कब सामने आते हैं एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर, कैसे खुलती है पोल… जानिए कौन सा ग्रह बनाता है इसे स्कैंडल
शनि और केतु जैसे ग्रह एक्सट्रा मैरिटल अफेयर (extramarital affair astrology) जैसे छुपे रहस्यों को उजागर करते हैं। राहु-केतु की धुरी का लग्न-सातवें या दूसरे-आठवें भाव पर आना या आठवें भाव की सक्रियता से घोटाले सामने आ सकते हैं। दसवें भाव पर पाप ग्रहों का प्रभाव और बुध की स्थिति भी इसमें भूमिका निभाते हैं। हालिया कोल्डप्ले किस कैम प्रकरण इसका उदाहरण है।

एस्ट्रोपत्री, नई दिल्ली। कोल्डप्ले किस कैम प्रकरण कुछ लोगों को रोचक लग सकता है। मगर, इसमें शामिल लोग विशेषकर सीईओ साहब की पत्नी और बच्चों के जीवन ने एक बहुत ही दुखद मोड़ ले लिया है। हम आशा करते हैं कि वे इस स्थिति से सही सलामत बाहर निकल सकें।
हालांकि, यह कोई नई बात नहीं है। व्यभिचार प्राचीन काल से सामान्य मानवीय व्यवहार रहा है। बहुत बार यह गुप्त ही रहता है और कोल्डप्ले Kiss Cam जैसी घटनाओं की तरह सार्वजनिक रूप से उजागर नहीं होता है।
मगर, जब कुछ विशेष ग्रहीय परिस्थितियां (extramarital affair astrology) बन जाती हैं, तो यह छुपे हुए संबंधों को सार्वजनिक रूप से सामने ले आता है। आइए जानते हैं कि ऐसे मामलों की कब खुलती है पोल…
शनि देव और केतु देव का गोचर
ज्योतिष (Planet astrology) में शनि देव को न्याय और कर्म के देवता के रूप में जाना जाता है। वहीं, केतु देव गुप्त रहस्यों को उजागर करते हैं। ये दोनें ग्रह कार्मिक सुधार करने वाले माने जाते हैं। जब ये ग्रह सातवें, आठवें या बारहवें भाव से गोचर करते हैं, तो ये छुपी हुई बातों को उजागर कर सकते हैं और वह भी अचानक और दर्दनाक तरीके से।
राहु-केतु की धुरी का लग्न-सातवें
या दूसरे-आठवें भाव पर आना
जब राहु केतु लग्न और सातवें भाव पति और पत्नी के भाव से गोचर करते हैं। या दूसरे और आठवें भाव यानी गुप्त रहस्यों के भाव से गोचर करते हैं, तो वह घोटाले या सार्वजनिक खुलासों को जन्म दे सकते हैं। खासकर जब दसवें भाव (प्रतिष्ठा के भाव) पर पाप ग्रहों का प्रभाव हो।
अष्टम भाव की सक्रियता
यदि कोई दशा या अंतरदशा आठवें भाव या उसके स्वामी को सक्रिय करती है, तो गुप्त बातें बहुत उग्र रूप से उजागर हो सकती हैं। विशेषकर जब आठवें घर का संबंध राहु देव, मंगल देव या शुक्र देव के साथ हो और यदि शनि देव भी उस पर दृष्टि डाल रहे हो तब।
इतने बड़े स्कैंडल बनने की वजह
व्यभिचार अक्सर उजागर हो जाता है, लेकिन यह बहुत कम बार इतना बड़ा रूप लेता है, जितना कि हालिया घटना में देखा गया। इस घटना से जुड़े वीडियो और लेखों को लगभग एक अरब बार देखा गया है। यह स्वाभाविक रूप से उस पुरुष, महिला और पुरुष की पत्नी के जीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर चुका है।
आधुनिक कुंडलियों में बुध देव की स्थिति विशेषकर यदि वह तीसरे या ग्यारहवें भाव से जुड़ी हो, तो यह संकेत देती है कि संचार चैनलों के माध्यम से उजागर होना संभव है। बुध की पीड़ित स्थिति में डिजिटल साक्ष्य या लीक की संभावना बढ़ जाती है।
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दसवें भाव की सक्रियता और पाप ग्रहों की दृष्टि
दसवां भाव प्रतिष्ठा और सार्वजनिक छवि का कारक होता है। जब गोचर में पाप ग्रह जैसे शनि देव, राहु या केतु देव दसवे भाव को देखते हैं या उसमें स्थित होते हैं और यदि दशा भी सातवें, आठवें या बारहवें भाव के स्वामियों से जुड़ी हो, तो मामला सार्वजनिक तौर पर सामने आ सकता है।
लग्न या दशम भाव के स्वामी से संबंध
यदि गलत आचरण वाले ग्रह लग्न या दसवें भाव के स्वामी से जुड़े हों, और वे राहु-केतु देव की भी दृष्टि या युति में हों, तो संबंध समाज में चर्चा का विषय बन सकता है।
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