Ratna Astrology: इन दो राशि के जातक धारण करें ये शुभ रत्न, साल 2025 में बदल जाएगी तकदीर
रत्न ज्योतिष (Ratna Jyotish) के अनुसार रत्न धारण करने से जीवन के कई क्षेत्रों में जातक को काफी लाभ मिल सकता है। लेकिन इससे संबंधित कुछ नियम भी बताए गए हैं। ऐसे में चलिए जानते हैं कि आने वाले साल में किन राशि के जातकों को रत्न धारण करने से लाभ मिलने वाला है और इस दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। नए साल की शुरुआत में अब कुछ ही समय शेष रह गया है। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आने वाले साल में मेष और वृश्चिक राशि के जातकों को कौन-से रत्न धारण करने से लाभ मिल सकता है। यदि आप इन रत्नों को सही विधि से धारण करते हैं, तो इससे आपको चमत्कारी फायदे मिल सकते हैं।
इस रत्न से होगा लाभ (Mesh Rashi ke liye Shubh Ratna)
साल 2025 में मेष राशि (Aries Scorpio fortune 2025) के जातकों को मूंगा, माणिक्य, पुखराज जैसे रत्न धारण करने चाहिए। आप इन रत्नों को मंगलवार के दिन धारण करना विशेष लाभकारी है। ऐसा करने से आपको काफी लाभ देखने को मिलेगा। इससे मंगल का भी प्रभाव कम होगा। इसी के साथ आपको आने वाले साल में अपने गुस्से पर काबू रखना होगा, साथ ही वाणी पर भी संयम रखें।
मिलेंगे ढेरों फायदे (Scorpio lucky gemstones)
रत्न ज्योतिष के अनुसार, साल 2025 में वृश्चिक राशि के जातकों को माणिक्य, मूंगा, मोती आदि रत्न धारण करना चाहिए। वृश्चिक राशि के स्वामी ग्रह मंगल हैं, इसलिए इस राशि के जातकों को मूंगा रत्न पहनने से विशेष लाभ मिल सकता है। वहीं वृश्चिक लग्न के लोगों को मोती धारण करने से स्वास्थ्य में लाभ देखने को मिल सकता है।
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रत्न धारण करने के नियम
रत्न ज्योतिष में माना गया है कि किसी भी रत्न को हमेशा सुबह के समय ही धारण करना चाहिए। इसी के साथ कभी भी अमावस्या या ग्रहण के दिन नया रत्न धारण न करें। एक बार रत्न पहनने के बाद उसे बार-बार उतारना नहीं चाहिए, वरना इसका प्रभाव कम होने लगता है। इस बात का भी विशेष रूप से ध्यान रखें कि कभी भी खंडित रत्न न पहनें और न ही किसी दूसरे का पहना हुआ रत्न धारण न करें।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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