुल 85 परसेंट मार्केट शेयर टाटा मोटर्स के पास है और यही वजह है कि कंपनी आने वाले समय में अपने इस डोमिनेंसी को बरकरार रखना चाहती है।
डीजल नहीं रहा फेवरेट
Tata Motors भारत में कई अन्य कार ब्रांडों की तरह जानबूझकर डीजल मॉडल से दूर भाग रही है। इसके पीछे एक प्रमुख कारण सख्त उत्सर्जन मानदंडों के कारण डीजल वाहनों के लिए उत्पादन की बढ़ती लागत है, जो अंततः डीजल कारों को उनके पेट्रोल समकक्षों की तुलना में काफी महंगा बना रही है।
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