हेलमेट को आवश्यक करने के लिए सख्त कानूनी कार्रवाई जरूरी: राजीव कपूर
पिछले कुछ वर्षों में शहरीकरण ने यातायात के खतरों को दोगुना कर दिया है। WHO की रिपोर्ट के अनुसार प्रति वर्ष लगभग 3 लाख लोगों की मौत हो रही हैं
नई दिल्ली (ऑटो डेस्क)। टू व्हीलर्स हेलमेट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन भारत में हेलमेट सुरक्षा की बात को लगातार सार्वजनिक स्तर पर उठा रही है। SIAM के सेमिनार के दौरान राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह पर विचार व्यक्त करते हुए, श्री राजीव कपूर, प्रेसिडेंट, टू व्हीलर्स हेलमेट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन और मैनेजिंग डायरेक्टर, स्टीलबर्ड हाई-टेक इंडिया लिमिटेड ने कहा कि "पिछले कुछ वर्षों में शहरीकरण ने यातायात के खतरों को दोगुना कर दिया है। WHO की रिपोर्ट के अनुसार प्रति वर्ष लगभग 3 लाख लोगों की मौत हो रही हैं। इन सड़क हादसों में प्रभावित ज्यादातर लोग पैदल यात्री और दो पहिया वाहन उपयोगकर्ता हैं।"
कपूर ने आगे कहा, "हम नए मानक के लिए मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट और हाईवे (MORTH) का धन्यवाद करते हैं कि उन्होंने ड्राफट नोटिफिकेशन जारी कर टू व्हीलर हेलमेट को BIS सर्टीफिकेशन की सूची में शामिल कर लिया है और नए मानक IS 4151:2015 भारत विशिष्ट हेलमेट मानक को लागू करने के लिए BIS की अनिवार्य सूची में शामिल किया है। हालांकि मानव जीवन को बचाने के लिए सुधारात्मक उपाय किए जाने की आवश्यकता है। BIS सूची में दो पहिया वाहन हेलमेट को अनिवार्य तौर पर लाने की MORTH द्वारा जारी अधिसूचना को तुरंत प्रभाव से 'गजट' में प्रकाशित किया जाना चाहिए। अकेले जागरूकता से काम नहीं चलेगा। सख्ती से पालन की भी आवश्यकता है। सरकार को पूरे भारत में हेलमेट अनिवार्य बनाना चाहिए।"
WHO की रिपोर्ट के अनुसार भारत में तीन लाख लोग सड़क दुर्घटनाओं में मर रहे हैं, लेकिन इस संख्या में केवल वही शामिल हैं, जिनके बारे में भारत सरकार द्वारा रिपोर्ट और दर्ज किया गया है। सामान्य दृष्टिकोण के अनुसार, सड़क दुर्घटनाओं में भारत में दस लाख से अधिक लोग मर रहे हैं क्योंकि कई दुर्घटनाएं कभी भी बताई और दर्ज नहीं की जाती हैं।
इसके अलावा MORTH को मोटर वाहन अधिनियम के अनुसार 2 व्हीलर के साथ हेलमेट प्रदान करने के लिए सभी OEMs और SIAM हेलमेट देना लाजिमी किया जाना चाहिए, जैसे कि रॉयल एनफील्ड और वेस्पा/ पियाजियो द्वारा किया जाता है। दो पहिया वाहनों की खरीद के समय, भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम 1986 के तहत भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा निर्धारित निर्देशों की पालना करते हुए दोपहिया वाहन निर्माताओं को ग्राहकों को एक सुरक्षात्मक हेडगियर की आपूर्ति करनी चाहिए।
कपूर ने आगे कहा, "इसलिए MORTH को हेलमेट निर्माताओं के साथ मिलकर पहल करनी चाहिए क्योंकि भारतीय मांग को पूरा करने के लिए न्यूनतम निवेश कार्यशील पूंजी सहित लगभग 6000 करोड़ है, और इसके लिए आवश्यक समय सीमा न्यूनतम 2-3 वर्ष है। साथ ही निर्माता और बड़े संगठन को आगे आना चाहिए और इस क्षेत्र में निवेश करना चाहिए। वर्तमान परिदृश्य को देखते हुए आशंका यह है कि यदि वे इस क्षेत्र में निवेश करते हैं और सरकार इस संबंध में कानून लागू नहीं करती है। इसलिए हम मंत्रालय से अनुरोध करते हैं कि वह पूरे भारत में हेलमेट अनिवार्य बनाने के लिए भविष्य की योजना बनाए।"
सड़क सुरक्षा को लेकर नए रूझानों, पर आयोजित सेमिनार को सचिव, MORTH और स्पेशल कमिश्नर ऑफ पुलिस दृवारा भी सहयोग किया गया, जिसका आयोजन बीते दिनों इंडिया हैबिटेट सेंटर, नई दिल्ली में किया गया था। इसका उद्देश्य लोगों को प्रशिक्षण, तकनीकी और उपयोगी जानकारी से भरपूर सेशन प्रदान करना था। सेमिनार की अध्यक्षता उद्योग जगत के कई जाने माने लोगों ने की, जिनमें श्री राजीव कपूर, प्रबंध निदेशक, स्टीलबर्ड हाई टेक इंडिया लिमिटेड भी शामिल थे, जिन्होंने भारत में हेलमेट मानकों पर प्रकाश डाला; होंडा कार इंडिया के महाप्रबंधक श्री यशपाल सच्चर; श्री रमाशंकर पांडे, सीईओ और एमडी हेला इंडिया लाइटिंग लिमिटेड भी सेमिनार की अध्यक्षता करने वालों में शामिल थे।
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