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दिल्ली में अब इलेक्ट्रिक कारों पर नहीं मिलेगी सब्सिडी, 1 से 2 लाख रुपये बढ़ेंगी कीमत

परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा “ ई-कारों के लिए सब्सिडी की आवश्यकता नहीं है क्योंकि जो लोग वाहन के लिए लगभग 15 लाख रुपये का भुगतान कर सकते हैं उन्हें परवाह नहीं है कि लागत बिना सब्सिडी के 1-2 लाख अधिक है।

By BhavanaEdited By: Published: Mon, 08 Nov 2021 09:41 AM (IST)Updated: Tue, 09 Nov 2021 07:35 AM (IST)
इलेक्ट्रिक कारों में सब्सिडी के लिए पात्र वाहनों की संख्या सीमित थी,

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। Delhi Electric Vehicle Policy Update: भारत में ईवी पर मिलने वाली सब्सिडी कई राज्यों में लागू हो चुकी है। हालांकि इसकी शुरुआत देश की राजधानी दिल्ली से हुई थी। बीते वर्ष लागू की गई दिल्ली ईवी नीति 2020 के अनुसार, राज्य सरकार अगले तीन वर्षों के लिए सभी इलेक्ट्रिक कारों पर रोड टैक्स और पंजीकरण शुल्क माफ करेगी। वहीं बेची गई पहली 1,000 यूनिट पर 1.5 लाख रुपये तक की सब्सिडी प्रदान की जाएगी।

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परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि दिल्ली में इलेक्ट्रिक कारों की खरीद पर सब्सिडी बढ़ाने की कोई योजना नहीं है क्योंकि इलेक्ट्रिक चारपहिया वाहनों के लिए आप सरकार द्वारा की गई पहल को गति मिली है। रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली सरकार ने पहले 1,000 ईवी मालिकों को नीति के तहत सब्सिडी देने का अपना लक्ष्य पूरा कर लिया है, और आगे कोई सब्सिडी नहीं दी जाएगी। हालांकि इलेक्ट्रिक कार खरीदारों को अभी भी पॉलिसी के तीन साल के दौरान सभी बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों को दिए जाने वाले रोड टैक्स और पंजीकरण शुल्क में छूट से लाभ होने की संभावना है।

रिपोर्ट में आगे गहलोत के हवाले से कहा गया है कि दोपहिया और वाणिज्यिक वाहन क्षेत्र में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जो दिल्ली की सड़कों पर चलने वाले वाहनों का एक बड़ा हिस्सा है। गहलोत ने कहा कि अब ऑटो चालकों, दोपहिया मालिकों और डिलीवरी पार्टनर्स को सब्सिडी देने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। बता दें, वर्तमान ईवी नीति के तहत, इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर्स और टू-व्हीलर्स पर रोड टैक्स और रजिस्ट्रेशन फीस में छूट के अलावा 30,000 रुपये तक की सब्सिडी मिलती है।

उन्होंने कहा कि “वास्तव में, ई-कारों के लिए सब्सिडी की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि जो लोग वाहन के लिए लगभग 15 लाख रुपये का भुगतान कर सकते हैं, उन्हें परवाह नहीं है कि लागत बिना सब्सिडी के 1-2 लाख अधिक है। हमारा उद्देश्य उन लोगों को सब्सिडी प्रदान करना है जिन्हें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है, और उनमें ऑटो चालक, दोपहिया मालिक, डिलीवरी पार्टनर आदि शामिल हैं।


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