नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। Rolls-Royce Motor कार्स अपने स्पिरिट ऑफ एक्स्टसी (Spirit of Ecstasy mascot) शुभंकर की वर्षगांठ मना रही है। जिसे पहली बार 6 फरवरी 1911 को रोल्स-रॉयस की बौद्धिक संपदा के रूप में पंजीकृत किया गया था। आइकन की स्थिति में चढ़कर इसे सार्वभौमिक रूप से मान्यता और प्रशंसा मिली है। आपको बता दें जैसे-जैसे समय में बदलाव आया है वैसे -वैसे ही इसमें कई तरह के सुधार भी किए गए है। अलग-अलग रुख अपनाते हुए, कभी-कभी थोड़ा लंबा या छोटा इसे किया गया है।

ऑल-इलेक्ट्रिक स्पेक्टर

ब्रिटिश की वाहन निर्माता कंपनी स्पिरिट ऑफ एक्स्टसी की सालगिरह के रूप में,  2022 में विशेष रूप से मार्के के ऑल-इलेक्ट्रिक स्पेक्टर के लिए फिर से बनाया गया है जो खुद अब तक का सबसे  रोल्स-रॉयस है। ये वास्तव में बोनेट पर दिखने वाला भव्य साइन है,इतना ही नहीं इसमें सबसे खास बात ये है कि इसे कोई चोरी नहीं कर सकता है। यानी कंपनी को इसके चोरी को लेकर कोई भी चिंता नहीं है।  

टक्कर की स्थिति में ये पैदल चलने वालों के लिए  सुरक्षित भी है। यानी इसे डिजाइन ही कुछ इस तरीके से किया है कि ये पैदल चलने वाले यात्रियों को भी इससे सुरक्षा प्रदान होगी। वहीं अगर आप इसके ऊपर कोई भी दबाव डालने की कोशिश करते हैं तो स्वचालित रूप से हुड के नीचे और से बाहर आ जाता है जिसके कारण इसे चुराना काफी मुश्किल होता है।

रोल्स रॉयल

रोल्स रॉयल अपनी कार को काफी कस्टमाइज्ड तरीके से बनाई जाती है। इसके बाद इसे खरीदने वाले का पूरा डाटा कंपनी अपने पास रखती है। किसी भी टेस्टिंग एजेंसी को क्रैश टेस्ट के लिए 4 से 5 कारों की जरूरत होती है। लेकिन कंपनी अपनी कारों को इन संस्थानों को कार मुहैया नहीं करती है। उन्हें नई कारों को खरीदना और उनका टेस्ट करना है। इन्हें खरीदकर क्रैश टेस्ट करना संभव नहीं है।

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Edited By: Ayushi Chaturvedi