शादी के बाद युवक ने ऐसा क्या किया...? अदालत ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा, 13 हजार का जुर्माना भी लगा
दहेज हत्या के एक मुकदमे में अपर जिला जज न्यायालय ने आरोपित पति को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। 13 हजार का अर्थदंड भी लगाया गया है। वहीं आरोपित की मां को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया। मामले में नामजद भाई व फूफा पर लगे आरोपों की पुष्टि न होने पर विवेचना में ही नाम निकाल दिया था।
जागरण संवाददाता, उन्नाव। दहेज हत्या के एक मुकदमे में अपर जिला जज न्यायालय ने आरोपित पति को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। 13 हजार का अर्थदंड भी लगाया गया है। वहीं आरोपित की मां को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया। मामले में नामजद भाई व फूफा पर लगे आरोपों की पुष्टि न होने पर विवेचना में ही नाम निकाल दिया था।
कानपुर के बिठूर क्षेत्र के प्रतापपुर हरी गांव निवासी ओमप्रकाश ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि चार मार्च 2009 को उसकी बहन गोपी की शादी शुक्लागंज के रहमतनगर निवासी राजेश निषाद के साथ हुई थी। शादी के बाद से राजेश दहेज की मांग को लेकर स्वजन के साथ बहन से मारपीट करता था। मारपीट से तंग आकर बहन मायके वापस लौट आई थी।
27 अप्रैल 2014 को राजेश अपनी मां बेलापती के साथ उसके घर आया और बहन को विदा करा ले गया। चार मई 2014 को जानकारी मिली की राजेश ने मां बेलावती, भाई अनिल व फूफा चुन्नीलाल के साथ मिलकर बहन पर केरोसिन डालकर आग लगा दी। मुहल्ले के लोगों ने बहन को गंभीर हालत में कानपुर के उर्सला में भर्ती कराया। आठ मई 2014 की शाम करीब 8:30 बजे इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
सभी आरोपितों के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज
तहरीर के आधार पर पुलिस ने सभी आरोपितों के विरुद्ध दहेज हत्या समेत अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की थी। विवेचना के दौरान भाई अनिल व फूफा चुन्नीलाल पर लगाए गए आरोपों की पुष्टि न होने पर विवेचक मनोज कुमार अवस्थी ने दोनों के नाम निकालते हुए पति राजेश व उसकी मां बेलापति के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया था।
गुरुवार को मामले की अंतिम सुनवाई के दौरान न्यायाधीश स्वतंत्र प्रकाश ने सरकारी अधिवक्ता यशवंत सिंह के द्वारा प्रस्तुत की गई दलील व साक्ष्य के आधार पर आरोपी राजेश को दोषी मानकर आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। वहीं साक्ष्य के अभाव में बेलापति को सभी आरोपों से बरी कर दिया।