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कोसी नदी में बढ़ने लगा है पानी का स्‍तर, पीपा पुल भी हुआ ध्‍वस्‍त; बनने में अभी लगेगा वक्‍त

कोसी नदी में पानी का स्‍तर बढ़ने लगा है ऐस में निर्माणाधीन पीपा पुल को बनने में अभी और वक्‍त लगेगा। सरकारी प्रावधान के अनुसार 15 जून के बाद इसे खोला जाना है क्योंकि बाढ़ के दौरान पीपा पुल से यात्रा करना खतरनाक माना जाता है। ऐसे में दियारा के लोगों को नदी पार करने के लिए नाव या पानी में पैदल सफर करना पड़ेगा।

By Kundan Singh Edited By: Arijita Sen Published: Wed, 22 May 2024 04:24 PM (IST)Updated: Wed, 22 May 2024 04:24 PM (IST)
कोसी नदी में निर्माणाधीन पीपा पुल की तस्‍वीर।

संसू, महिषी (सहरसा)। कोसी में लाल पानी उतरने लगा है। पिछले दो दिनों से कोसी नदी के जलस्तर में भी वृद्धि दर्ज की जा रही है। ऐसे में राजनपुर घाट को सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड के घोघसम घाट को जोड़ने के लिए करीब दो सौ मीटर में बने पीपा पुल का एप्रोच जगह-जगह ध्वस्त हो गया। दियारा के लोगों को कोसी नदी पार करने के लिए कहीं नाव या कहीं पानी में पैदल सफर करने की समस्या पुनः आन पड़ी है ।

लोगों की समस्या पूर्ववत

ज्ञात हो कि कोसी तटबंध के भीतर बसे गांव के लोगों के आवागमन को सुलभ व सुरक्षित करने के उद्देश्य से राजनपुर घाट से सिमरी बख्तियारपुर के घोघसम तक करीब 4.5 कि.मी. की लम्बाई में लगभग 24 करोड़ की लागत से पीपा पुल का निर्माण करवाया जा रहा है।

कोसी नदी का जलस्तर काफी कम रहने से नदी की धारा महज दो सौ मीटर के करीब रह गयी थी। जिसमें निर्माण कार्य करवाया जा सका और कुछ हद तक लोगों को इस पुल निर्माण का फायदा भी मिला परन्तु नदी के जल स्तर में उतार चढ़ाव का दौर शुरू होते ही पुल के एप्रोच बह जाने से लोगों के समक्ष समस्या पूर्ववत आन खड़ी हुई।

पुल निर्माण में लगे मजदूरों से मिली जानकारी के अनुसार कोसी नदी के जल स्तर में वृद्धि तो हुई है परंतु पूल निर्माण के लिए कम से कम चार फीट के जलस्तर का होना आवश्यक है जो नदी में कम ही स्थल पर मिल पा रहा है।

इस वर्ष निर्माण पूर्ण होने के आसार कम

मिली जानकारी के अनुसार, पुल निर्माण पूर्ण करने के लिए 72 एयर सिलेंडर को जोड़ा जाना है। जल स्तर में कमी के कारण महज 26 एयर सिलेंडर ही लगाए जा सका और आम लोगों की सुविधा के लिए इसे चालू कर दिया गया।

शेष एयर सिलेंडर तैयार अवस्था में है, परंतु पीपा पुल के लिए सरकारी प्रावधान के अनुसार 15 जून के बाद इसे खोला जाना है क्योंकि बाढ़ के दौरान पीपा पुल से यात्रा करना खतरनाक माना जाता है।

अभी निर्माण के लिए समय को उपयुक्त नहीं माना जा रहा। ऐसे में बाढ़ की समय सीमा समाप्ति के पश्चात ही आगे का निर्माण संभव दिखता है।

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