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Rajkot Game zone Fire: संचालकों ने वीकेंड को देखते हुए रखा था स्पेशल ऑफर, 99 रुपये की फीस से गेमिंग जोन में उमड़ी भीड़

Rajkot Game zone Fire गेमिंग जोन के संचालकों ने वीकेंड का फायदा उठाते हुए आगंतुकों को लुभाने के लिए 99 रुपये की योजना शुरू की। इसके तहत प्रवेश शुल्क 500 रुपये से काफी कम कर दिया गया। सूत्रों के अनुसार 99 रुपये की स्कीम के कारण गेमिंग जोन में भारी भीड़ देखी गई। नतीजतन आग लगने के समय वहां लगभग 300 लोग जमा हो गए थे।

By Agency Edited By: Babli Kumari Published: Sun, 26 May 2024 11:45 PM (IST)Updated: Sun, 26 May 2024 11:45 PM (IST)
गेमिंग जोन में आग लगने से 35 लोगों की मौत (फाइल फोटो)

आइएएनएस, राजकोट। गेमिंग जोन में आग लगने से 35 लोगों की मौत के बाद राजकोट में शोक का माहौल है। इस बीच यह बात सामने आई है कि गेमिंग जोन के संचालकों ने वीकेंड का फायदा उठाते हुए आगंतुकों को लुभाने के लिए 99 रुपये की योजना शुरू की। इसके तहत प्रवेश शुल्क 500 रुपये से काफी कम कर दिया गया। सूत्रों के अनुसार, 99 रुपये की स्कीम के कारण गेमिंग जोन में भारी भीड़ देखी गई।

नतीजतन, आग लगने के समय वहां लगभग 300 लोग जमा हो गए थे। यह बात भी सामने आई है कि गेमिंग जोन प्रबंधन ने फायर एनओसी प्राप्त नहीं किया था।

नगर निगम की मंजूरी से बचने के लिए गेमिंग जोन को एक शेड में स्थापित किया गया था और केवल राइड सर्टिफिकेट प्राप्त करने के बाद तीन मंजिला परिसर चालू कर दिया गया। इन प्रमाणपत्रों को जारी करने के लिए जिम्मेदार अधिकारी अब फरार हैं।

आग सीढ़ी पर वेल्डिंग की चिंगारी की वजह से लगी

बताया जा रहा है कि आग सीढ़ी पर वेल्डिंग की चिंगारी की वजह से लगी। सिर्फ एक सीढ़ी उपलब्ध होने की वजह से दूसरी और तीसरी मंजिल पर मौजूद लोग फंस गए, जिससे हताहतों की संख्या बढ़ गई। गेमिंग जोन में इस्तेमाल की गई संरचना और सामग्री की वजह से आग तेजी से फैली। सूत्रों ने बताया कि गेमिंग जोन में रबर और रेजिन फ्लोरिंग, थर्मोकोल शीट और कार जोन के चारों ओर एक हजार से ज्यादा टायर लगे थे, जिससे अत्यधिक ज्वलनशील वातावरण बन गया।

यह घटना प्रबंधन की लापरवाही के कारण हुई

इसके अलावा घटनास्थल पर रखे 1500 लीटर डीजल ने आग को और भी ज्यादा भड़का दिया, जिससे यह भयंकर और बेकाबू हो गई। आवासीय क्षेत्र में चल रहा था गेमिंग जोनजांच से यह भी पता चला है कि यह घटना प्रबंधन की लापरवाही के कारण हुई है। पता चला है कि टीआरपी गेमिंग जोन चार साल से आवश्यक अनापत्ति प्रमाणपत्र के बिना एक आवासीय क्षेत्र में अवैध रूप से चल रहा था। नियामक मंजूरी को दरकिनार करने के लिए गे¨मग जोन एक कमजोर शेड जैसी संरचना में स्थापित किया गया था। यह परिसर खतरों से बेखबर आगंतुकों को आकर्षित करता रहा। 

एक परिवार के पांच सदस्यों की मौत

न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, एक मजेदार सप्ताहांत पर घूमने निकलना जडेजा परिवार के लिए दुखद बन गया, जिसने भीषण आग में अपने पांच सदस्यों को खो दिया। शनिवार शाम को वीरेंद्रसिंह जडेजा गेमिंग जोन में थे, जब जगह आग की लपटों में घिर गई। उनकी बेटी देविकाबा जडेजा ने बताया कि उनके पिता आग लगने के बाद अपने बेटे और तीन अन्य रिश्तेदारों को बचाने के लिए गे¨मग जोन की ऊपरी मंजिल पर पहुंचे, जिसके बाद वह लापता हो गए। अधिकारी मृतकों को लापता मानते हैं, जबकि परिवार जांच के लिए डीएनए नमूनों की पुष्टि का इंतजार कर रहे हैं। 

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