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बस अड्डा हो या अस्पताल, हर जगह चल रहा इस खतरनाक चीज का कारोबार; लालच में दुकानदार भी कर रहे ये हरकत

Sitapur News तंबाकू के सेवन से कैंसर लिवर सोराइसिस जैसी गंभीर बीमारियां उत्पन्न होने का खतरा बना रहता है। इसके बावजूद भी शौकीन लोग तंबाकू खाने से होने वाले नुकसान के प्रति जागरूक नहीं हो रहे और न ही प्रतिबंध अमल में लाने के प्रति जिम्मेदार। नतीजतन सार्वजनिक स्थानों पर तंबाकू धड़ल्ले से बेची व खरीदी जा रही है।

By Badri vishal awasthi Edited By: Aysha Sheikh Published: Sun, 26 May 2024 04:32 PM (IST)Updated: Sun, 26 May 2024 04:32 PM (IST)
बस अड्डा हो या अस्पताल, हर जगह चल रहा इस खतरनाक चीज का कारोबार

संवाद सूत्र, सीतापुर। तंबाकू के सेवन से कैंसर, लिवर सोराइसिस जैसी गंभीर बीमारियां उत्पन्न होने का खतरा बना रहता है। इसके बावजूद भी शौकीन लोग तंबाकू खाने से होने वाले नुकसान के प्रति जागरूक नहीं हो रहे और न ही प्रतिबंध अमल में लाने के प्रति जिम्मेदार।

नतीजतन, सार्वजनिक स्थानों पर तंबाकू धड़ल्ले से बेची व खरीदी जा रही है। ऐसा तब है जब प्रत्येक वर्ष 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस के रूप में मनाया जाता है। लोगों को तंबाकू और उसके उत्पादों के दुष्प्रभावों को बताते हुए इनके सेवन से बचने की सलाह दी जाती है।

बस अड्डा रोड के दोनों तरफ तंबाकू व गुटखा की दुकानें सजी हैं। हाल ऐसा कि हर चार-पांच कदम पर एक दुकान मिल जाएगी। नगर पालिका परिषद ने बस अड्डे पर जहां रैन बसेरा बनवाया गया है, उसके सामने भी तंबाकू, बीड़ी-सिगरेट की दुकानें हैं।

बस अड्डे के सामने तो पहले से ही दुकानें संचालित हो रही थीं। यही हाल जिला अस्पताल व जिला महिला अस्पताल गेट का है। गेट पर लगे ठेलों पर चाय-नमकीन के साथ ही तंबाकू उत्पाद भी बेचे जा रहे हैं। इन खोखा दुकानों की शुरुआत मुख्य मार्ग से जिला अस्पताल रोड पर मुड़ते ही हो जाती है। करीब 50 मीटर की दूरी पर 12 से ज्यादा दुकानें हैं।

दूसरों को भी पहुंचा रहे नुकसान

दुकानों पर सिर्फ तंबाकू उत्पाद बेचे ही नहीं जा रहे बल्कि सेवन भी किए जा रहे हैं। पान की गुमटी पर लोग खड़े होकर सिगरेट पीते हैं, जिसका धुआं आसपास मौजूद लोगों पर कुप्रभाव डालता है। डा. प्रदीप पांडेय ने बताया कि सिगरेट का छोड़ा गया धुआं, सिगरेट पीने से ज्यादा खतरनाक होता है। इसके संपर्क में आने से बचना चाहिए।

बालक हो रहे शिकार

खुलेआम बिक रहे तंबाकू और उत्पादों का सबसे ज्यादा कुप्रभाव बालकों पर पड़ रहा है। छोटे-छोटे बालक गुटखा खाने लगे हैं। वहीं, लाभ कमाने के लालच में दुकानदार उन्हें गुटखा बेचने में परहेज भी नहीं करते।

मद्य निषेध विभाग लोगों को नशा न करने और छोड़ने के प्रति जागरूक कर रहा है। वहीं, जिनको लत लग गई है उन्हें नशा मुक्ति केंद्रों में भर्ती कराया जाता है। तंबाकू के चलन को रोकने के लिए एक संयुक्त प्रयास किए जाने की जरूरत है। - नीतू वर्मा, जिला मद्य निषेध अधिकारी


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