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Sita Navami 2024: सीता नवमी पर इस विधि से करें मां जानकी की पूजा, नोट कर लें डेट और शुभ मुहूर्त

सीता नवमी (Sita Navami 2024) को जानकी नवमी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन को भक्त बड़े उत्साह और उमंग के साथ मनाते हैं। यह हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाई जाती है। इस साल यह 16 मई 2024 को मनाई जाएगी तो आइए इस दिन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं -

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Published: Sat, 11 May 2024 02:09 PM (IST)Updated: Sat, 11 May 2024 02:09 PM (IST)
Sita Navami 2024: देवी सीता की पूजा विधि

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Sita Navami 2024: सीता नवमी का पर्व बेहद शुभ माना जाता है। ग्रंथों के अनुसार, देवी सीता का जन्म इसी शुभ दिन पर हुआ था। सीता नवमी को जानकी नवमी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन को भक्त बड़े उत्साह और उमंग के साथ मनाते हैं। यह हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाई जाती है। इस साल यह 16 मई, 2024 को मनाई जाएगी।

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कब है सीता नवमी ?

हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 16 मई , 2024 दिन गुरुवार सुबह 6 बजकर 22 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, 17 मई, 2024 दिन शुक्रवार सुबह 08 बजकर 48 मिनट पर इसका समापन होगा। पंचांग के अनुसार, 16 मई को सीता नवमी का पर्व मनाया जाएगा। इसके साथ ही सीता नवमी की पूजा 16 मई सुबह 11 बजकर 04 मिनट से लेकर दोपहर 01 बजकर 43 मिनट तक कर सकते हैं।

देवी सीता की पूजा विधि

  • सुबह जल्दी उठकर पवित्र स्नान करें
  • एक वेदी पर लाल कपड़ा बिछाकर राम दरबार की प्रतिमा स्थापित करें।
  • पंचामृत, गंगाजल व पवित्र जल से अभिषेक करें।
  • कुमकुम और गोपी चंदन का तिलक लगाएं।
  • देसी घी का दीपक जलाएं।
  • पीले फूलों की माला चढ़ाएं।
  • मखाने की खीर, फल, मिठाई आदि का भोग लगाएं।
  • इस शुभ दिन पर रामायण का पाठ बेहद शुभ माना जाता है।
  • कुछ भक्त इस दिन भजन-कीर्तन का आयोजन भी करते हैं।
  • इसके अलावा लोग भगवान राम और देवी जानकी को समर्पित विभिन्न मंदिरों में दर्शन के लिए जाते हैं।

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अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।


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