Bihar Politics: जीत का चौका लगा पाएगा भाजपा का ये कद्दावर नेता? जानें क्या कहते हैं पश्चिमी चंपारण के सियासी समीकरण
Lok Sabha Elections 2024 बिहार की पश्चिमी चंपारण लोकसभा सीट एक समय कांग्रेस का गढ़ हुआ करती थी लेकिन अब यह भाजपा का दुर्ग बन चुकी है। पश्चिमी चंपारण सीट पर कांग्रेस और भाजपा दोनों ने छह बार जीत दर्ज की है। इस बार की लड़ाई आमने-सामने की है। ऐसे में देखना ये है कि कि इस बार कौन बाजी मारता है।
पप्पू कुमार, रक्सौल/पूच। पश्चिमी चंपारण लोकसभा सीट कांग्रेस का गढ़ हुआ करती थी, लेकिन अब यह भाजपा का किला बन गई है। इन सीटों पर कांग्रेस ने 6 बार और भाजपा ने भी 6 बार जीत हासिल किया है। इस बार की लड़ाई आमने-सामने की है। देखना है कि इस बार कौन जीत हासिल करता है।
यहां से मौजूदा सांसद डॉ. संजय जायसवाल जीत का चौका लगाने की फिराक में लगे हैं। वहीं, कांग्रेस ने ब्राह्मण जाति से आने वाले बेतिया से कांग्रेस के पूर्व विधायक मदनमोहन तिवारी को टिकट देकर ब्राह्मण कार्ड खेला है।
पश्चिमी चंपारण कांग्रेस का गढ़ हुआ करता था, उसके बाद 1996 में भाजपा से मदन जायसवाल सांसद बने थे। उसके बाद से 2004 में राजद से रघुनाथ झा ने जीत हासिल किया था। उसके बाद सन 2009 से भाजपा से डा संजय जायसवाल सांसद हैं।
कब किसने लड़ा चुनाव?
पश्चिम चंपारण लोकसभा सीट से कई दिग्गजों ने दांव आजमाया है। गंगाजल, राजनीति, अपहरण जैसे कई मशहूर फिल्में बनाने वाले निर्माता निर्देशक प्रकाश झा भी अपनी किस्मत आजमा चुके हैं।
प्रकाश झा 2009 तथा 2014 में दो अलग-अलग पार्टियों से लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं। दोनों बार दूसरे नंबर पर ही रहे। वर्ष 2009 में लोजपा से तथा 2014 में जदयू के टिकट से चुनाव लड़ा था।
सन 2009 में कांग्रेस से लालू यादव के साले अनिरुद्ध प्रसाद यादव उर्फ साधु यादव भी दांव आजमा चुके हैं। उसके बाद 2019 में रालोसपा से ब्रजेश कुशवाहा ने भी आजमाया है।
कब किसने दर्ज की जीत?
पश्चिमी चंपारण लोकसभा सीट से सन 1952 से 1971 तक कांग्रेस ने जीत दर्ज किया था। सन 1977 में जनता पार्टी, सन 1980 में सीपीआई, सन 1984 में कांग्रेस, सन 1989 व 1991में जनता दल, 1996 से लेकर 1999 तक भाजपा, 2004 में राजद, 2009 से लेकर अब तक भाजपा के सांसद डा संजय जायसवाल का कब्जा है।
मतदाताओं की संख्या
पश्चिमी चंपारण लोकसभा में मतदाताओं की कुल संख्या लगभग 17 लाख 41 हजार है। जिसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 9 लाख 27 हजार 745 और महिला मतदाताओं की संख्या 8 लाख 13 हजार 310 तथा थर्ड जेंडर की संख्या 60 है।
जातीय समीकरण
पश्चिमी चंपारण लोकसभा में जातिगत समीकरण की बात करें, तो इस लोकसभा क्षेत्र में मुस्लिम, वैश्य,यादव प्रमुख भूमिका निभाते हैं। यहां मुस्लिम करीब 3,12,000, वैश्य करीब 2,50,000, यादव करीब 2,50,000, ब्राह्मण करीब 1,40,000, कुशवाहा करीब 2,50,000, राजपूत,भूमिहार और कायस्थ करीब 90,000 है।
2019 में किसे कितना मिला वोट?
साल 2019 में पश्चिमी चंपारण लोकसभा चुनाव परिणाम घोषित हुआ। जिसमें भाजपा के पक्ष में 62.4 फीसदी वोट पड़े थे। जिसमें भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार डॉ. जायसवाल को 6 लाख 3 हजार 706 वोट मिले थे। जबकि राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के बृजेश कुशवाहा को 3 लाख 9 हजार 800 वोट के साथ दूसरे नंबर पर थे।
पश्चिमी चंपारण लोकसभा में आते हैं 6 विधानसभा क्षेत्र
बता दें कि पश्चिमी चंपारण लोकसभा में 6 विधानसभा सीट हैं। जिसमें पश्चिमी चंपारण के बेतिया, नौतन, चनपटिया तथा पूर्वी चंपारण के रक्सौल, सुगौली, नरकटिया विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं।
किस 6 विधानसभा में किस पार्टी का है कब्जा
पश्चिमी चंपारण लोकसभा क्षेत्र के नौतन में नारायण प्रसाद (भाजपा), बेतिया में रेणु देवी (भाजपा), चनपटिया में उमाकांत सिंह (भाजपा), रक्सौल में प्रमोद कुमार सिन्हा (भाजपा) का कब्जा है। वहीं, मात्र दो सीटों पर राजद का कब्जा है। जिसमें नरकटिया से डॉ. शमीम अहमद राजद, सुगौली से ई. शशिभूषण सिंह ने 2020 के हुए विधानसभा चुनाव में जीत हासिल किए थे।
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