Lucknow News : आइएसआइ के जासूसों के लिए फंड जुटाने वाले को ATS ने दबोचा, सेना की खुफिया जानकारी कराता था मुहैया
एटीएस ने लखनऊ के गोमती नगर थाने में एफआइआर दर्ज कर आगे की जांच शुरू की थी। जांच में निकला था कि रियाजुद्दीन आइएसआइ के हैंडलर्स के सीधे संपर्क में था और भारत के धार्मिक स्थलों व सेना की गोपनीय जानकारी उन्हें देता था। रियाजुद्दीन के बैंक खातों में 70 लाख रुपये भेजे गए थे। वह अपना बैंक खाता बिहार के इजहारुन हुसैन के नाम से चलाता था।
राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ : पाकिस्तानी गुप्तचर एजेंसी आइएसआइ के हैंडलरों को भारतीय सेना की गोपनीय जानकारी पहुंचाने वाले एजेंटों के लिए फंड एकत्र करने वाले आरोपित को आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने संत कबीर नगर रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया है।
50 हजार रुपये का घोषित था इनाम
आरोपित की पहचान बिहार के पश्चिमी चंपारण में जौकटिया निवासी जियाउल हक के रूप में हुई है। उसके ऊपर 50 हजार रुपये का पुरस्कार घोषित था।एटीएस के प्रवक्ता ने बताया कि आइएसआइ को सेना की गोपनीय जानकारी उपलब्ध करवाने के आरोप में 26 नवंबर, 2023 को गाजियाबाद से अमृपाल सिंह उर्फ अमृत गिल और रामपुर से इजहारुल हुसैन को गिरफ्तार किया गया था। उनसे पूछताछ के बाद रियाजुद्दीन को गिरफ्तार किया गया था। ये सभी सेना की गोपनीय जानकारी आइएसआइ को देते थे।
सेना की जानकारी देने का आरोप
इस मामले में एटीएस ने लखनऊ के गोमती नगर थाने में एफआइआर दर्ज कर आगे की जांच शुरू की थी। जांच में निकला था कि रियाजुद्दीन आइएसआइ के हैंडलर्स के सीधे संपर्क में था और भारत के धार्मिक स्थलों व सेना की गोपनीय जानकारी उन्हें देता था। रियाजुद्दीन के बैंक खातों में 70 लाख रुपये भेजे गए थे। वह अपना बैंक खाता बिहार के इजहारुन हुसैन के नाम से चलाता था।
इसी जांच के दौरान एटीएस को जियाउल के बारे में पता चला। जियाउल नेपाल के सिम से वाट्सएप के जरिये आइएसआइ हैंडलर्स से बात करता था। साथ ही आइएसआइ से फंड एकत्र करके जासूसी करने वालों को उपलब्ध करवाता था। आइएसआइ से फंड मंगवाने के लिए जियाउल अलग-अलग लोगों के बैंक खातों का इस्तेमाल करता था। उसके पास से दो मोबाइल भी बरामद हुए हैं।