Move to Jagran APP

Rail Budget 2024: तीन नए रेल कॉरिडोर बनेंगे, साल में चार बार होंगी रेलवे में भर्तियां; मिलेंगी ये बड़ी सुविधाएं

Rail Budget 2024 News भर्ती अभियान को भी व्यवस्थित करते हुए वर्ष में अलग-अलग ग्रुप की चार बार निर्धारित समय पर रिक्तियां निकाली जाएंगी। जनवरी अप्रैल जून और अक्टूबर में नौकरी के अवसर मिलेंगे।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरिम बजट पेश करते हुए कहा कि तीनों नए रेल कारिडोर पर अगले पांच साल में काम पूरा कर लिया जाएगा।

By Jagran News Edited By: Narender Sanwariya Published: Thu, 01 Feb 2024 11:32 PM (IST)Updated: Thu, 01 Feb 2024 11:32 PM (IST)
Rail Budget 2024: तीन नए रेल कॉरिडोर बनेंगे, साल में चार बार होंगी रेलवे में भर्तियां (Photo Jagran)

अरविंद शर्मा, नई दिल्ली। अगले वित्त वर्ष में सुरक्षित, सुगम और समय पर रेल यात्रा के लिए बुनियादी सुविधाओं पर जोर दिया जाएगा। तीन नए रेल कारिडोर का निर्माण किया जाएगा। इनमें पहला ऊर्जा, खनिज और सीमेंट गलियारा, दूसरा पोर्ट कनेक्टिविटी गलियारा एवं तीसरा उच्च यातायात घनत्व (अमृत चतुर्भुज) गलियारा शामिल है। इन तीनों कारिडोर के निर्माण पर 11 लाख करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके अलावा अगले पांच वर्षों के दौरान 15 हजार करोड़ रुपये की लागत से 40 हजार बोगियों को वंदे भारत ट्रेन की तर्ज पर अपग्रेड किया जाएगा।

loksabha election banner

प्रमुख रेल बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का विस्तार

अंतरिम बजट बजट में रेलवे को अगले वित्त वर्ष के लिए कुल 2.52 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। अभी देश में ट्रेनों के माध्यम से प्रति वर्ष करीब 700 करोड़ लोग यात्रा करते हैं। आगे आधारभूत संरचनाओं को इस तरह बढ़ाने की तैयारी है कि प्रति वर्ष लगभग एक हजार करोड़ लोग यात्रा कर सकें। मेट्रो रेल एवं नमो भारत जैसी प्रमुख रेल बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का विस्तार किया जाएगा। अगले वित्त वर्ष में प्रत्येक हफ्ते में कम से कम एक वंदे भारत चलाने का लक्ष्य है।

साल में चार बार होंगी रेलवे में भर्तियां

भर्ती अभियान को भी व्यवस्थित करते हुए वर्ष में अलग-अलग ग्रुप की चार बार निर्धारित समय पर रिक्तियां निकाली जाएंगी। जनवरी, अप्रैल, जून और अक्टूबर में नौकरी के अवसर मिलेंगे।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरिम बजट पेश करते हुए कहा कि तीनों नए रेल कारिडोर पर अगले पांच साल में काम पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि मल्टी-माडल कनेक्टिविटी को सक्षम करने के लिए पीएम गति शक्ति के तहत इन परियोजनाओं पर काम होगा। डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर पर पहले से ही काम जारी है। उन्होंने कहा कि जहां रेलवे कारिडोर से लाजिस्टिक सेवाओं की दक्षता में सुधार होगा और लागत में कमी आएगी, वहीं कोचों को अपग्रेड करने से यात्रियों की सुरक्षा व सुविधा में वृद्धि होगी।

अश्विनी वैष्णव ने बताया दूरदर्शी बजट

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बजट को दूरदर्शी बताया है। उन्होंने कहा है कि रेलवे के लिए एक नया रोडमैप तैयार हुआ है, जो विकसित भारत की झांकी है। 10 वर्ष पहले तक रेल बजट का अर्थ होता था कि कुछ नई गाडि़यां चला देना, लेकिन वर्तमान सरकार ने रेलवे में निवेश बढ़ाया है। पहले 15 हजार करोड़ का बजट होता था, किंतु आज रेलवे में पूंजीगत व्यय के लिए दो लाख 55 हजार 393 करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया है। पिछले वर्ष यह राशि दो लाख 40 हजार करोड़ रुपये थी। सुरक्षा और विद्युतीकरण पर बल दिया जा रहा है। सभी जोनों का विद्युतीकरण अगले कुछ महीने में पूरा हो जाएगा।

पांच वर्षों में 40 हजार किमी रेल ट्रैक बनेगा

रेलवे गरीब एवं मध्यम वर्ग का मुख्य यातायात साधन है। यही नहीं, भारतीय रेलवे दुनिया का सबसे सस्ता यातायात साधन है। इसकी क्षमता बढ़ाने की जरूरत है। पिछले दस वर्षों में 26 हजार किमी ट्रैक बने हैं। इस वर्ष 5,500 किमी से ज्यादा ट्रैक बनाए जाएंगे। बुलेट ट्रेन का भी ट्रैक बनाया जा रहा है। जरूरत के अनुसार रेल ट्रैक की क्षमता बढ़ाई जाएगी। जहां अभी दो लाइन हैं, उन्हें चार लाइन किया जाएगा। इसी तरह चार लाइन को छह लाइन किया जाएगा। अगले पांच वर्षों के दौरान 40 हजार किमी रेल ट्रैक बनाया जाएगा।

सुरक्षा पर जोर

रेल यात्रा के दौरान सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कवच (आटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन) सिस्टम का विस्तार किया जाएगा। अन्य देशों की ट्रेनों में इसे 1991 से ही इस्तेमाल किया जा रहा है, लेकिन भारत में इसे पहली बार 2016 में अनुमोदित किया गया था। पावर सेक्टर में 269 और आप्टिकल में तीन हजार 40 कवच लग चुके हैं। रेलवे से यात्रा में प्रदूषण का उत्सर्जन 90 प्रतिशत कम होता है। वर्ष 2047 तक विकसित भारत की तस्वीर के लिए रेल यात्रा की क्षमता को बढ़ाना जरूरी है।

2030-31 तक नहीं रहेगी वेटिंग लिस्ट

रेल मंत्री ने आश्वस्त किया है कि वर्ष 2030-31 तक रेलवे में वे¨टग की समस्या पूरी तरह खत्म हो जाएगी। इसके लिए ब्लू ¨प्रट तैयार किया गया है। वेटिंग की समस्या के समाधान के लिए नई ट्रेनें चलाई जाएंगी। नए ट्रैक बिछाए जाएंगे। गाडि़यों को कैंसिल होने से भी बचाना होगा। जब ट्रैक की क्षमता बढ़ेगी तो यह समस्या खत्म हो जाएगी। वंदे भारत एवं अमृत भारत से सीख लेकर रेलवे को अपग्रेड किया जाएगा।

यह भी पढ़ें: Budget 2024 FACTS: अंतरिम बजट से महिलाओं और मध्यम वर्ग समेत आपको क्या मिला; 20 पॉइंट्स में समझें पूरा लेखा-जोखा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.