Move to Jagran APP

Dengue Vaccine : डेंगू के इलाज में बिहार बनाएगा कीर्तिमान, RMRI में देसी टीके का जल्द होगा तीसरा परीक्षण

Dengue Vaccine देश भर में पिछले साल लगभग ढाई लाख लोग डेंगू की चपेट में आए थे। ऐसे में इससे बचाव जरूरी है। इस दिशा में एक नए देसी टीके का निर्माण किया गया है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की निगरानी में सनोफी एबेंटिस कंपनी ने देश का पहला डेंगू टीका ‘डेंगू ऑल’ विकसित किया है जिसका परीक्षण आरएमआरआई समेत देश के 20 केंद्रों पर शुरू होगा।

By Jagran News Edited By: Arijita Sen Published: Fri, 10 May 2024 12:12 PM (IST)Updated: Fri, 10 May 2024 12:12 PM (IST)
डेंगू के इलाज में बिहार बनाएगा कीर्तिमान, RMRI में देसी टीके का जल्द होगा तीसरा परीक्षण

अहमद रजा हाशमी, पटना सिटी। Dengue Vaccine : चिकित्सा क्षेत्र में देश एक के बाद एक नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। कोरोना से बचाने वाली को-वैक्सीन के बाद अब देश में डेंगू का टीका विकसित किया गया है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की निगरानी में सनोफी एबेंटिस कंपनी ने देश का पहला डेंगू टीका ‘डेंगू ऑल’ विकसित किया है।

loksabha election banner

पशुओं के बाद अब इंसान पर किया जाएगा ट्रायल

इस देसी टीके का तीसरा परीक्षण इसी माह पटना के अगमकुआं स्थित राजेंद्र स्मारक चिकित्सा विज्ञान अनुसंधान संस्थान (आरएमआरआई) समेत देश के 20 केंद्रों पर एक साथ शुरू होगा। यह जानकारी आरएमआरआई के निदेशक डा. कृष्णा पांडेय ने दी।

उन्होंने बताया कि पशुओं पर परीक्षण की सफलता के बाद मनुष्यों पर इसके ट्रायल की अनुमति ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से मिल चुकी है। इससे पहले दो परीक्षण हो चुके हैं। तीसरा परीक्षण अप्रैल में शुरू होना था, अपरिहार्य कारणों विलंब हुआ है।

दस हजार लोगों पर किया जाएगा टीके का ट्रायल

इस टीके की एक ही डोज डेंगू से बचाव के लिए पर्याप्त होगी। देश में लगभग दस हजार लोगों पर इस टीके का ट्रायल किया जाएगा। ट्रायल के बाद दो वर्ष तक इसका प्रभाव देखने के बाद इसे आमजन को उपलब्ध करा दिया जाएगा।

निदेशक ने बताया कि अभी डेंगू से बचाव के लिए दो विदेशी वैक्सीन उपलब्ध हैं। पहली अमेरिका की डेंग्रेसिया लगभग 60 प्रतिशत और ब्राजील की टेक003 वैक्सीन लगभग 70 प्रतिशत प्रभावी है।

वैक्सीन इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि डेंगू के उपचार के लिए कोई सटीक दवा नहीं है। इसका उपचार लक्षणों के आधार पर किया जाता है। बताते चलें कि देश में गत वर्ष लगभग ढाई लाख लोग डेंगू की चपेट में आए थे।

प्रदेश में जून 2017 से अप्रैल 2018 तक हुआ था नमूना संग्रह

आरएमआरआई के निदेशक डा. कृष्णा पांडेय ने बताया कि देश में डेंगू टीका विकसित करने से पूर्व देश के पंद्रह राज्यों समेत बिहार के पश्चिम चंपारण, कटिहार, वैशाली, पटना में सर्वे कर नमूना संग्रह किया गया था।

तत्कालीन निदेशक डा. प्रदीप दास, वैज्ञानिक डा. रौशन कुमार टोपनो के नेतृत्व में टीम ने पांच से आठ वर्ष के 4,059 बच्चों, नौ से 17 वर्ष के 4,265 एवं 18 से 45 आयु वर्ग के 3,976 लोगों का तीन श्रेणियों में सर्वे कर नमूना लिया था। हर जिले में दो ग्रामीण और दो शहरी समेत चार क्लस्टर बनाए गए थे। इन्होंने ही घर-घर जाकर रक्त नमूना संग्रहित किया था। 

टाइगर मादा मच्छर के काटने से होता डेंगू

निदेशक ने बताया कि मानसून के बाद जब पानी कूलर, पुराने टूटे बर्तन, टायर, गड्ढों या अन्य जगह जमा हो जाता है, तब उस साफ पानी में चितकबरे रंग की टाइगर मादा मच्छर के लार्वा पनपते हैं।

यह मच्छर अधिकांशत: सुबह-शाम व दिन की रोशनी में काटते हैं। इसी मच्छर के काटने से डेंगू, चिकनगुनिया, यलो फीवर, जीका वायरस होता है।

डेंगू के लक्षण

डा. कृष्णा पांडेय ने बताया कि डेंगू चार प्रकार के होते हैं। डेन-1 से डेन-4 तक का। इसमें से डेन-2 व डेन-3 टाइप भारत में अधिक हैं। टाइगर मच्छर के काटने से प्लेटलेट्स कम हो जाते हैं।

शरीर के विभिन्न अंगों से आंतरिक रक्तस्राव होने लगता है। तेज बुखार, सिर में तेज दर्द, आंखों के पिछले हिस्से में असहनीय दर्द, उल्टी, दस्त आदि इसके लक्षण हैं। हैमरेजिक या शाक सिंड्रोम होने पर यह जानलेवा हो जाता है।

ये भी पढ़ें:

Bihar News: बिहार के नवगछिया में भीषण सड़क हादसा, लाइन होटल के तीन मालिकों की दर्दनाक मौत; ट्रक में घुस गई कार

Tejashwi Yadav: 'हमारे चाचा जी पलट गए नहीं तो आज बिहार में....', तेजस्वी ने नीतीश कुमार को फिर दिया संदेश


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.