ऑटो इंडस्ट्री आगे उत्पादन में कर सकती है कटौती: रिपोर्ट
उच्च जीएसटी कर दरों कृषि संकट स्थिर मजदूरी और तरलता का संकट की वजह से मांग में सुस्ती बरकरार है और महीने दर महीने और कम होती जा रही है।
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। ऑटो सेक्टर में मुनाफे में कमी होने और मांग में सुस्ती रहने के साथ बीएस VI मानकों के अनुपालन के चलते बदलाव के कारण उत्पादन में और गिरावट आएगी, जिसके परिणाम स्वरूप ऑटो सेक्टर में बेरोजगारी बढ़ने की संभावनाएं होंगी। उच्च जीएसटी कर दरों, कृषि संकट, स्थिर मजदूरी और तरलता के संकट की वजह से मांग में सुस्ती बरकरार है और महीने दर महीने और कम होती जा रही है। डीलरशिप स्तर पर इन्वेंट्री पाइल-अप बढ़ रही है। इसके अलावा बीएस IV वाहनों का स्टॉक मैनेजमेंट सेक्टर के लिए एक समस्या बन गया है।
ग्रांट थॉर्नटन इंडिया के पार्टनर श्रीधर वी के अनुसार, पैसेंजर व्हीकल की बिक्री में निरंतर कमी के कारण उत्पादन में और कमी हो सकती है। वी श्रीधर ने कहा कि ओईएम खर्च को कम करके और परिचालन दर को कम करके परिचालन स्तर पर लागत को कम करने के लिए रास्ते तलाश रहे हैं। वे कई बार इस कठिन दौर से निपटने के लिए उत्पादन में कटौती का भी सहारा ले रहे हैं। ऑटो इंडस्ट्री में बिक्री में गिरावट का महत्व है क्योंकि ऑटो इंडस्ट्री विनिर्माण जीडीपी के लगभग आधे हिस्से में योगदान देता है और कुल जीएसटी राजस्व का 11 फीसद है।
इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च (फिच ग्रुप) की सीनियर एनालिस्ट ऋचा बुलानी ने कहा कि लंबे समय तक कमजोर उपभोक्ता मांग के साथ डीलर स्तरों पर इन्वेंट्री बढ़ने से ने ओईएम के लिए उत्पादन में कटौती की जरूरत है।उत्पादन में कटौती से डीलरों को कुछ अल्पकालिक राहत मिल सकती है, यह पूरी तरह से ऑटो सप्लाई चेन ओईएम, कंपोनेंट सप्लायर्स और डीलर्स को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। ओईएम पर निर्भर कंपोनेंट की वॉल्यूम ग्रोथ पहली छमाही में प्रभावित होगी। हाल ही में सभी प्रमुख ओईएम में पैसेंजर, कमर्शियल, टू और थ्री व्हीलर निर्माता शामिल हैं जिन्होंने घरेलू बिक्री में भारी गिरावट दर्ज की है।
सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) के आंकड़ों से पता चला है कि जून में घरेलू यात्री कार की बिक्री 24.07 फीसद घटकर 139,376 यूनिट रह गई। जुलाई के आंकड़ों का इंतजार है। कमर्शियल व्हीकल सेगमेंट में घरेलू बिक्री पिछले महीने 12.27 फीसद घटकर 70,771 यूनिट रही। स्कूटर, मोटरसाइकिल और मोपेड समेत दोपहिया वाहनों की कुल बिक्री 11.69 फीसद कम होकर 1,649,477 यूनिट रही।
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