हो जाएं सावधान! तेज रफ्तार से आ रहा चक्रवाती तूफान 'रेमल', जानें कितना खतरनाक है यह
मुख्य सचिव की ओर से बताया गया कि कंट्रोल रूम खोलने से लेकर राहत सामग्री व जरूरी दवाओं समेत सभी आवश्यक सामग्रियों का भंडारण किया गया है। प्रभावित लोगों के लिए आश्रय शिविरों की भी पर्याप्त संख्या में व्यवस्था की गई है। विद्युत सेवा को स्वभाविक रखने के लिए भी तैयारी की गई है। समुद्र में मछुआरों को 27 मई तक नहीं जाने की सलाह दी गई है।
राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। बंगाल में गंभीर चक्रवात 'रेमल' से निपटने के लिए राज्य प्रशासन ने ऐहतियाती तैयारियां तेज कर दी है। शनिवार को राज्य के मुख्य सचिव बीपी गोपालिका ने राज्य सचिवालय नवान्न में अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक कर चक्रवात से मुकाबले को लेकर गहन चर्चा की।
दूसरी ओर, चक्रवात की तैयारियों की समीक्षा के लिए केंद्र की तरफ से कैबिनेट सचिव राजीब गौबा ने भी वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। नवान्न सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में मुख्य सचिव ने कैबिनेट सचिव को चक्रवात से मुकाबले के लिए राज्य द्वारा उठाए गए ऐहतियाती उपायों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
मुख्य सचिव की ओर से बताया गया कि कंट्रोल रूम खोलने से लेकर राहत सामग्री व जरूरी दवाओं समेत सभी आवश्यक सामग्रियों का भंडारण किया गया है। प्रभावित लोगों के लिए आश्रय शिविरों की भी पर्याप्त संख्या में व्यवस्था की गई है। विद्युत सेवा को स्वभाविक रखने के लिए भी तैयारी की गई है।
समुद्र में मछुआरों को 27 मई तक नहीं जाने और मौजूद मछुआरों को तुरंत लौटने की सलाह दी गई है। सूत्रों के अनुसार, कैबिनेट सचिव ने बंगाल सरकार को आश्वासन देते हुए कहा कि स्थिति से निपटने के लिए सभी केंद्रीय एजेंसियां पूरी तरह अलर्ट पर हैं और हरसंभव सहायता के लिए उपलब्ध रहेंगी।
एनडीआरएफ की 12 टीमें तैनात
उन्होंने जानकारी दी कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की 12 टीमों को तैनात किया है, वहीं पांच अतिरिक्त टीमों को स्टैंडबाय पर रखा गया है। सेना, नौसेना और तटरक्षक बल की बचाव और राहत टीमों को भी तैयार (अलर्ट) रखा गया है। शिपिंग महानिदेशक द्वारा कोलकाता और पारादीप के बंदरगाहों पर नियमित अलर्ट के साथ सलाह जारी की जा रही है।
वहीं, विद्युत मंत्रालय द्वारा तत्काल बिजली बहाली के लिए आपातकालीन टीमों को तैनात किया गया है। कैबिनेट सचिव ने जोर दिया कि राज्य सरकार और केंद्रीय एजेंसियों द्वारा सभी आवश्यक निवारक और एहतियाती कदम उठाए जाएं। इसका उद्देश्य जीवन की हानि को शून्य रखना और बिजली और दूरसंचार जैसे संपत्ति और बुनियादी ढांचे को नुकसान को कम करना होना चाहिए।
साथ ही नुकसान के मामले में आवश्यक सेवाओं को कम से कम समय में बहाल किया जाना चाहिए।
उन्होंने यह सुनिश्चित करने को कहा कि समुद्र में मछुआरों को तुरंत वापस बुलाया जाए और संवेदनशील इलाकों से लोगों को समय पर निकाला जाए।
रविवार को लैंडफाल कर सकता है चक्रवात
मौसम विभाग (आईएमडी) ने शुक्रवार को चेतावनी दी कि बंगाल की खाड़ी में उत्पन्न चक्रवात रेमल रविवार देर रात में बंगाल के सागरद्वीप व बांग्लादेश के तटों के बीच लैंडफाल कर सकता है। इसके 110 से 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से टकराने की आशंका है। कोलकाता समेत दक्षिण बंगाल के जिलों में इसको लेकर सतर्कता जारी की गई है।
रविवार को चक्रवात के प्रभाव से हवा की गति 120 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंच सकती है। मौसम विभाग के अनुसार, यह चक्रवात एक गहरे दबाव में बदलकर गंभीर होता जा रहा है। शनिवार सुबह 5.30 बजे यह बंगाल के सागरद्वीप से लगभग 380 किमी और कैनिंग से 530 किमी दक्षिण-दक्षिण पूर्व में केंद्रित हो गया।
मौसम विभाग ने रविवार-सोमवार को बंगाल और उत्तरी ओडिशा के तटीय जिलों में अत्यधिक भारी वर्षा की चेतावनी दी है। विभाग ने 26 और 27 मई को बंगाल के तटीय जिलों दक्षिण और उत्तर 24 परगना के लिए रेड अलर्ट जारी किया है।
निचले इलाकों में बड़े नुकसान होने की आशंका
मौसम विभाग ने उत्तर और दक्षिण 24 परगना जिलों में फूस के घरों, फसलों, पेड़ों के उखडऩे और निचले इलाकों में बाढ़ से बड़े नुकसान होने की आशंका जताई है। इस गंभीर चक्रवात के खतरे से बिजली और संचार लाइनों को भी भारी नुकसान हो सकता है।