Punjab Weather Update: पंजाब में गर्मी ने तोड़ा 13 साल का रिकॉर्ड, लुधियाना समेत कई शहरों में 42 डिग्री पार तापमान
Punjab Weather Update पंजाब में गर्मी से लोगों की हालत खराब है। लुधियाना शहर में तापमान बीते बुधवार 44 डिग्री से पार पहुंच गया। इस भीषण गर्मी में लू के थपेड़ों ने भी लोगों का जीना मुहाल किया हुआ है। प्रदेश में गर्म हवाओं को लेकर मौसम विभाग ने एडवाइजरी जारी की है। अगले चार दिन पंजाब के कई स्थानों पर लू परेशान करेगी।
जागरण संवाददाता, लुधियाना। Punjab Weather Update: पंजाब में भीषण गर्मी पड़नी शुरू हो गई। बुधवार को लुधियाना में अधिकतम तापमान 44.5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो सामान्य से चार डिग्री सेल्सियस अधिक था। यह सीजन का सबसे गर्म दिन रहा।
उधर 27 डिग्री तापमान के साथ शिमला इस सीजन का सबसे गर्म दिन रहा। मौसम विभाग चंडीगढ़ के अनुसार पिछले 13 वर्षों में लुधियाना में पहली बार 15 मई को दिन का तापमान 44.5 डिग्री सेल्सियस पर पहुंचा है। इसके अलावा छह जिलों में अधिकतम तापमान 42 डिग्री सेल्सियस के पार रहा।
लू को लेकर एडवाइजरी जारी
बठिंडा में अधिकतम तापमान 42.6, पटियाला, पठानकोट व बरनाला में 42.4, फिरोजपुर में 42.2, अमृतसर व चंडीगढ़ में 42.0 डिग्री सेल्सियस रहा। मौसम विभाग के अनुसार वीरवार से लगातार चार दिनों तक लू चलने की संभावना है। विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।यह भी पढ़ें- Punjab News: 'आटा-दाल और फ्री बिजली नहीं, लोगों को...', पूर्व सीएम चन्नी ने जालंधर में लोगों से मांगा समर्थन
मौसम विभाग ने लू को लेकर जारी एडवाइजरी में कहा है कि बच्चे, बुजुर्ग व मरीजों के लिए उच्च तापमान परेशानी पैदा कर सकता हैं। ऐसे में धूप में निकलने से बचना चाहिए। पर्याप्त पानी पीना चाहिए, भले ही प्यास न हो।
31 मई को मानसून केरल पहुंचने के आसार
मानसून की बाट जोह रहे देशवासियों के लिए अच्छी खबर है। दक्षिण-पश्चिम मानसून के 31 मई के आसपास केरल के तट पर पहुंचने की संभावना है।
मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि मानसून जल्दी नहीं आ रहा है बल्कि यह सामान्य तारीख के करीब ही है क्योंकि केरल में आमतौर पर मानसून के शुरू होने की तारीख एक जून है।हालांकि मानसून को लेकर मौसम विभाग ने चार दिन का बफर भी रखा है यानी यह पहली मानसूनी बारिश 31 मई से चार दिन पहले या चार दिन बाद तक भी हो सकती है।अल नीनो, जोकि मानसून को बाधित करता है, कमजोर हो रहा है। यही नहीं, मानसून आने तक यह हट जाएगा। ला नीना स्थितियां एक्टिव हो रही हैं। ये भारत में अधिक वर्षा का कारण बनती हैं।
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