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MP Highcourt: लड़की को करता था परेशान, कोर्ट ने आरोपित को दो महीने समाज सेवा की शर्त पर दी जमानत

मप्र हाई कोर्ट ने गुरुवार को नाबालिग से छेड़छाड़ के आरोपित बीबीए के एक छात्र को भोपाल के जेपी जिला अस्पताल में दो माह तक समाज सेवा की शर्त पर जमानत दे दी। उन्होंने आदेश में कहा कि छात्र को सुधार का अवसर देते हुए जमानत दी जाती है। छात्र दो माह तक प्रति शनिवार व रविवार जिला अस्पताल में सुबह नौ से दोपहर एक बजे तक सेवा देगा।

By Jagran News Edited By: Jeet Kumar Published: Fri, 24 May 2024 06:00 AM (IST)Updated: Fri, 24 May 2024 06:00 AM (IST)
कोर्ट ने आरोपित को दो महीने समाज सेवा की शर्त पर दी जमानत

 जेएनएन, जबलपुर। मप्र हाई कोर्ट ने गुरुवार को नाबालिग से छेड़छाड़ के आरोपित बीबीए के एक छात्र को भोपाल के जेपी जिला अस्पताल में दो माह तक समाज सेवा की शर्त पर जमानत दे दी। उन्होंने आदेश में कहा कि छात्र को सुधार का अवसर देते हुए जमानत दी जाती है। छात्र दो माह तक प्रति शनिवार व रविवार जिला अस्पताल में सुबह नौ से दोपहर एक बजे तक सेवा देगा।

एक बेहतर नागरिक बनेगा- कोर्ट से बोला आरोपित

इस दौरान वह कंपाउंडरों के सहयोग व अस्पताल में साफ-सफाई के साथ मरीजों की भी हरसंभव मदद करेगा। रजिस्ट्रेशन के काम में उसे मरीजों का सहयोग करना होगा। कोर्ट ने साफ कहा कि इस तरीके से यह लड़का अपनी सामाजिक जिम्मेदारी को समझेगा और एक बेहतर नागरिक बनेगा। यदि उसने शर्तों का उल्लंघन किया तो जमानत निरस्त कर दी जाएगी।

कोर्ट ने सीएमएचओ को निर्देश दिया है कि वे युवक को अस्पताल की ओपीडी में कार्य करने की अनुमति प्रदान करें। प्रकरण की अगली सुनवाई 22 जुलाई को होगी। भोपाल निवासी अभिषेक शर्मा पर आरोप है कि वह एक नाबालिग लड़की का पीछा करता है, बेवजह उसे फोन काल करता है और भद्दे कमेंट करता है।

आरोपित ने लड़की के नाम का टैटू भी बनवाया

आरोपित ने अपने हाथ में लड़की के नाम का टैटू भी बनवाया है। तंग आकर लड़की ने चार अप्रैल, 2024 को थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने अभिषेक को जेल भेज दिया था। भोपाल के कोर्ट ने जमानत देने से इन्कार किया तो उसने हाई कोर्ट में जमानत आवेदन दायर किया।

आरेापित के माता-पिता भी माफी मांगते हुए रहम की गुहार लगाते रहे

युवक की ओर से दलील दी गई कि बीबीए स्टूडेंट है और यदि उसे गंभीर सजा दी गई तो उसका करियर बर्बाद हो जाएगा। सुनवाई के दौरान आरेापित के माता-पिता भी माफी मांगते हुए रहम की गुहार लगाते रहे। सुनवाई के बाद कोर्ट ने उक्त सुधारवादी अनूठा आदेश सुना दिया है।


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