Car में क्यों होता है ड्रम के बजाय डिस्क ब्रेक का इस्तेमाल, सुरक्षित और किफायती सफर के लिए कितना अहम
Disc Brake आजकल की ज्यादातर गाड़ियों में देखने को मिलता है। वहीं दोपहिया वाहनों में डिस्क और ड्रम दोनों ब्रेक का इस्तेमाल होता है। ऐसे में सोचने वाली बात है कि गाड़ियों में भी ड्रम ब्रेक क्यों नहीं देखने को मिलते हैं और डिस्क ब्रेक ड्रम से कितना बेहतर है।
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। चाहे पैसेंजर गाड़ियां हो या कमर्शियल वाहन, आपको ज्यादातर गाड़ियों में डिस्क ब्रेक ही नजर आएंगे। इस ब्रेक के आने से ड्राइविंग सुरक्षा को नए आयाम मिले हैं। चाहे किसी भी स्पीड में गाड़ी को चलाया गया हो, ये ड्रम ब्रेक की तुलना में हर संभव गाड़ी को बिना स्केट किए रोकने में सक्षम है। हालांकि, अभी भी कई दोपहिया वाहनों में ड्रम ब्रेक देखने को मिल जाते हैं, पर कारों के मामले में ऐसा नहीं है। ज्यादातर गाड़ियों में डिस्क ब्रेक का ही इस्तेमाल होता है। कुछ किफायती, लो-एंड मॉडलों पर डिस्क के साथ-साथ ड्रम ब्रेक दोनों का उपयोग किया जाता है।
ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर गाड़ियों में डिस्क ब्रेक का ही इस्तेमाल क्यों होता है और क्या बेहतर सुरक्षा के अलावा भी इनके इस्तेमाल का कोई फायदा है?
कारों में डिस्क ब्रेक का इस्तेमाल
डिस्क ब्रेक पहियों पर दिए गए रोटर को रोकने के लिए कैलीपर्स का उपयोग करते हैं, जिससे पहिये की गति धीमी हो जाती है। साथ ही इसके लिए हाइड्रोलिक एनर्जी का इस्तेमाल होता है। जो गाड़ी के बहुत स्पीड में चलने के बावजूद उसे रोकने में सक्षम होते हैं।
वहीं, ड्रम ब्रेक में गाड़ी के पहियों को धीमा करने के लिए घर्षण पैड के एक सेट का उपयोग होता है, जो बेलनाकार ब्रेक ड्रम के खिलाफ दबाया जाता है। इस कारण तेज गति से चलने पर कारों को रुकने में कुछ सेकेंड का अतिरिक्त समय लग जाता है। सड़क दुर्घटना के दौरान ये कुछ सेकेंड भी जान बचाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं। इसलिए आजकल ज्यादातर गाड़ियों में ड्रम के बजाए डिस्क ब्रेक को रखा जाता है।
डिस्क ब्रेक के और भी हैं फायदे
बेहतर सुरक्षा देने के अलावा, डिस्क ब्रेक के कई फायदे हैं। कारों में पिछले पहियों पर ड्रम ब्रेक और फ्रंट ब्रेक पर डिस्क ब्रेक बहुत आम है। ऐसा इसलिए है क्योंकि औसतन 75% ब्रेकिंग ऊर्जा फ्रंट ब्रेक से आती है। ऐसे में ड्रम ब्रेक की तुलना में डिस्क ब्रेक हिट मैनेजमेंट और एनर्जी के फैलाव में बेहतर होते हैं। इसमें ब्रेक फेल होने की दर भी कम होती है।
डिस्क ब्रेक नमी वाले मौसम भी भी बेहतर ग्रिप बनाते हैं, जबकि ऐसी स्थिति में ड्रम ब्रेक इसके कुशल तरीके से काम नहीं कर सकते हैं। भारी ब्रेकिंग की अवधि के दौरान उनके ज्यादा गरम होने या लॉक होने की संभावना कम हो जाती है। इन सब कारणों से बार-बार ब्रेक बदलने की समस्या से राहत मिलती है और इसका सीधा असर खर्चों में कमी पर दिखाई देता है।
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